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चॉकलेट- कहीं मिठाईयों का मार्केट बर्बाद करने की सोची समझी सा‍जिश तो नहीं

चॉकलेट- कहीं मिठाईयों का मार्केट बर्बाद करने की सोची समझी सा‍जिश तो नहीं

-प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने आत्‍मनिर्भर बनने को कहा है, तो त्‍यौहार पर मत खरीदिये चॉकलेट

भोपाल। एक बात सोच समझकर रख लीजिये, कि हम अपने त्‍यौहार पर विदेशी चॉकलेट नहीं खरीदेंगे। भले ही दिनभर हमारे सामने तरह तरह के विज्ञापन दिखाये जायेंगे।

चाहे हमारे सामने हमारे देशी मीठे पकवानों को बूराई की जायेगी। उसे सेहत के नजर से ठीक नहीं बतायेंगे।

तब भी हम उनके इस झांसे में नहीं आयेंगे। हमें ऐसा आज क्‍यूं कहना पड रहा है, ये इस पर भी गौर करना जरूरी है।

चॉकलेट-एक लडका एक खूबसूरत  लडकी को किस करने की चाह में-

 

अब बात करते है टीवी में दिखाये जाने वाले करोडों रूपयों के विज्ञापन की। आप देखते होंगे कि किसी में एड में एक लडका एक खूबसूरत  लडकी को किस करने की चाह रखता है, या उससे प्रेम करने के लिए आतूर रहता है।

उसके लिये कुछ भी करने को तैयार रहता है। कभी वह उंची बिल्डिंग से छलांग लगाता दिखता है, तो कभी किसी गरीब घर का लडका लडकी के लिए कुछ भी करने को तैयार रहता है।

एक एड ऐसा भी देखने को मिल रहा है, जिसमें बहन अपने भाई के लिए कोई राखी लाती है, तो भाई उसे तौहफे में चाकलेट बॉक्‍स देता है।

कभी देखते है कि वाहन चालक को उसका मालिक घर छोडने आ जाता है, तो तब चालक कुछ मीठा नहीं होने पर एक नामी चॉकलेट उसे दे देता है।

कभी आपने सोचा है कि ऐसे एड क्‍यों बनाये जाते है। वो सिर्फ आपको आपके घर के पास की मिठाई खरीदने  से रोकते है।

क्‍योंकि आपने त्‍यौहार पर मिठाई खरीदी तो उनकी महंगी चॉकलेट कोन खरीदेगा।

क्‍या यह साजिश तो नहीं-

 

बहुत सालों से देख रहे है कि दीपावली, होली, रक्षाबंधन पर लाखों टन नकली मावें को जब्‍त करने की खबर टीवी पर ठीक उसी समय देखने को मिलती है, जब हिन्‍दुओं के त्‍यौहार होते है।

इन टीवी और न्‍यूज पेपर में इस तरह से खबरे प्‍लांट कराई जाती है, तो कि मावे से बनी मिठाई खा लेंगे तो आपकी जान चली जायेगी।

कितनी बात ऐसा हुआ है कि किसी मिठाई को खाने पर लोगों की जान चली गई है। संभवत बहुत कम हुआ होगा या कभी नहीं।

लेकिन चॉकलेट बनाने वाली कंपनियां जानबूझकर पैसे देकर इस तरह का मीडिया कवरेज कराती है, जिससे लोग मिठाई नहीं खरीदते है।

विदेशी चॉकलेट-कंपनियों को पैसा क्‍यों दे-

 

हम अपने त्‍यौहार पर इन विदेशी कंपनियों को अरबों रूपयों का कारोबार क्‍यों करने दे। ये हमारे से पैसा कमाते है, विदेश में किसी ऐसे लोगों को चंदा देते है, जो देश में उत्‍पात में मचाने में उसका फायदा उठाते है।

ये मानकर चलिये कि आप त्‍यौहार पर इनके उत्‍पाद नहीं खरीदेंगे तो ये आपके धर्म को भी टार्गेट करेंगे।

मोदी की बात मानेंगे –

 

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने देशवासियों को आत्‍मनिर्भर होने की सलाह दी है। हम उनके इस सपने को जरूर साकार करेंगे। इसके लिए हमें अपने लोगों से मिठाई खरीदना होगा।

बहुत सारे व्‍यापारी बहुत अच्‍छी और गुणवत्‍ता वाली मिठाई बेचते है, हम उनके उत्‍पाद खरीदेंगे और उनकी ब्राडिंग भी करेंगे।

क्‍या इन चॉकलेट की गुणवत्‍ता की जांच होती है-

 

कोई भी मिठाई व्‍यापारी जब अपने दुकान पर मिठाई बनाता है, तो उसका पहला लक्ष्‍य होता है, कि जल्‍दी से जल्‍दी उसकी मिठाई बिक जाये।

मावें से बनी मिठाई को बहुत दिनों को तक रखा नहीं जा सकता है। इसलिए मिठाई की दुकान पर ताजी मिठाई बेचने पर जोर होता है।

लेकिन चॉकलेट बनने के बाद वह सुपरबाजार और छोटी दुकानों पर चमकीले रैपर के साथ सजा कर रखते है।

लंबे समय तक चॉकलेट वैसी ही रहती है। एक बार बनने के बाद उसकी गुणवत्‍ता की जांच नहीं की जाती है।

ब्राडिंग पर करोडों खर्च-

 

आपको जानकर हर्ष होगा कि ये चॉकलेट कंपनियां विज्ञापन पर करोडों रूपये खर्च करती है। टीवी पर महंगे एड देती है। उन एड को बनाने के लिए सेलीब्रेटी को पैसा देती है।

इसी तरह अखबार को एड के रूप में पैसा देती है। इसके अलावा सोशल मीडिया पर भी एड के रूप में करोडों रूपये खर्च करती है।

एक बात को समझिये, इनके प्रोडक्‍ट में दम होती तो करोडों रूपये खर्च करने की जरूरत क्‍यों पडती।

कुछ मिठाई व्‍यापारियों की गलती की सजा सबको मिलती है-

 

एक बात तो तय है कि खराब मावा बनाने वाले लोग है, इस खराब मावे से मिठाइ बनाने वाले लोग भी है। इसलिये ऐसा नहीं है कि खराब मिठाई नहीं बनती है।

कुछ व्‍यापाारी है, जो लाभ कमाने के लिए ऐसा गंदा धंधा करते है।

लेकिन कुछ व्‍यापारियों की गलती की सजा सबको तो नहीं दी जा सकती है।

तो मैं खुद को सफल मानूंगा-

 

मेरे इस लेख को पढकर एक भी व्‍यक्ति ने यह तय किया कि वह भारतीय त्‍यौहारों पर चॉकलेट के बजाय हमारी पारंपारिक मिठाईयां खरीदेंगा तो मैं खुद को सफल मानूंगा।

मेरी कोशिश है कि इन विदेशी कंपनियों के बजाय हम अपने उत्‍पाद खरीदे।

जब हम अपने लोगों से उत्‍पाद खरीदेंगे तो पैसा वापस हमारे लोगों के पास आयेगा।

जिससे हमारी आमदनी भी बढेगी और देश भी आत्‍मनिर्भर बनेगा।

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इस तरह देशभक्ति से संबंधित आर्टिकल लाते रहेंगे।

 

 

 

 

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