IAS 2019 Result- Only five IAS were made from MP, operators who take coaching fees of lakhs of rupees are not ashamed?
स्त्रोत-पीपुल्स समाचार से सीताराम ठाकुर
भोपाल। मध्यप्रदेश की आबादी 7 करोड को पार कर चुकी है। करीब आठ करोड होने वाली होगी।
लेकिन इतने बडे प्रदेश से Ias 2019 Result में केवल पांच अथ्यर्थी ही आईएएस के लिए चयनित हुए है।
क्या है शर्म की बात नहीं है, उन कोचिंग संस्थानों के लिए जो लाखों रूपए आईएएस बनाने के नाम पर वसूलती है।
लेकिन रिजल्ट नहीं दे पाती है। रिजल्ट नहीं देने पर ऐसी संस्थाओं को नैतिकता के आधार वसूली गई फीस की कुछ राशि छात्रों को वापस नहीं करना चाहिये।
कोचिंग संस्थानों को अपने नोटिस बोर्ड पर साफ साफ लिख देना
चाहिये कि, हम केवल आपको जानकारी देंगे, आईएएस आप अपनी पढाई और खुद से की गई तैयारी के दम पर ही बनोगे।
ऐसे स्लोगन लिखने पर करोडों रूपयों का टर्नओवर रखने वाली संस्थाओं पर निश्चित ताले लग जायेंगे।
यहां सिर्फ कोचिंग संस्थानों की जिम्मेंदारी नहीं बनती है, बल्कि मप्र की सरकारों की भी बनती है।
शिक्षा का क्या हाल बनाकर रखा है, वो किसी से छिपा नहीं है।
सरकारी स्कूल और कॉलेज तो केवल मार्कशीट और डिग्री देने के नाम पर जिंदा है।
मप्र की जो भी दल की सरकारें हो, वह बच्चों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा देने की बात भर करती है, जैसे घोषणाएं। इससे कुछ होता तो है नहीं?
30 हजार से ज्यादा अभ्यर्थियों ने दी थी UPSC की परीक्षा- Ias 2019 Result
प्राप्त जानकारी के मुताबिक वर्ष 2019 में 30 हजार से ज्यादा छात्रों ने UPSC की परीक्षा में भाग लिया था।
इनमें 12 अभ्यर्थियों का चयन केंद्रीय सेवाओं में हुआ है। इन 12 में से केवल पांच ही आईएएस की सूची में आ सके है।
बाकी चयनित अभ्यर्थी आईपीएस, आईएफएस सहित अन्य सेंटल सर्विस की नौकरी पाने में सफल रहे है।
वहीं राजस्थान, यूपी, दिल्ली, बिहार, पश्चिम बंगाल से ज्यादा आईएएस अफसरों का चयन हो रहा है।
UPSC भी इन राज्यों को अधिक आईएएस अफसर आवंटित करती है। मप्र से आईएएस में कम चयन होने से प्रदेश में रिक्त पदों की संख्या बढ रही है।
मप्र आईएएस संवर्ग में 417 पद स्वीकृत- Ias 2019 Result
मप्र आईएएस संवर्ग में 417 पद स्वीकृत है, और कुल 354 अधिकारी पदस्थ है।
इस तरह 63 पद खााली पडे हुए है। यह स्थति मप्र केडर में केंद्र से आईएएस कम मिलना है।
साथ ही यूपीएएसी की परीक्षा में भी मप्र से इतने आईएएस नहीं निकल पा रहे है, जितने अन्य राज्यों से निकल रहे है।
ये बने आईएएस
वर्ष 2019 की यूपीएसएसी की परीक्षा में भोपाल से अनमोल जैन, इंदौर से प्रदीप सिंह, कैलारस से निधि बंसल, सिरोंज से आयुषी जैन, मुरैना से अनिल राठोर आईएएस बनने में सफल हुए है।
इसी तरह गरोठ से अभिनव चौधरी, कालापीपल से आशुतोष गर्ग, हटा से संदीप पटेल, मुरैना से महीपाल गुर्जर, रौन से अरूण सिंह तोमर, छपारा से प्रतीक सिगोतिया अन्य केन्द्रीय सेवाओ के लिए चयनित हुए है।
मप्र से बीते पांच साल इतने आईएएस बने या केंद्र से मिले-Ias 2019 Result
वर्ष | केद्र से मिले | मप्र के मूल निवासी |
2015 | 10 आईएएस | 3 अफसर |
2016 | 12 आईएएस | 4 अफसर |
2017 | 10 आईएएस | 3 अफसर |
2018 | 10 आईएएस | 2 अफसर |
2019 | कैडर मिलना शेष | 5 अफसर |
ये है सिविल सेवा परीक्षा में 2019 की स्थिति
संवर्ग | जनरल | ईडब्ल्यूएस | ओबीसी | एससी | एसटी | कुल |
आईएएस | 72 | 18 | 52 | 25 | 15 | 180 |
आईएफएस | 12 | 02 | 06 | 03 | 01 | 24 |
आईपीएस | 60 | 15 | 42 | 23 | 10 | 150 |
स्त्रोत -यूपीएससी की वेबसाईट
सिविल सेवा परीक्षा में वर्ष 2018 की स्थिति
जनरल- 53
ईडब्ल्यूएस- 00
ओबीसी- 45
एससी- 7
एसटी -01
कुल -106
दावें और फोटो
भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर के बडे कोचिंग सेंटर अपने यहां यूपीएससी के छात्रों को तैयारी के नाम पर फेक रिजल्ट बताते है।
कई बार तो एक ही छात्र अलग अलग कोचिंग संस्थानों के रिजल्ट फोटो में देखा जाता है।
ये सब छात्रों को बेवकुफ बनाने के लिए किया जाता है। आपको पता होगा कि कोचिंग इंस्टीयूट अब एक बिजनेस बन गया है।
इनका टर्नओवर करोडों में है। आयकर और सेंटल एक्साईज के छापे पडते है, तब पता चलता है कि फलां कोचिंग संस्था ने शिक्षा के नाम पर इतना पैसा बनाया।
कई कोचिंग संचालक अपने जमाने में कभी पढाई में अच्छे नहीं रहे, लेकिन वो भी आईएएस, पीएससी, बैकिंग आदि प्रतियोगी की परीक्षा की तैयारी धडल्ले से करा रहे है।
दिल्ली क्यों जाते है?
मप्र में किसी भी अभ्यर्थी का जब आईएएस में चयन होता है, तो उसका दिल्ली कनेक्शन ही क्यों निकलता है।
कोई क्यों नहीं कहता है कि भोपाल की फलां कोचिंग इंस्टीटयूट के संचालक ने मुझे ऐसा तैयार किया कि मुझे दिल्ली जाने की जरूरत ही नहीं पडी।
क्या कोचिंग इंस्टीटयूट UPSC के हिसाब से अपडेट है? शायद ही कोई कोचिंग संस्था होगी, जो यूपीएससी के हिसाब से अपडेट होगी।
क्वालिटी एजुकेशन देने में क्यों पीछे रह गए
आर्टिकल पढने वाले अधिकांश लोगों को पता होगा कि मप्र की सरकार 12 हजार से ज्यादा सरकारी स्कूलों को बंद कर रही है।
सरकार का दावा है कि उन स्कूलों में बच्चों की संख्या कम है, या अन्य कारण। कोई ये क्यों नहीं कहता है कि हम प्रदेश के बच्चों को क्वालिटी एजुकेशन देने में सक्षम नहीं है।
इंफ्रास्ट्रक्चर देने में कमजोर साबित हुए है। जब किसी बच्चे की नींव कमजोर होगी तो वह UPSC जैसे बडे एग्जाम को कैसे फाइट करेगा।
इसलिए मप्र से यूपीएससी में बच्चों का चयन कम होता है। सरकार और पालकों को इस बात की चिंता कहा है, कि उनके बच्चों का क्वालिटि एजुकेशन दी जा रही है या नहीं।
धीरे धीरे मप्र में मप्र के बाहर के लोग आईएस बनकर आते रहेंगे और हमारे याहां के बच्चे छोटी मोटी नौकरियों में रह जायेंगे।
अच्छे कोचिंग संस्थानों की कमी
पूर्व जीएडी सचिव एवं आईएएस डीएस राय का कहना है कि मप्र में उतने उत्कृष्ठ क्वालिटी के कोचिंग सेंटर नहीं है।
प्रोफेसरों की भी कमी है। सरकारी कालेजों में पढाई की गुणवत्ता भी उचित नहीं है।
जो छात्र अपने दम पर पढाई करते है, वे ही UPSC की परीक्षा में सिलेक्ट होते है। छात्रों को इंटरव्यू फेस करना भी नहीं आता है, इसलिए मप्र से कम आईएएस निकल पाते है।
QUE. यूपीएससी की कोचिंग के लिए इंदौर कैसा रहेगा? How is Indore For IAS Coaching?
ANS. मप्र में इंदौर शहर कोचिंग सेंटर के लिए प्रसिद्ध है। अगर आप मप्र में रहकर ही UPSC की कोचिंग करना चाहते है तो इंदौर बेटर ऑप्शन है। वैसे आपको एक बार दिल्ली जरूर जाना चाहिये। वहां की कोचिंग संस्थाओं में डेमो लेकर ही इंदौर का चयन करे। UPSC की गंभीर तैयारी करने वाले छात्र दिल्ली का रूख जरूर करते है।
QUE. क्या दिल्ली बेटर है , इंदौर के बजाय आईएएस की कोचिंग के लिए? Is Delhi Better than Indore For IAS Coaching?
ANS. बिल्कुल इंदौर के बजाय दिल्ली एक बेटर ऑप्शन है। दिल्ली में आईएएस के बेहतर कोचिंग इंस्टीटयूट है। जहां आपको एक ऐसा सर्कल मिलेगा, जिससे आप अपनी तैयारी की जांच हमेशा कर पाएंगे। कहने का अर्थ है कि जब आप अपने प्रतियोगी के बारे में नहीं जानते हो कि वह कितना तैयार है, आप अपनी तैयारी को किस तरह जांच पाओगे।
QUE.आईएएस के लिए इंदौर का बेस्ट इंस्टीटयूट कोनसा है? Which Institute is best for IAS in Indore?
ANS. हम किसी भी इंस्टीटयूट को रिकगनाईज नहीं करते है। हम ये नहीं कहते हे कि ये बेस्ट है, या खराब। आईएएस की तैयारी करने वाले छात्र से आशा की जाती है कि वह स्वयं इस बात का पता करे। आईएएस अपने निर्णय स्वयं लेते है। उनके पास एक रिसर्च करने की प्रोसेस होती है। अगर आपको आईएएस बनना है, तो अपने निर्णय भी स्वयं ही लेना होगा।
QUE. इंदौर में आईएएस कोचिंग इंस्टीटयूट से फीस डिस्काउंट कैसे ले सकते है? How to get discount on fees of best IAS
Coaching in Indore?
ANS. वैसे तो कोई भी कोचिंग इंस्टीटयूट फीस डिस्काउंट नहीं देती है। वह तो पहले ही फीस बढाकर कम करने की बात करती है। फीस डिस्काउंट के बजाय आप बिना फीस दिए भी आईएएस की तैयारी कर सकते है। किसी सीनियर से आईएएस कोचिंग के लिए क्या तैयारी प्रारंभ में करना चाहिये। आप उससे पूछकर तैयारी कर सकते है। बाद मे जब आपको महसूस होता है कि अब कोचिंग की जरूरत है, तब ले सकते है।