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Mp Unemployment: मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार को अभी एक साल हुआ है। सरकार ने जश्न भी खूब मनाया। लेकिन एक साल के दौरान जो बात सामने आई हैं, वह आश्चर्यजनक है। मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार रोजगार के मामले में पिछड़ गई है। हालांकि केवल कांग्रेस ही नहीं देश की मोदी सरकार को भी रोजगार के मामले में बहुत खरीखोटी सुनना पड़ रही हैं। वैसे मोदी सरकार को रोजगार से लोगों का ध्यान हटाना आता है। इसलिये लोगों को 370, सीएबी, तीन तलाक जैसे मुददों को लोगों के साथ जोड़ दिया। इस कारण से कभी लोगों ने केंद्र सरकार से रोजगार (Employment) पर सवाल ही नहीं पूछा। इधर कांग्रेस सरकार विधानसभा में दिये एक जवाब से फंसती नजर आ रही है। मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद पंजीकृत शिक्षित बेरोजगारों की संख्या में 7 लाख की वृद्धि हुई है। विज्ञापनों में गुणगान किया जा रहा है कि युवाओं को रोजगार तथा स्वरोजगार के अधिकतम अवसर उपलब्ध करवाने के लिए अनेक रणनीतिक कदम उठाये गए हैं। जबकि हकीकत ऊँट के मुँह में जीरा जैसी है। जिसका खुलासा विधानसभा में पूर्व गृहमंत्री एवं खुरई विधायक भूपेन्द्र सिंह के प्रश्न पर सरकार के जबाब में हुआ है। बुधवार को विधानसभा में पूर्व गृहमंत्री एवं विधायक भूपेन्द्र सिंह ने प्रश्न किया कि प्रदेश में अक्टूबर 2018 एवं अक्टूबर 2019 में पंजीकृत शिक्षित बेरोजगारों का ब्यौरा क्या है और कितने बेरोजगारों को शासकीय अथवा निजी क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराया गया है? जवाब में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बताया है कि प्रदेश में अक्टूबर 2018 में पंजीकृत शिक्षित बेरोजगारों की संख्या 20,77,222 एवं अक्टूबर 2019 में पंजीकृत शिक्षित बेरोजगारों की संख्या 27,79,725 है। अर्थात बीते एक साल में पंजीकृत शिक्षित बेरोजगारों की संख्या में 7 लाख 2503 की वृद्धि हुई है।जबकि 15 अक्टूबर 2018 से 15 नवम्बर 2019 के मध्य शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार प्रदाय करने के लिए मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन मुख्यमंत्री स्वभिमान योजना तथा मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना के अंतर्गत मेगा स्किल ट्रेनिंग सेन्टर की स्थापना हेतु लघु अवधि के कौशल प्रशिक्षण हेतु निजि प्रशिक्षण प्रदाताओं का चयन किया जा चुका है एवं प्रशिक्षण की कार्यवाही प्रचलन में है, प्रशिक्षण उपरांत प्रशिक्षणार्थियों का चयन प्रशिक्षण प्रदाता द्वारा किया जावेगा। पूर्व में संचालित मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना एवं मुख्यमंत्री कौशल्या योजना अंतर्गत निजी क्षेत्रों में 7,722 प्रशिक्षणार्थियों का नियोजन किया गया है। जॉब फेयर योजना के तहत 15 दिसम्बर 2018 से 15 नवम्बर 2019 के मध्य जॉब फेयर आयोजित कर 17,506 शिक्षित बेरोजगारों को निजी क्षेत्रों में नियुक्ति हेतु चयनित करवाया गया। विभिन्न जिलों में नियोजन कंपनी के माध्यम से आईटीआई प्रशिक्षणार्थियों के लिए प्लेसमेंट ड्राइव का आयोजन कर 15 दिसम्बर 2018 से 15 नवम्बर 2019 के मध्य 2,520 आईटीआई उत्तीर्ण छात्रों का विभिन्न कंपनियों द्वारा चयन किया गया है। गौरतलब है कि सरकार के उक्त जवाब से यह पता नहीं चलता कि निजी क्षेत्रों में नियुक्ति हेतु चयनित 20,026 युवाओं में से कितनों को रोजगार मिला। प्रदेश सरकार द्वारा युवाओं को रोजगार (employment in madhya pradesh) देने में हालत कितनी पतली है, इसका नमूना मुख्यमंत्री के जवाब में है, जिसमें बताया गया है कि प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा आयोजित संयुक्त भर्ती परीक्षा 2018 में कौशल विकास संचालनालय द्वारा सहायक ग्रेड-3 के सात पदों पर नियुक्ति की गई है।