एनआरए से एमपी में सरकारी नौकरी देने का विरोध तेज, भाजपा के पूर्वमंत्री शिवराज से नाराज
भोपाल। मध्यप्रदेश में केंद्र सरकार की लाइन को बिना जांचे परखे लागू करने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का विरोध तेज हो गया है।
प्रदेश में बेरोजगार संघों द्वारा जमकर विरोध किया जा रहा है। मप्र की परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्र और छात्रायें भी एनआरए को लागू करने के पक्ष में नहीं है।
यहां बता दें कि परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों की समस्याएं जायज है।
मुख्यमंत्री को इस बात पर पिफर से गौर करना चाहिये।
छात्रों के भारी विरोध के बीच भारतीय जनता पार्टी के पूर्व मंत्री और जबलपुर पाटन से विधायक अजय विश्नोई ने भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का खुलकर विरोध कर दिया है।
एक दिन पहले मुख्यमंत्री ने वाहवाही लूटने के लिए प्रदेश मे बिना सोचे विचारे एनआरए को लागू करने की घोषणा कर दी।
एनआरए से एमपी में सरकारी नौकरी के बहाने विश्नोई का पलटवार
माननीय मुख्यमंत्री जी से निवेदन है कृपया अपने फैसले पर पुनर्विचार करें। केंद्र के द्वारा ली गई परीक्षा के आधार पर प्रदेश के बेरोजगार नौजवानों की मेरिट लिस्ट तैयार करना उचित नहीं होगा। प्रदेश को अपने स्वयं की परीक्षा अलग से कराना चाहिए।
— Ajay Vishnoi (@AjayVishnoiBJP) August 21, 2020
इसके अगले दिन पूर्व मंत्री विश्नोई ने टिविट करके कहा है कि माननीय मुख्यमंत्री जी से निवेदन है कि अपने फैसले पर पुनर्विचार करे।
केंद्र के द्वारा ली गई परीक्षा के आधार पर प्रदेश के बेरोजगार नौजवानों की मेरिट लिस्ट तैयार करना उचित नहीं होगा।
प्रदेश को अपने स्वयं की परीक्षा अलग से कराना चाहये।
विश्नोई ने कहा कि इस परीक्षा में प्रदेश से जुडी हुई बातों के सवाल होना चाहिये।
प्रदेश की नौकरी के लिए प्रदेश को जानना जरूरी है।
दूसर बात प्रदेश के एक समान स्तर वाले नौजवानों के बीच में प्रतियोगिता उन्हें बेहतर स्थान उपलब्ध कराएगी।
अजय विश्नोई ने यह भी कहा कि कप्या पुनर्विचार करें, व्यापंम या पीईबी के माध्यम से प्रदेश के सभी सरकारी नौकरियों के लिए एक ही परीक्षा आयोजित हो।
उसकी मेरिट लिस्ट बने और जिस प्रकार से पीएससी की मेरिट लिस्ट पर अलग अलग स्तर के नौकरियों के लिए लोग चयनित किए जाते है।
उसी आधार पर अन्य नौकरियों के लिए आवेदकों का चयन किया जाये।
नाराज चल रहे है सरकार से
हालांकि अब तक मुख्यमंत्र शिवराज सिंह चौहान ने अजय विश्नोई के टिविट का जवाब नहीं दिया है।
यहां बताते चले कि अजय विश्नाई को जब से मंत्री नहीं बनाया है, तब से ही नाराज चल रहे है।
पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर भी विश्नाई टिविट करने से नहीं रूक रहे है।