नई उद्याेग नीति में सत्तर प्रतिशत मप्र के मूल निवासियों को रोजगार देना अनिवार्य किया गया है, इससे प्रदेश के युवाओं को अन्य राज्यों में नहीं जाना पड़ेगा. प्रदेश के औद्यौगिक क्षेत्रों में प्रदेश के 70 प्रतिशत युवाओं को रोजगार मिल सकेगा…
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राज्य शासन ने उद्योग सवंर्धन नीति (new industrial policy) में नवीन संशोधन, प्रावधान करते हुए औद्योगिक इकाइयों को अतिरिक्त सुविधाएँ देने का निर्णय लिया है। साथ ही, औद्योगिक इकाइयों (Industries) को मप्र के मूल निवासियों को रोजगार (employment) देना अनिवार्य कर दिया है. प्रदेश के 70 प्रतिशत युवाओं को प्रदेश के औद्यौगिक क्षेत्रों में नौकरी देना होगा. प्रदेश में जीएसटी व्यवस्था लागू होने से वृहद श्रेणी के उद्योगों को देय टैक्स सहायता निरंतर दिये जाने के संबंध में प्रक्रिया का पुनर्निर्धारण किया गया है। उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये प्रदेश की नई सरकार ने औद्योगिक प्रयोजन के लिये आपसी सहमति से निजी भूमि अर्जन के लिए लैंड पूलिंग पॉलिसी (land pulling policy) भी लागू कर दी है। राज्य सरकार ने जवाहर लाल नेहरू बंदरगाह मुम्बई को इन्दौर से रेल मार्ग द्वारा जोड़ने के लिये इक्विटी अंशदान के रूप में 15 प्रतिशत की सहभागिता सुनिश्चित की है। इसमें इंदौर से मनमाड़ तक रेल परियोजना (railway project) का क्रियान्वयन होगा। परियोजना से प्रदेश में उत्पादित माल का परिवहन सुगम हो सकेगा। औद्योगिक इकाइयों को उनके परिसरों में रूफटॉफ पर सौर फोटोवोल्टाईक पावर प्लांट के माध्यम से हरित एवं सस्ती ऊर्जा उपलब्ध कराने का भी निर्णय लिया गया है। इसके पहले चरण में मंडीदीप और पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
मूल निवासियों को रोजगार देने से क्या होगा फायदा?
मध्यप्रदेश में कोई भी नया उद्योग लगता है, तो इस शर्त के मुताबिक उसे मप्र के बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना अनिवार्य होगा. प्रदेश के कॉलेजों से निकले छात्रों को उनके प्रदेश में रोजगार मिल जायेगा. इसी तरह उद्योगों को भी बाहर से आउटसोर्स करके स्टॉफ नहीं लाना होगा. उनके खर्च भी कम होंगे. इस तरह प्रदेश में बेरोजगारी कम होगी.