भारत के सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्री कोन है? और क्यों?
भोपाल। भारत के सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्री कोन है ? इस सवाल का जवाब आज की पीडी से पूछा जाये तो , वो क्या देंगे। आसान है अंदाजा लगाना।
क्या कभी इसका विश्लेषण हुआ है कि लोकप्रियता के मानक क्या है। पहले तो सोशल मीडिया नहीं था। आज के जैसे 24 घंटे चलने वाले चैनल भी नहीं थे।
सूचना पहुंचाने का एकमात्र जरिया तो केवल अखबार होते थे। वह भी इतने सर्कुलेशन के साथ नहीं छपते थे, जितने आजकल छपते है।
चुनिंदा आदर्शवादी अखबार छपते थे। उनके संपादकों का रूतबा
ऐसा होता था कि कई बार वह प्रधानमंत्री की बात छापने से भी इंकार कर देते थे।
तब के मालिक निजी धंधाे को अखबार से अलग रखते थे
अखबार मालिकों को उस समय नेता ज्यादा भाव नहीं देते थे। जैसे आज के समय मालिक अपने निजी बिजनेस को चलाने के लिए अखबार या चैनल चलाते है और राजनेताओं के कदमों में आ जाते है।
उस समय के मालिक अखबार और निजी धंधे को अलग अलग रखते थे।
वह केवल फंडिंग करते थे। वह मैनेजमेंट में हस्तक्षेप नहीं रखते थे। लेकिन वर्तमान में लगभग मीडिया सरकार के साथ सहयोग कर रहा है।
अब आते है नेताओं की लोकप्रियता पर। आज के समय सबसे अधिक लोकप्रिय प्रधानमंत्री है तो वह है नरेन्द्र मोदी।
नरेन्द्र मोदी ने लोकप्रियता के मामले में सभी प्रधानमंत्रियों को पीछे छोड दिया है। ऐसा हम नहीं बल्कि राष्टीय मीडिया का दावा है।
उनका मानना है कि जिस तरह से मोदी ने दुनिया के बाहर जाकर दूसरे देशों के साथ बेहतर संबंध बनाए है।
इस लिहाज से भारत और दुनिया के सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्रियों में से एक है।
आज कुछ कारण बताने जा रहे है, जिससे देश में नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता बढी है।
नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता के कारण
आंतरिक सुरक्षा के मामले में बेहतर काम
पाकिस्तान पर दो बार सर्जीकल और एयर स्टाईक
कश्मीर से 370 धारा हटाना
राममंदिर के निमार्ण के लिए सहयोग करना
विदेशों से अच्छे संबंध बनाकर समय समय पर भारत को मदद दिलाना
अलोकप्रियता के कारण
नोटबंदी
गलत तरीके से नोटबंदी लागू करना
साम्प्रदायिक ताकतों के हौसले को बढाना
देश में हिन्दुत्व को बढावा देना
मुस्लिमों को राष्टीय राजनीति से अलग थलग कर देना
भारत की अर्थव्यवस्था पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं देना
मनमोहन सिंह की लोकप्रियता के कारण
सूचना का अधिकार
मनरेगा
निर्मल स्वच्छ ग्राम
2007 की आर्थिक मंदी से भारत को उबारा
पहले टर्म में गुड गर्वनेंस
अलोकप्रियता के कारण
2008 मुंबई अटैक के बाद कोई कार्यवाही नहीं होना
आतंकवादी हरकतों पर लगाम नहीं लगा पाना
एक के बाद एक घोटाले होना
अन्ना आंदोलन के कारण छवि पर बटटा लगा
अटल बिहारी वाजपेयी की लोकप्रियता के कारण
सर्वसमाज की बात करना
अपनी बात इतने सरल और सहज तरीके से रखना कि लोग जल्दी जुड जाये
प्रधानमंत्री सडक योजना, नदी जोडो योजना सहित कई कार्य
अलोकप्रियता
कारगिल वार में शहीदों की संख्या में बढना
युदक विमानों का इस्तेमाल नहीं करना और बोफोर्स तोप को देरी से लाना
कंधार विमान की घटना में आतंकियों को छोडना
नरसिम्हाराव की लोकप्रियता के कारण
गुड गर्वनेंस
भारत का खाली खजाना भरा
नए आर्थिक सुधारों को लागू किया
पांच साल की स्थिर सरकार दी
अलोकप्रियता के कारण
राम मंदिर आंदोलन में सहभागिता के कारण एक तबका नाराज
आर्थिक सुधारो का फायदा नहीं ले पाए
भ्रष्टाचार के मामले उजागर होना
हिन्दी भाषी नहीं होने के कारण देशभर में प्रसिद्व नहीं हो पाए
वीपी सिंह की लोकप्रियता के कारण
पिछडो के लिए मंडल कमीशन की सिफारिशें लागू करना
राजीव गांधी के भ्रष्टाचार को उजागर करने की बात करना
अलोकप्रियता के कारण
मंडल कमीशन लागू कर देश में सेकुलर राजनीति को खत्म करना
देश की वित्तीय स्थिति को सुधारने में नाकामयाब
राजीव गांधी की लोकप्रियता के कारण
यंग एंड डायनेमिक
नई तकनीक को लाने के कारण
साफ स्वच्छ शासन देने के लिए
राममंदिर के ताले खोलने के लिए
रामराज लाने की बात कहने वाले
अलोकप्रियता के कारण
श्रीलंका के आंतरिक मामले में दखल देना
कार्यकाल के आखिरी में बोफोर्स तोप घोटाला उजागर होना
विपक्ष द्वारा भ्रष्टाचार के कारण बनी स्वच्छ छवि को दाग लगना
इंदिरा गांधी की लोकप्रियता के कारण
सीधे आम लोग किसानों के साथ जुड जाना
गरीबी हटाने का नारा देने से गरीबों की हिमायती के रूप में प्रदर्शित होना
बांग्लादेश नया राज्य बनाना, पाकस्तिान के नब्बे हजार सैनिकों का सरेंडर
आयरन लेडी का खिताब, विदेशों में भारी लोकप्रियता
अखड स्वभाव के कारण किसी के सामने नहीं झुकने वाली छवि
बैंकों का राष्टयीकरण, जमींदारों की संपत्ति वापस लेना
अलोकप्रियता के कारण
देश में आपात काल लगाने के कारण
संविधान और न्याय प्रणाली को नहींं मानने के कारण
देश में गरीबी का नारा दिया, गरीबी कम नहीं हुई
संजय गाधी के कार्यों के कारण छवि खराब हुई
सनकी छवि बनाए जाने के कारण
लाल बहादुर शास्त्री की लोकप्रियता के कारण
जय जवान जय किसान का नारा देना
कम संसाधनों के बाद भी पाकिस्तान को पटखनी देना
गेहुं में आत्मनिर्भर बनाने के प्रयासों के लिए
किसी के सामने नहीं झुकने वाली छवि बनना
अलोकप्रियता के कारण
कांग्रेस से अलग छवि बन जाने
सरल और सौम्य स्वभाव होने से उनके कमजोर होने की छवि बनना
पंडित जवाहर लाल नेहरू की लोकप्रियता के कारण
ग्लोबल नेता की छवि, किसी गुट में नहीं आए
पंचवर्षीय योजना को ठीक ढंग से लागू कर देश में इंफ्रास्टक्चर का निर्माण
विदेशनीति में किसी से दोस्ती नहीं किसी से बैर नहीं की नीति
स्कूल, कॉलेज, उधोग धंधे लगाने के लिए सरकारी स्तर पर बडे प्रयास
जितना विकास उनके कार्यकाल में हुआ, इसके बाद कभी आजाद भारत में नहीं हुआ
अलोकप्रियता के कारण
चीन की चालबाजी को नहीं समझ पाना
पाकिस्तान का मामला संयुक्त राष्ट संघ में ले जाना
सरदार पटेल के साथ कई मामलों में विवाद होना