”फिल्म कर्मा में पुलिस अफसर बने दिलीप कुमार ने देश के दुश्मन का रोल निभा रहे अनुपम खैर के गाल पर जो जोरदार थप्पड़ मारा था, उसकी गूंज पूरी फिल्म में सुनने को मिली. एक सीन में दिलीप कुमार पूछते है ये थप्पड़ की गूंज याद है डॉक्टर डैन, तब डॉक्टर डैन कहता है, बहुत अच्छे से, ये थप्पड़ तुमको बहुत महंगा पड़ेगा”
ONLINE DESK, BHOPAL
IAS Officer Slapped: असल जिंदगी में पुलिस अफसर का रोल निभा रहे है हमारे देश के यूपीएससी चयनित आईएएस, और डॉक्टर डैन के रोल में है भारत की भोली भाली जनता… जिस तरह से देश के अलग अलग जिलों में आम लोगों पर थप्पड़ पड़ रहे है, असल में ये थप्पड़ भारत की आत्मा पर पड़ रहे है. कोई अफसर क्या कानून से इतना बड़ा हो गया कि वह भारत के कानून को ही नहीं मानेगा? वह संविधान से उपर हो गया? वह किस हक से आम आदमी को थप्पड़ मार रहा है? क्या उसे यूपीएससी (UPSC) ने यह हक दिया है? क्या किसी मुख्यमंत्री की शय है उस पर, वह इतना बिगड़ैल कैसे हो गया? क्या हम आजाद मुल्क में रहते है? क्या हमारी आजादी इन आईएएस के बूते हमको मिली है? क्या आपको नहीं लगता है, हम अंग्रेजों के दौर में रह रहे है? आपको ये तो पता होगा कि भारत के संविधान (INDIAN CONSTITUTION) ने भारत के सभी नागरिकों को गरिमा से जीवन जीने की स्वतंत्रता दी है. ये एक परीक्षा ((UPSC SELECTED IAS) पास होकर आए लोग होते कौन है, जो भारत के संविधान के द्वारा दी गयी सुरक्षा को तार तार कर रहे है? पुलिस को बल के उपयोग का अधिकार दिया है. यह बात हमें इसलिए ही बताई गई है कि हम पुलिस और प्रशासन पर कोई सवाल नहीं करे. किसी बच्चे के सामने उसके माता पिता को पीटा जाएगा, तो क्या वह रात भर सो पायेगा. किसी के जिगर के टुकड़े को सरे राह मारा जायेगा, तो कोई पिता चैन से सो पायेगा? क्या कभी किसी ने यह सोचा है कि जिस अफसरी को हम ढो रहे है? वह उतनी काबिल है भी या नहीं? लॉकडाउन (LOCKDOWN) के पालन में जिस तरह से सख्ती बरती गई है, उससे भारत के नागरिकों को मिली हुई स्वतंत्रता कम ही हुई है. लॉकडाउन से हमें तानाशाह सरकारों की याद तो आई होगी, जहां आम आदमी के पास कोई अधिकार नहीं होते है. भारत की जनता को यह भी समझना होगा कि अफसर हो या नेता, सब जवाबदेह है. फर्क इतना है कि हम सवाल ही नहीं करते है. त्रिपुरा के डीएम शैलेश यादव, सूरजपुर के पूर्व कलेक्टर रणवीर शर्मा, शाजापुर की एडीएम मंजूषा राय… सबके सब में एक बात तो कॉमन है, सभी थप्पड़ मारकर ही कानून का राज कायम करना चाहते है. सवाल तो यूपीएससी पर भी उठता है. साल 2011 में एप्टीटयूड टेस्ट (APTITUDE TEST) को यह कहकर लाया गया था कि इससे जवाबदेह नौकरशाही मिलेगी. चयन के पूर्व एप्टीट्यूड टेस्ट हमें व्यक्ति प्रशासन चलाने में सक्षम है या नहीं, हम बहुत आसानी से जान सकते है. असल में ऐसा हुआ नहीं. एप्टीट्यूड टेस्ट बहाने मशीनी लोगों को ब्यूरोक्रेसी (BUREAUCRACY) में जाने का भरपूर मौका दिया गया. उस कॉन्वेंट के मॉडल को लागू कर दिया, जिसके यहां नैतिक शिक्षा पढ़ाई ही नहीं जाती. जब उस मॉडल के लोग आईएएस (IAS) में चयनित होंगे, तो वह भारत की आत्मा को कैसे जान पाएंगे? वह कैसे समझ पाएंगे कि भारत में आज भी किसी बीमारी से बड़ी बीमारी पेट की आग है. जिसके लिए हर हाल में घर से निकलना पड़ता है. क्या आईएएस समझाइश नहीं दे सकते है? समझाइश देने के थप्पड़ मारना (IAS officer slapped) जरूरी है. थप्पड़ मारने वाले आईएएस को सार्वजनिक माफी मांगना चाहिये.
ये है हमारे भारत के आईएएस अफसर -IAS Officer Slapped
प्रकरण एक-
त्रिपुरा के आईएएस शैलेश यादव (COLLECTOR SHAILESH YADAV) पहुंचते है, एक सार्वजनिक समारोह में. शादी की परमीशन थी, बस कुछ देर हो गई. बस क्या था, लगे धमकाने, दूल्हा दूल्हन को धक्का, पंडित को तमाचा… देखिये इस वीडियो में…
We demand immediate Suspension of this Rowdy DM of #Agartala. Shailesh Kumar Yadav, IAS, DM Agartala has no right to insult guest , slap priest and manhandle groom. @IASassociation @BjpBiplab @Tripura_Police @narendramodi @rsprasad @BJP4Tripurapic.twitter.com/m9RVKG30FB
— Albert🇮🇳Foundation (@save_albert) April 27, 2021
प्रकरण दो-
छत्तीसगढ़ के सूरजपुर के पूर्व कलेक्टर रणवीर शर्मा (COLLECTOR RANVEER SHARMA) ने सरेराह के एक युवक को थप्पड़ मार दिया और उसका मोबाइल तोड़ दिया. कलेक्टर के आदेश के बाद पुलिसकर्मियों ने लाठी और डंडे भी बरसाये…देखिये इस वीडियो में …
किसी कलेक्टर का इतना घटिया व्यवहार कभी नहीं देखा. अच्छा हुआ जो सूरजपुर के कलेक्टर तबादला हो गया नहीं तो @bhupeshbaghel सरकार को नीचा देखना पड़ता pic.twitter.com/bMBm4SFO9B
— Brajesh Rajput (@brajeshabpnews) May 23, 2021
प्रकरण तीन-IAS Officer Slapped
मध्यप्रदेश के शाजापुर में पदस्थ एडीएम मंजूषा राय (ADM MANJUSHA ROY) ने मार्केट में दुकान खुली होने पर एक व्यक्ति को थप्पड़ मार दिया, पुलिस भी उस पर लाठी से मारती हुई दिख रही है… कहीं कोई समझाइश नहीं दी जाती, केवल थपडि़या जाता है…देखिये इस वीडियो में ….
छत्तीसगढ़ के बाद मध्यप्रदेश के अफ़सर के थप्पड़ की गूँज. शाजापुर में ADM मंजूषा राय ने दुकान खुले पाये जाने पर मारा थप्पड़. लगता है समझाईस देना आता ही नहीं अफ़सरों को @ABPNews @vikasbha @gyanendrat1 @awasthis @pankajjha_ @ShobhnaYadava pic.twitter.com/VguxgHavJZ
— Brajesh Rajput (@brajeshabpnews) May 24, 2021
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