भोपाल। यह दौर घर खरीदने वालों के लिये मुफीद है। भारत में आर्थिक मंदी का दौर चल रहा है। हाउसिंग मार्केट में कीमतें कम रहेगी। इस साल मकान की कीमतों में सिर्फ 2 प्रतिषत का इजाफा हो सकता है। साथ ही वर्ष 2021 में लगभग 2.5 प्रतिशत तक रहने का अनुमान लगाया जा रहा है। यह आकलन एजेंसी रायटर ने अपने पोल में लगाया है। राॅयटर्स के अनुसार 19 फरवरी से 2 मार्च के बीच किए गए 17 प्रापर्टी एनालिस्ट के पोल में राॅयटर्स ने पाया कि भारत में कमजोर आर्थिक स्थिति और सुस्त मांग आने के कारण प्राॅपर्टी के कीमतों में उछाल आने की संभावना कम है। ऐसे हाल तब है जब केंद्र की सरकार सबकुछ ठीक होने का दावा कर रही है। केंद्र सरकार ने रियल एस्टेट सेक्टर को बूस्ट देने के लिए कई घेषणाओं का ऐलान किया है।
राॅयटर्स ने तीन माह पहले भी पोल किया था, जिसमें मौजूदा साल में 3 प्रतिशत और 2021 में 4.25 प्रतिशत दाम बढ़ने की संभावना जताई थी। रिपोटर्स के मुताबिक यदि महंगाई दर के हिसाब से देखा जाये तो कीमतों में वृद्धि नकारात्मक है। इससे लोगों को कम कीमत में मकान मिल सकते है। लेकिन लंबे वक्त में यह स्थिति नुकसान पहुंचाएगी। प्राॅपर्टी विशेषज्ञों के अनुसार मार्जिन घटने से बिल्डर बाजार में टिक नहीं पाएंगे। नोटबंदी, रेरा और जीएसटी से रियल एस्टेट पहले से ही संकट में था। नकदी नहीं होने से कई प्रोजेक्ट बंद है, बंद होने की कगार पर है। अब मार्जिन कम होने से स्थिति विकराल रूप ले सकती है। हालांकि घर खरीदने वालों के लिए यह मौका है। प्राॅपर्टी विषेषज्ञों का कहना है कि पूरी पड़ताल करने के बाद ही घर खरीदा जाये।
राॅयटर्स ने नवंबर 2018 से इस तरह के सर्वे शुरू किए थे। तब से ज्यादातर शहरों में सर्वे में बताई कीमतों में कोई परिवर्तन नहीं हुआ। बेंगलुरू में जरूर कीमतें अनुमान से दो गुना बढ़ गई। फिर भी बेंगलुरू में इस साल कीमत बढ़ने की दर 2.5 प्रतिशत और अगले साल 3.75 रह सकती है, जो कि बहुत कम है। प्राॅपर्टी विशेषज्ञों की मानें तो जब तक कोई तगड़ा बूस्ट नहीं मिलता तब तक हाउसिंग डिमांड में उल्लेखनीय बदलाव नहीं आयेगा। नकदी की कमी है। इससे प्रोजेक्ट में देरी हो रही है, और लोग भी घर खरीदने में खुद को असमर्थ पा रहे है।