महिला दिवस:- महिलाओं के साष्टांग प्रणाम के आगे सरेंडर सरकार, शुरू करना पड़ी चयनित शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया, अप्रैल माह में पूरी होगी दस्तावेज सत्यापन की कार्यवाही
भोपाल. मध्यप्रदेश में 30 हजार चयनित शिक्षक जिसमें महिलाओं की संख्या भी अच्छी खासी है, उनकी हिम्मत के आगे आज मप्र की सरकार भी सरेंडर हो गयी. महिला दिवस पर जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान महिला सफाई कर्मियों से मिल रहे थे, तब कई महिलाएं विरोध स्वरूप भरी धूप में सड़क पर साष्टांग प्रणाम कर रही थी. सड़क पर जब महिलाएं इस तरह अपना विरोध कर रही थी, तब सरकार को अपनी छवि बिगड़ने का डर सता रहा था. अभी कुछ दिनों में सरकार को नगरीय निकाय के चुनाव मे जाना है, ऐसे में सरकार भी तुरंत हरकत में आ गई. वैसे हम बताते चलें कि महिला दिवस पर महिला शिक्षकों ने सरकार को आईना दिखाने की कोशिश की, तब ही सरकार ने उसे गंभीरता से लिया. सोशल मीडिया के दौर में जब ये वीडियो वायरल हुआ कि महिलाएं शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को शुरू करने साष्टांग प्रणाम कर रही है, तब लोगों ने सरकार पर तीखा हमला बोला और महिलाओं की आवाज बुलंद की. खैर दोपहर होते होते राज्य सरकार ने आदेश जारी कर दिया. जिसका चयनित महिला और पुरूष बेसब्री से इंतजार कर रहे थे.
स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) एवं सामान्य प्रशासन राज्यमंत्री इन्दर सिंह परमार ने बताया कि उच्च माध्यमिक शिक्षक और माध्यमिक शिक्षक पद के अभ्यर्थियों के दस्तावेजों के सत्यापन की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा उच्च माध्यमिक शिक्षक के पद के लिए 1,3,5,8,9 और 10 अप्रैल 2021 तथा माध्यमिक शिक्षक पद के लिए 15, 16, 17, 22, 23 एवं 24 अप्रैल 2021 को दस्तावेज सत्यापन की कार्यवाही संपन्न की जाएगी। लोक शिक्षण संचनालय द्वारा इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए गए हैं। उल्लेखनीय है कि उच्च माध्यमिक शिक्षक एवं माध्यमिक शिक्षक पद पर भर्ती के लिए प्रावधिक चयन सूची जारी की गई थी। कोरोना महामारी के कारण अभ्यर्थियों के दस्तावेज सत्यापन की कार्यवाही रूकी हुई थी. करीब छह महिने से चयनित आवेदक सरकार से शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को फिर से शुरू करने की मांग कर रहे थे. आज उनकी जीत हुई है. कहीं ना कहीं सरकार उनके सामने कुछ हद तक सरेंडर हुई है. अभी हाल में एक मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्कूल शुरू होने के समय भर्ती प्रकिया को प्रारंभ करने की बात कहीं थी. लेकिन चयनित शिक्षक इतने समय रूकने के लिए तैयार नहीं थे. उनका कहना था कि भर्ती प्रक्रिया में दो साल से ज्यादा समय लग गया है. ऐसे में उनके सामने जीवन मरण का प्रश्न है.