ओपन बुक पद्वति से परीक्षा होने का मतलब है, बिना मॉनिटरिंग से खुद आंसर बुक रखकर आंसर लिखो…फाइनल ईयर की परीक्षाओं में जनरल प्रमोशन नहीं… मई माह में प्रारंभ होगी स्नातक एवं स्नातकोत्तर की परीक्षा
online desk, bhopal
कोविड-19 का सबसे अधिक असर शिक्षा पर पड़ा है. चाहे स्कूल शिक्षा की बात करे या फिर विश्वविद्यालय की शिक्षा की. छात्रों को लंबे समय घर पर रहना पड़ा. इस दौरान कई छात्र तो ईमानदारी से अपनी पढ़ाई पर फोकस करते रहे. लेकिन कई छात्र ऐसे भी रहे होंगे, जिन्होंने इस समय को पूरी तरह से अवकाश की तरह लिया होगा. आराम मतलब छात्रों के लिये तो सहुलियत हो गई कि वह अपने घर पर आराम से आंसर बुक सामने रखकर परीक्षा दे दे. जबकि जो छात्र परीक्षा की तैयारी कर रहे थे, उनको लगता था कि जब नीट, रेलवे जैसी बड़ी परीक्षाएं हो सकती है, तब स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर की परीक्षाएं भी होंगी. उन्होंने कोविड-19 के समय में घर पर रहकर पढ़ाई की और अच्छे नंबर लाने के लिये जी तोड मेहनत की. उन छात्रों को मप्र की सरकार सबके बराबर ला दिया है.
दरअसल मध्य प्रदेश में स्नातक प्रथम एवं द्वितीय वर्ष तथा स्नातकोत्तर द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षाएँ ओपन बुक पद्धति (open book system exam) से जून 2021 में कराने का निर्णय लिया गया है. इन परीक्षाओं में नियमित एवं स्वाध्यायी परीक्षार्थी अपने निवास में ही रहकर परीक्षा देंगे तथा निकट के निर्धारित संग्रहण केंद्र में उत्तर पुस्तिकाएं जमा करेंगे। जबकि स्नातक अंतिम वर्ष एवं स्नातकोत्तर चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षाएं नियमित एवं स्वास्थायी परीक्षार्थियों की भौतिक रूप से परीक्षा केन्द्रों में उपस्थिति के साथ मई 2021 में आयोजित होंगी। जब ये अंतिम वर्ष की परीक्षाएं केंद्र पर हो सकती है, तो अन्य परीक्षाएं क्यों नहीं? वहीं जब कोविड-19 का सहारा लेना है, तो फिर फाइनल ईयर की परीक्षाओं में जनरल प्रमोशन क्यूं नहीं दिया जा रहा है…
हैरत की बात तो यह है कि जब परीक्षाएं घर पर बैठकर देना है, तो राज्य सरकार सभी को एक समान अंक देकर सीधे प्रमोट क्यों नहीं कर देती. छात्र घर के अंदर परीक्षा दे रहे हैं, तो उसकी तो कोई मॉनिटरिंग नहीं होने वाली है. छात्र मोबाइल के सहारे परीक्षा दे रहा है, या आंसर बुक सामने रखकर आंसर लिख रहा है, इसके बारे में कुछ नहीं कहा गया है. प्रथम वर्ष और द्वितीय वर्ष के छात्रों को जब घर पर बैठाकर परीक्षा देने का विकल्प दिया गया है, तो उनके भविष्य के बारे में नहीं सोचा गया? आगे के वर्ष में आने वाली परीक्षा में वह किस तरह फाइट करेंगे. क्या इस तरह परीक्षा कराए जाने से उनके मार्क्स पर असर नहीं होगा? इन बातों पर सरकार ने विचार ही नहीं किया है…
मई में होगी लास्ट ईयर की परीक्षाएं
मप्र के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि अप्रैल माह में आयोजित होने वाली सभी प्रकार की परीक्षाएँ अब मई माह में शुरू होगी. इस तरह अंतिम वर्ष के छात्रों को तैयारी करने के लिये एक माह का समय और मिल गया है.
18 लाख छात्र देंगे परीक्षाऍं
स्नातक अंतिम वर्ष के 4.30 लाख एवं स्नातकोत्तर चतुर्थ सेमेस्टर के 1.72 लाख परीक्षार्थी प्रदेश के 8 विश्वविद्यालयों द्वारा आयोजित परीक्षाओं में शामिल होंगे। स्नातक प्रथम वर्ष में 5.33 लाख एवं स्नातक द्वितीय वर्ष में 5.25 लाख, स्नातकोत्तर द्वितीय सेमेस्टर के 1.35 लाख परीक्षार्थी प्रदेश के 8 विश्वविद्यालयों द्वारा आयोजित परीक्षाओं में शामिल होंगे। कुल मिलाकर मप्र के 18 लाख छात्र स्नातक और स्नातकोत्तर की परीक्षाऍं देने जा रहे है…