– राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2017-18 की प्रथम तिमाही के कर निर्धारण प्रकरणों के निराकरण के लिये समयण्सीमा बढ़ाई गई
भोपाल। मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने प्रदेश के व्यवसाईयों को बड़ी राहत दी है। दरअसल व्यवसाईयों को जीएसटी के अंतर्गत प्रतिमाह रिटर्न प्रस्तुत करना होता है। इसके साथ ही उन्हें जीएसटी की वार्षिक विवरणी प्रस्तुत करना होता है। इस प्रकार की स्थितियों से उन्हें कर निर्धारण कराने में असुविधा हो रही थी। कर दाताओं एवं कर सलाहकारों द्वारा यह तथ्य राज्य शासन के ध्यान में लाया गया था। जिस पर विचार कर वर्ष 2017-18 की प्रथम तिमाही के जीएसटी लागू होने की पूर्व की अवधिबद्ध प्रकरणों के निराकरण के लिये समयकृसीमा 29 फरवरी से बढ़ाकर 30 जून तक कर दी है।
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश राज्य जीएसटी के अंतर्गत जनवरी 2020 के लिये देय मासिक विवरणी जमा कराने में भारत के अनेक राज्यों को पीछे छोड़ते हुए दूसरे स्थान पर मध्यप्रदेश राज्य पूरे भारत देश में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए कर दाताओं से माह जनवरी, 2020 का रिटर्न प्रस्तुत कराने में दूसरे स्थान पर रहा है। प्रदेश में जीएसटी के अंतर्गत 3 लाख 47 हजार पंजीयत करदाता मासिक चुकाने मासिक विवरणी प्रस्तुत करने के दायी हैंए इनमें से लगभग 3 लाख 6 हजार करकृदाताओं द्वारा मासिक विवरणण्पत्र प्रस्तुत कर दिये गये हैं।
इस प्रकार प्रदेश के लगभी 88 प्रतिशत करकृदाताओं द्वारा रिटर्न प्रस्तुत कर दिये गये हैं। अनेक राज्यों को पीछे छोड़ते हुए मध्यप्रदेश राज्य के करकृदाताओं और कर सलाहकारों द्वारा पूर्ण उत्साह से अधिक से अधिक विवरणी प्रस्तुत करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।