नई शिक्षा नीति-मप्र में इंजीनियरिंग की किताबें हिंदी में हो रही है तैयार, अन्य राज्य भी क्षेत्रीय भाषाओं में इंजीनियरिंग की बुक्स उपलब्ध करायेंगे…
Online desk, bhopal
हिन्दी माध्यम के छात्र जो इंजीनियरिंग तो करना चाहते है, लेकिन उनके मन में हमेशा यह रहता है कि हिन्दी माध्यम की वजह से परीक्षा में उनका परफॉर्मेंस अच्छा नहीं रहेगा, वह इंजीनियरिंग में बेहतर नहीं कर पाएंगे. इसकी वजह है इंजीनियरिंग की पढ़ाई अंग्रेजी में होना, तो ऐसे छात्रों को अब चिंता करने की जरूरत नहीं है. अब वह भी इंजीनियरिंग में अच्छे मार्क्स ला सकते है. इसका कारण है मप्र में नई शिक्षा नीति का लागू होना. नई शिक्षा नीति के अंतर्गत इंजीनियरिंग कॉलेज और मेडिकल कॉलेजों में हिन्दी व अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में पढ़ाई का प्रावधान किया गया है. इससे हिन्दी, मराठी, तमिल, तेलगु, मलयालम सहित क्षेत्रीय भाषाओं में बच्चों के लिए बुक्स उपलब्ध कराई जाएगी. मप्र में इसकी शुरुआत हो गई है. धीरे धीरे अन्य राज्य भी अपने यहां नई शिक्षा नीति लागू कर रहे है. उल्लेखनीय है कि मप्र का राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) हिन्दी में प्रश्न बैंक तैयार कर रहा है. प्रश्न बैंक तैयार होने के साथ ही इंजीनियरिंग की बुक्स भी हिन्दी में लाई जा रही है. इसका फायदा हिन्दी माध्यम के छात्रों को होगा.प्राप्त जानकारी के मुताबिक स्टूडेंट लर्निंग असेसमेंट प्रोजेक्ट (aslp) के तहत प्रश्न बैंक तैयार किए जा रहे है. प्रश्न बैंक को तैयार करने में रिटायर्ड व वर्किंग फैकल्टी को दिया गया है.
इंजीनियरिंग के विषय हिन्दी में तैयार होने के साथ ही तैयार होंगे हिन्दी में प्रश्न बैंक
प्रश्न बैंक बनाने की जिम्मेदारी उस फैकल्टी को दी जाएगी, जिस हिन्दी के बेहतरीन ज्ञान के साथ संबंधित विषय की पकड़ हो.साथ ही वह ट्रांसलेशन का काम भी कर सकता हो. इस बात का खास ध्यान रखने को कहा गया है कि इंग्लिश से हिन्दी में ट्रांसलेशन करते समय इसके भाव में कोई परिवर्तन नहीं हो. सरल हिन्दी में ट्रांसलेशन किया जाये. नई व्यवस्था के तहत 11 विषयों के प्रश्न बैंक बनेंगे. इसमें फिजिक्स, मैथ्स, मैकेनिकल, सिविल इंजीनियरिंग, सीएसई, ईसीई, सहित विषयों को शामिल किया जा रहा है. हिन्दी के छात्रों ने इस कदम का स्वागत किया है…
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