न्यूज पेपर में उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरी देने का दावा, जबकि सोशल मीडिया पर बेरोजगारों की फौज मांग रही काम….
-लेखपाल भर्ती की वाहवाही के लिये बनाया वीडियो चर्चा में, ट्वीट करना पड़ा डिलीट
-पूर्व की सरकारों में हुई भर्ती को अपना बनाने में पीछे नहीं है सरकार, पर युवा भी कम नहीं, सच उजागर कर ही देता है
-अखबारों में नौकरी देने के भर भर के विज्ञापन जारी, सोशल मीडिया पर युवा कह रहा है यूपी में नहीं है नौकरी
Online desk, up
उत्तर प्रदेश सरकार को अगले साल चुनावों में जाना है. राज्य में बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है. इस मुद्दे की धार को कम करने के लिये हिंदुत्व के मुद्दे पर समय समय पर उठाया जाता है, लेकिन जब युवाओं के पास नौकरी नहीं होती है, तो वह उल्टा फ्रस्टेड होने लगता है. कानून व्यवस्था पर हम अभी बात नहीं करने वाले है.क्योंकि कानून व्यवस्था पर आप लगातार खबरें पढ़ ही रहे है. मजे की बात तो यह है कि प्रमुख अखबार चार लाख नौकरी देने की खबर छाप रहे है. सरकार भी खुश होकर इन बड़े अखबारों में फुल पेज के विज्ञापन दे रही है. पूरे पेज के विज्ञापन में केवल एक बात कॉमन है, वह है रोजगार. हिन्दी के एक बड़े अखबार में 14 मार्च को छपे एक पेज के विज्ञापन में यूपी सरकार ने बताया है कि नौकरी की जानकारी के लिए एक पोर्टल बनाया है. जहां से नौकरी की जानकारी ले सकते है. इसके अलावा सरकारी नौकरी में भर्ती युवाओं के फोटो लगाकर बताया गया हे कि भर्ती पूरी तरह से निष्पक्ष हुई है. अब इस पर तो हम सवाल नहीं उठा रहे है, हमारा कहना है कि नौकरी अखबारों में देने के बजाय वास्तव में दी होती है, तो युवा सोशल मीडिया पर सरकार से रोजगार नहीं मांग रहा होता…
उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरी को समय से पूरा करने की मांग
युवा हल्ला बोल के राष्ट्रीय संयोजक अनुपम ने बताया है कि रोजगार के मामले में यूपी सरकार बूरी तरह से विफल हुई है. पूरानी भर्तियों को अपने नाम कर वाहवाही में लगी हुई है. असल में यूपी में भाजपा राज में बेरोजगारी बढ़ी है. उन्होंने एक सूची जारी की है, जिसमें पूर्व में घोषित सरकारी भर्तियों को समयबद्व तरीके से कराने की मांग की है.
अटकी हुई भर्ती की सूची-
- आबकारी सिपाही (सामान्य चयन)
- सम्मिलित तकनीकी सहायक एवं सहायक अनदेशक (सामान्य चयन)
- नलकुप चालक (सामान्य चयन)
- गन्ना पर्यवेक्षक परीक्षा (सामान्य चयन)
- वाहन चालक (सामान्य चयन) भर्ती
- सम्मिलित अवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा
- सम्मिलित तकनीकी सेवा चयन परीक्षा
- कंप्यूटर ऑपरेटर (सामान्य चयन) भर्ती
- सम्मिलित कनिष्ठ सहायक व कनिष्ठ लिपिक (सामान्य चयन) भर्ती
- सम्मिलित आशुलिपिक (सामान्य चयन) भर्ती
- सम्मिलित अवर अभियंता एवं उपवास्तु विद भर्ती
- सम्मिलित ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी परीक्षा
- अधीनस्थ कृषि सेवा वर्ग 3 भर्ती परीक्षा
- सम्मिलित अवर अभियंता, संगणक एवं फोरमेन भर्ती परीक्षा
- राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद संयुक्त संवर्ग प्रतियोगिता परीक्षा
- सम्मिलित अवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा
- होम्यौपैथिक फार्मासिस्ट सामान्य चयन परीक्षा
- कनिष्ठ सहायक सामान्य चयन परीक्षा
- वन रक्षक एवं वन्य जीव रक्षक परीक्षा
शिक्षक भर्ती निकालने में पीछे यूपी चयन बोर्ड
माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में खाली पदों को भरने का इंतजार काफी लंबा हो रहा है. पिछले साल 2020 के अंत में भर्ती घोषित तो हुई, लेकिन हुई नहीं. अब तक उसका संशोधित विज्ञापन नहीं निकला है. इसी तरह 2016 में टीजीटी जीव विज्ञान की लिखित परीक्षा कराने का वादा शासन के द्वारा किया गया था, जबकि अब तक परीक्षा नहीं हुई है. ऐसे ही 2011 की प्रधानाचार्य भर्ती में कई मंडलों की साक्षात्कार की तारीख तय नहीं हो पाई है. 2013 प्रधानाचार्य भर्ती का साक्षात्कार कब होगा, इसका उत्तर किसी के पास नहीं है. ये हाल है यूपी में सरकारी भर्ती के…
दुर्गेश चौधरी और रियाज प्रकरण में अधिकारियों को पड़ी डांट
सेवानिवृत आईएएस सूर्यप्रताप सिंह ने टिविट कर जानकारी दी है कि दुर्गेश चौधरी और मोहम्मद रियाज प्रकरण में पोल खुलने पर अधिकारियों को जमकर डांट पड़ी है. आदेश हुआ है कि अगले कुछ दिन रोजगार पर विशेष तौर पर डैमेज कंट्रोल किया जाए और अब कोई ट्वीट ना डिलीट किया जाये. युवाओं की मुहिम ने पूरे लोकभवन को काम पर लगा दिया. आपको बताते चलें कि दुर्गेश और रियाज के वीडियो बनाकर उनको नौकरी देने और पूरी पारदर्शिता बरती जाने को लेकर मुख्यमंत्री के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया था. बाद में जब छात्रों ने पूछा कि ये भर्ती कब हुई, इसकी जानकारी तो दो. बाद में इन ट्वीट को हैंडल से डिलीट कर दिया गया था.