जानिये भोपाल के छात्र क्यों नहीं निकाल पाते है आईएएस एग्जाम
भोपाल। लंबे समय से इस बात पर चर्चा रही है कि क्या बात है कि भोपाल या मिडिल टाउन के छात्रों का आईएएस क्रेक करने में प्रतिशत इतना कम क्यों है। क्यों हम आईएएस परीक्षा में अंडर परफार्मर रहते है। इसके लिए आज हम आपके सामने विषय विशेषज्ञों का विश्लेषण प्रस्तुत कर रहे है। इन कारणों को जानने के बाद आपके लिये आईएएस एग्जाम निकालना पहले से आसान हो जायेगा।
पहला कारण-
भोपाल या छोटे शहर में रहने वाले बच्चे ये नहीं जान पाते है कि यूपीएससी के लिए कितनी मेहनत करना पड़ती है।
दूसरा कारण-
भोपाल में स्तरीय स्टडी मटेरियल नहीं मिलना भी है।
तीसरा कारण-
यहां पढ़ाई को सिस्टमेटिक रखने वाले ‘एग्जाम माॅनिटरिंग सेंटर्स‘‘ नहीं है।
4 कारण-
यहां उन्हें कोई भी काॅम्पीटिषन का फील नहीं होता है। क्योंकि एक ही जगह पर यूपीएससी की तैयारी करने वाले लोग नहीं मिल पाते है।
पांचवा कारण–
अगर कोई सब्जेक्ट मे कोई डाउट आ जाए तो क्लियर करने के लिए यहां यूपीएससी स्तर के सब्जेक्ट एक्सपर्ट नहीं मिलते है।
छंटवा कारण-
तैयारी के दौरान होने वाली मानसिक उथल पुथल से निकलने में मदद करने वाले यूपीएससी के सीनियर्स मेंटर्स यहां नहीं मिलते है। एक सच्चाई यह भी है कि भोपाल का बच्चा दिल्ली में रहने वाले बच्चे की तुलना में एक चैथाई मेहनत भी नहीं करता.
क्योंकि उसे अपने काॅम्पिटीटर की मेहनत का कोई अंदाजा नहीं होता। यहां बच्चा जितनी मेहनत करता है उतनी मेहनत से आईएएस तो नहीं बन सकता है, बल्कि पुलिस कांस्टेबल बनना भी मुश्किल है।
एक तरीका है-
अगर हर बच्चे को तैयारी की शुरूआत में 15 दिन के लिए दिल्ली के ‘ओल्ड राजेन्द्र नगर‘ में रख दिया जए तो उसके बाद वह बस्तर के जंगल में रहकर भी आईएएस निकाल लेगा। भोपाल से आईएएस निकालने वाले सभी छात्रों ने एक बार दिल्ली का रूख जरूर किया है।