डेयरी, मीट प्रोसेसिंग और एनिमल फीड प्लांट के लिए मिलेगा 50 करोड का लोन
केंद्र सरकार ने दिए राज्यों को निर्देश, सिडबी के माध्यम से दिया जायेगा लोन
भोपाल। केंद्र सरकार अब डेयरी, मीट प्रोसेसिंग और एनिमल फीड प्लांट लगाने के लिए लोन की सुविधा को बहुत आसान करने जा रही है।
हितग्राही को 3 प्रतिशत का ब्याज अनुदान भी दिया जा रहा है। किसान उत्पादक संगठन, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उधोग, निजी कंपनियां और कोई एक व्यक्ति भी इस योजना का लाभ ले सकता है।
आवेदक को केवल दस से पच्चीस प्रतिशत तक मार्जिन मनी देना होगा। बाकी 75 से 90 प्रतिशत तक का बैंक लोन मिल सकता है।
मध्यप्रदेश के एसीएस पशुपालन जेएन कंसोटिया ने बताया कि योजना का मुख्य उददेश्य डेयरी प्रसंस्करण और मांस प्रसंस्करण की सुविधा उपलब्ध कराना है।
इससे घरेलू बाजार में गुणवत्तापूर्ण दूध और मांस की उपलब्धता के साथ उत्पादकों को अच्छा बाजार मिलने से आय में बढोतरी होगी।
योजना में पशुपालकों को पशुओं के लिये उच्व गुणवत्ता वाला पशु आहार भी उचित दामों पर उपलब्ध कराया जायेगा।
एनिमल फीड प्लांट, डेयरी और मीट प्रोसेसिंग के लिए ऐसे करे आवेदन
इच्छुक व्यक्ति सिडबी के पोर्टल ‘उद्यमी मित्र’ पर आवेदन दे सकते हैं।
केन्द्रीय पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय द्वारा ‘एनीमल हसबेण्डरी इन्फ्रास्ट्रक्चर डेव्हलपमेंट फण्ड’ के तहत राज्यों को दिशा-निर्देश जारी कर दिये गये हैं।
प्रसंस्करण स्थापित करने के इच्छुक हितग्राहियों को बैंक में आवेदन देने के पहले आवश्यक भूमि की व्यवस्था करनी होगी।
एनिमल फीड प्लांट सहित उत्पादाें के प्रचार का उल्लेख जरूरी
परियोजना प्रस्ताव में दूध, मांस और पशु आहार के लिये गुणवत्ता प्रबंधन इकाई की स्थापना, पैंकेजिंग इकाई और उत्पाद के प्रचार का उल्लेख जरूरी होगा।
आवश्यक होने पर हितग्राही सिडबी (भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक) के ‘उद्यमी मित्र’ पोर्टल पर उपलब्ध एजेंसियों से परामर्श भी ले सकेंगे।
हितग्राही सिडबी के उद्यमी मित्र पोर्टल के माध्यम से परियोजना प्रस्ताव प्रस्तुत करेंगे।
50 करोड़ रुपये तक के प्रस्ताव प्रोजेक्ट एप्रुवल कमेटी
हितग्राही तीन प्रतिशत ब्याज सबवेंशन अनुदान के लिये अनुसूचित बैंक परियोजना प्रस्ताव केन्द्रीय पशुपालन एवं डेयरी विभाग को ऑनलाइन भेजेंगे।
केन्द्र शासन द्वारा गठित प्रोजेक्ट सेंक्शन और प्रोजेक्ट एप्रुवल कमेटी निर्धारित मापदंडों के अनुसार ब्याज सबवेंशन और क्रेडिट गारंटी की स्वीकृति देगी।
50 करोड़ रुपये तक के प्रस्ताव प्रोजेक्ट एप्रुवल कमेटी और 50 करोड़ से अधिक के प्रस्ताव प्रोजेक्ट सेंक्शन कमेटी मंजूर करेगी।
750 करोड़ रुपये की क्रेडिट गारंटी फण्ड की स्थापना
केन्द्र शासन द्वारा 750 करोड़ रुपये की क्रेडिट गारंटी फण्ड की स्थापना की जायेगी। जिसका प्रबंधन नार्बाड करेगा।
क्रेडिट गारंटी फण्ड केवल उन्हीं परियोजनाओं को दिया जायेगा जो व्यवहारी होंगी।
पात्र हितग्राही को ऋण सुविधा का अधिकतम 25 प्रतिशत कव्हरेज मिलेगा।
फण्ड की कुल राशि 15 हजार करोड़ का वितरण 3 वर्ष की अवधि में अनुसूचित बैंकों द्वारा किया जायेगा।
आवेदन के लिए इस वेबसाईट पर क्लिक करे
सिडबी के पोर्टल ‘उद्यमी मित्र’