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मध्‍यप्रदेश में बेरोजगारी चरम पर , रिटायर्ड अफसरों को नौकरी देने की तैयारी 

मध्‍यप्रदेश में बेरोजगारी चरम पर , रिटायर्ड अफसरों को नौकरी देने की तैयारी

by Rajat Parihar

भोपाल। मध्‍यप्रदेश में बेरोजगारी चरम  पर है. इसकी वजह है बढ़ती जनसंख्‍या. इस जनसंख्‍या के हिसाब से प्रदेश में संसाधनों का निर्माण नहीं हुआ.

इसकी वजह से प्रदेश में एकदम से बेरोजगारों की बाढ़ नजर आने लगी है. कोरोना के कारण सरकारी भर्ती नहीं होने से भी युवा बेसब्र हुए है.

सरकारी नौकरी के लिए सड़कों पर उतरकर आंदोलन कर रहे है.  बेरोजगारी झेल रहे युवाओं का मानना है कि अभी प्रदेश में 28 सीटों पर उपचुनाव होना है.

ऐसे में प्रदेश की सरकार युवाओं की नाराजगी मोल नहीं लेना चाहेगी. इसलिए अधिक से अधिक सरकारी भर्ती आने की उम्‍मीद जताई जा रही है.

हांलाकि सरकार में वरिष्‍ठ पदों पर आसीन अफसरों को मध्‍यप्रदेश में बेरोजगारी से कोई लेना देना नहीं है. वो तो अपने काम में व्‍यस्‍त है.

सूत्रों के मुताबिक पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग प्रदेश के दस अलग अलग जिलों में 10 रिटायर्ड अफसरों को प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना प्रोजेक्‍ट के लिए महाप्रबंधक (जीएम) के पद पर रखने की तैयारी में है.

मप्र शासन को इन अफसरों के वेतन भत्‍तों पर करीब 20 लाख रूपए खर्च करना पड़ेगा.इसका विरोध तेज हो गया है…

मध्‍यप्रदेश में बेरोजगारी के कारण हो रहा संविदा भर्ती का विरोध 

 

ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि रिटायर्ड अफसर की उम्र पहले से ही 62 वर्ष होगी और वे तरह तरह की बीमारियों से ग्रसित हो सकते है.

ऐसे में क्‍या वे ग्रामीण क्षेत्रों में बनने वाली सड़कों का निरीक्षण कर गुणवत्‍ता का विशेष ध्‍यान रख पायेंगे.

 

मध्‍यप्रदेश में बेरोजगारी को कम करने के लिए स्‍थानीय इंजीनियरों को देना चाहिये नौकरी 

 

सरकार को रिटायर्ड अफसरों की जगह नए युवा पढे़ लिखे युवाओं को मौका देना चाहिये.

दस जीएम रखने के बजाय 60 सिविल इंजीनियरों को काम देना चाहिये.जिससे वह फील्‍ड में जाकर कामकाज में तेजी ला सकते है.

 

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