केंद्र सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च करेगी 102 लाख करोड़
नईदिल्ली। भारत की पांच ट्रिलियन की जीडीपी बनाने के लिये केंद्र सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर पर 102 लाख करोड़ खर्च करने जा रही है.केंद्र सरकार आने वाले पांच सालों में 102 लाख करोड़ का निवेश करने जा रही है। इस निवेश से इंफ्रास्ट्रक्चर के कार्यों में तेजी आयेगी। कार्यों में बजट राशि उपलब्ध नहीं होने के कारण इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में गिरावट चल रही थी।
अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिये केंद्र सरकार इतना अधिक निवेश करने जा रही है। केंन्द्रीय वित्त एवं कार्पोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा 31 जनवरी को आर्थिक समीक्षा कर इस संबंध में जानकारी दी। आर्थिक समीक्षा में भारत इंफ्रास्ट्रक्चर के बारे में गहन विश्लेषण किया है।
इस निवेश में 39 प्रतिशत केंद्र, 39 प्रतिशत राज्य और 22 प्रतिशत निवेश निजी क्षेत्र का रहेगा। आर्थिक समीक्षा में आषा व्यक्त की है कि अच्छी तरह से तैयार की गई परियोजनाओं के बल पर केंद्र सरकार , राज्य सरकार और निजी निवेशक निवेश के लिये आकर्षित होंगे।
केंद्र सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर पर निवेश तीन कर रही है
आर्थिक समीक्षा में बताया है कि सड़कों और राजमार्गों में निवेश तीन गुना अधिक किया गया है। वर्ष 2018-19 के दौरान भारतीय रेलवे ने 120 करोड़ टन माल ढुलाई की और 840 करोड़ यात्रियों के बल पर यह दुनिया का सबसे बड़ा यात्री वाहक और चौथा बड़ा वाहक बना।
मौजूदा हवाई अडडे की क्षमता पर दबाव को कम करने के लिये, वित्त वर्ष 2023-24 तक 100 और हवाई अडडों को चालू किया जाना है। समीक्षा में बताया गया कि भारतीय वाहक 2019 के अंत में लगभग 600 विमानों के अपने बेड़े को वित्त वष्र्र 2023-24 तक 1200 विमानों तक बढ़ाकर डबल किया जायेगा।
समीक्षा में बताया गया कि भारत में डेटा मूल्य दुनियां भर में सस्ता है। सरकार देष की सभी 2.5 लाख पंचायतों को ब्राडबैंड कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने के लिए चरण बद्ध तरीके से काम कर रही है।
चीन के बाद भारत तीसरा बड़ा उर्जा उपभोक्ता
आर्थिक समीक्षा में बताया गया कि अमेरिका और चीन के बाद भारत तीसरा बड़ा उर्जा उपभोक्ता देष है। पेट्रोलियम क्षेत्र में घरेलू निवेश बढ़ाने के लिए अन्वेषण और लाइसेंसिंग नीति में सुधार कर रहा है। साल 2019 में कच्चे तेल के भंडार में बढ़ोतरी हुई है।
आर्थिक समीक्षा में यह उल्लेख किया गया है कि सरकार द्वारा बिजली क्षेत्र में निवेश बढ़ाने की निरंतर प्रयासों के परिणाम स्वरूप विश्व आर्थिक मंच द्वारा जारी उर्जा संक्रमण सूचकांक में भारत की रैकिंग सुधर कर 76 वें स्थान पर आ गई है।
मार्च 2019 में 3,56,100 मेगावाट की स्थापित क्षमता 31 अक्टूबर 2019 को बढ़कर 3,64,960 मेगावाट हो गई है। प्रधानमंत्री सहज बिजी हर घर योजना (सौभाग्य) की शुरूआत हुई। समीक्षा में बताया गया कि चरमपंथ बस्तर के क्षेत्र के कुछ घरों को छोड़कर सभी राज्यों में घरों का विदयुतीकरण कर दिया गया है।
समीक्षा में कहा गया है कि 100 शहरों में स्मार्ट सिटी मिशन के षुभारंभ के बाद से 2 लाख करोड़ से अधिक की 5,151 परियोजनाएं कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में है।