शिक्षा मंत्री ने दिये एग्जाम डेट आगे बढ़ाने के संकेत-प्रदेश में कोविड के बढ़ते संक्रमण से छात्रों और उनके पालकों में भय, तनाव के चलते नहीं हो पा रही परीक्षा की तैयारी
मध्यप्रदेश में लाखों बच्चे रोज-रोज टेंशन में जी रहे है. परीक्षा होगी या नहीं. कोविड-19 के संक्रमण के चलते प्रदेश भर में लॉक डाउन लगा हुआ है. स्कूल पूरे समय लगे नहीं है. अधिकांश समय ऑनलाइन पढ़ाई ही हुई है. ऐसे में मप्र बोर्ड की दसवीं और बारहवीं की परीक्षा की तैयारी ठीक तरह से नहीं हुई है. तैयारी के बीच में ही प्रदेश में एक बार फिर से लॉकडाउन लग गया है. अधिकांश बच्चों को मैथ्स और इंग्लिश की तैयारी को लेकर सबसे अधिक चिंता सता रही है. लॉकडाउन के चलते छात्र किसी के पास जाकर अपने डाउट साल्व नहीं कर सकते है. इनके सामने प्रश्न बैंक ही एक सहारा है. जिसमें चुनिंदा प्रश्नों को तैयार करने पर जोर दिया जाता है. प्रश्न बैंक के सहारे विषय की पूरी तरह से तैयारी नहीं हो पाती है. इस सबके मद्देनजर बच्चों के माता पिता और समाजसेवी कक्षा दसवीं और बारहवीं की परीक्षा की तिथि को स्थगित करने की मांग कर रहे है. इसी कड़ी में आगर मालवा से युवा विधायक विपिन वानखेड़े ने प्रदेश के शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर एग्जाम डेट को आगे बढ़ाने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि प्रदेश में दसवीं और बारहवीं की वार्षिक परीक्षाएं जो क्रमश: 30 मई से 19 मई और 1 मई से 21 मई तक होने जा रही है. जबकि प्रदेश में दूसरी ओर कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण और प्रकोप के चलते राज्य सरकार के द्वारा पुलिस भर्ती परीक्षा, समस्त विद्यालयीन तथा विश्वविद्यालयों की परीक्षा स्थगित की हुई है. विधायक वानखेड़े का कहना है कि कोरोना संक्रमण चरम पर होने के कारण छात्रों पर परीक्षा का तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है. कई छात्र ऐसे भी है, जिनके परिवार में कोरोना संक्रमण आ चुका है. इस स्थिति में उन छात्रों को कोरोना संक्रमण के दौरान परीक्षा की तैयारी करना मुश्किल हो रहा है. विधायक ने शिक्षा मंत्री से मांग की है कि छात्र हित और उनके परिजनों के अच्छे स्वास्थ्य को देखते हुए 10वीं और 12वीं की परीक्षा सामान्य स्थिति होने तक स्थगित कर दी जाये या फिर परीक्षाएं ऑनलाइन कराई जाये. विपिन वानखेड़े का कहना है कि स्कूल शिक्षा विभाग के द्वारा वर्तमान की परिस्थितियों के बाद भी परीक्षाएं कराई गई तो लाखों छात्र एवं छात्राओं का जीवन संकट में पड़ सकता है. परीक्षा होने के कारण विवश होकर लाखों छात्रों और कर्मचारियों को आना होगा. जिससे एक साथ लाखों लोगों के संक्रमित होने का खतरा तो बढ़ेगा ही, साथ ही बच्चों का भविष्य भी बिगड़ेगा.जल्द निर्णय लेने की मांग की गई है.
स्थिति पर नज़र, जल्द ही निर्णय लिया जायेगा एग्जाम डेट पर
इधर स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का कहना है कि स्थिति पर नजर बनाए रखे हुए है. परीक्षा कराने को लेकर अधिकारियों से फीडबैक लिया जा रहा है. बच्चों का स्वास्थ्य सर्वोपरि है. जल्द ही इस पर निर्णय लेकर सभी को सूचित करेंगे.