Migrant labour – नौकरी के लिये रोजगार सेतु पर कराये रजिस्ट्रेशन, यहां मिलेगी पूरी जानकारी
भोपाल। कोरोना काल में विभिन्न राज्यों से मध्यप्रदेश लोटे लाखों प्रवासी मजदूरो (Migrant labour ) को अपने घर में आसरा देने के लिये मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने दो महत्वकांक्षी योजनायें शुरू की हैं।
एक योजना अकुशल मजदूरों के लिये स्वयं सिद्वा चलाई है। इस योजना के माध्यम से लगभग 23 लाख अकुशल मजदूरों को मनरेगा में रोजगार दिया जा रहा है। जबकि दूसरी योजना कुशल मजदूरों के के लिये “रोजगार सेतू” प्रारंभ की गई है।
In UP government job-15 लाख मजदूरों को मिलेगा रोजगार
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 27 मई, 2020 से योजना को शुरू कर श्रमिकों की सूची बनाने को कहा गया है। योजना के अंतर्गत श्रमिकों की स्किल मैपिंग की जा रही है। “रोजगार सेतू” योजना तहत कुशल मजदूर (skilled labour) और उद्यमियों (enterpenure) को एक प्लेटफार्म पर लाया जा रहा है।
राज्य सरकार फैक्ट्री संचालक और अधोसंरचना के कार्य करने वाले ठेकेदारों से बात कर , उनको प्रदेश के कुशल मजदूरों (skilled labour) को रोजगार देने को बाध्य करेंगे। इस तरह मजदूरों को प्रदेश में अपने घर में रोजगार मिल जायेगा।
“रोजगार सेतू” योजना को मध्यप्रदेश में लागू करने की सलाह मप्र रोजगार निर्माण बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष हेमंत देशमूख ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को दी गई। जिस पर मुख्यमंत्री ने तत्काल अमल कर दिया।
रोजगार सेतू योजना की पूरी जानकारी-
मप्र रोजगार निर्माण बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष हेमंत देशमूख ने प्रवासी मजदूरों (Migrant labour) पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भेजी गई सलाह के अनुसार कोविड -19 महामारी में हम प्रदेश के लिये अवसर ढूंढ सकते है।
हमें कृषि, ग्रामीण अधोसंरचना एवं ग्रामीण उद्यमों के सृजन पर ध्यान देना होगा। क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी का प्रवाह सुनिश्चित है। ग्रामीण क्षेत्रों का महामारी से प्रभावित होने की संभावना कम है। सभी हितग्राहियों की क्षमता, योग्यता एवं अनुभव को ध्यान में रखते हुये रोजगार निर्माण की योजनाओं का सृजन किया जाना चाहिये।
दो प्रकार के रोजगार के विकल्पों को चिनिहत करना होगा-
तत्कालीन- (immediate) आवश्यकताओं को पूर्ण करने हेतु रोजगार।
दीर्घावधि -(long term ) में उचित आय के स्त्रोतों से जोड़ने के लिये रोजगार ।
श्रमिकों का उपयोग प्रदेश में निम्न कार्यों में किया जाये-
-ग्रामीण अधोसंरचना का निर्माण
-ग्रामीण उद्योगों की स्थापना
-कृषि की उत्पादकता बढ़ाना एवं पर्यावरण संरक्षण
-मूल्य संर्वधन (value edition) गतिविधियों को बढ़ावा देना
रिवर्स माईग्रेंटस के लिये कौशल शिक्षा अनुभव
कार्य योजना–
अंतर राज्य रिवर्स माइग्रेंट का संगरोध (quarantine) केन्द्रों में आगमन के साथ , कर्मचारियों को मूल विवरणी को लेने में सहायता प्राप्त होगी।
रिवर्स प्रवासियों का का जिलावार डेटा बेस (data base) ।
डेटा बेस श्रमिकों को उपयुक्त रोजगार के अवसरों से मेल बनाने में सहायता करेगा।
नाम, उम्र, लिंग, वे कहां से आ रहे ( राज्य/ जिला), मध्यप्रदेश में पता, फोन नंबर, योग्यता, अंतिम नौकरी की जानकारी, नियोक्ता का विवरण, कौशल की जानकारी, पहचान प्रमाण पत्र पर पता, वे मध्य प्रदेश में कब तक रहने का प्रयोजन रखते है?, वह पसंदीदा क्षेत्र कोन सा है, जिसमें वो काम करना चाहेंगे? , क्या वे रुचि लेंगे यदि सरकार रोजगार के अवसरों तक पहुंचने में उनकी सहायता करे। इस तरह के सवाल पूछकर मजदूरों का डेटाबेस तैयार किया जायेगा।
4.63 लाख प्रवासी मजदूर मध्यप्रदेश लौटे-
कोविड 19 के कारण विभिन्न राज्यों से 20 मई तक 4.63 लाख प्रवासी मजदूर वापस लोटे है। इनमें से आधे से ज्यादा मजदूर अब काम के सिलसिले में दूसरे राज्य नहीं जाना चाहते है। 21 फीसदी मजदूर हालात सामान्य होने के बाद काम करने बाहर जाना चाहते है। यह निष्कर्ष दस राज्यों के अध्यन के आधार पर विकास संवाद संस्था ने निकाला है।
विकास संवाद के निदेशक सचिन कुमार जैन ने मंगलावार को रिपोर्ट जारी करते हुये बताया कि मप्र के आधे से अधिक मजदूर निर्माण के क्षेत्र में काम करते थे। अचानक लॉक डाउन के कारण मजदूरों को मजदूरी का भुगतान भी नहीं किया गया।
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