ये रेलवे की वैकेंसी फर्जी है, जाल में मत फंसना
भोपाल। बेरोजगार दोस्तों लॉक डाउन में तुम मछली हो, तुम्हारे लिए चारा डाला जा रहा है। तुम फस जाओ, इसलिए पूरा डामा रचा जा रहा है।
ये हम इसलिए कह रहे है कि आए दिन देखने में आ रहा है कि सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर झुठे विज्ञापन और सोशल मीडिया पर पोस्ट देखने को मिल रहे है। इसके लिए एक पूरा गिराह काम रहा है।
हैरत की बात तो यह है कि ये फर्जी लोग प्लेसमेंट एजेंसी से सीधे संपर्क कर हर पोस्ट का रेट बता रहे है। उनको किसी भी तरह से डर नहीं लगता है।
वह अपना पता तक बता देते है। सच है या नहीं, ये कोई देखने नहीं जाता है। लेकिन बेरोजगारों को विश्वास दिलाने के लिए ये कुछ भी करने को तैयार है।
सबको ये पता भी है कि ऐसे सरकारी नौकरी नहीं लगती है। िफर भी लोग उनके जाल में फस जाते है।
लोगों को ऐसे लोगों से सावधान रहना चाहिये। अगर कोई भी व्यक्त सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर पैसे मांगता है, तो उसकी शिकायत पुलिस को करना चाहिये।
ये फर्जी लोग बेरोजगारों की पूंजी लेकर चंपत हो जाते है। मेहनत से कमाई हुई पूंजी को हडपने का खेल चल रहा है।
अभी हाल ही में एक अखबार एक विज्ञापन छपा है। जिसमें रेलवे की वैकेंसी की जानकारी दी गई है, और बेरोजगारों से अप्लाई करने को कहा है।
रेलवे की वैकेंसी के लिए करना होग 750 रूपए ऑन लाइन भुगतान
झुठे और भ्रामक विज्ञापन में रेलवे के आठ पदों पर 5285 रिक्तियों के लिए आवेदन आमंत्रित किया है।
आवेदन करने वालों से 750 रूपए का ऑन लाइन भुगतान करने को कहा गया है।
रेलवे ने इस विज्ञापन को फर्जी करार दिया है। रेलवे के मताबिक इसमें किसी ठग गिरोह का हाथ हो सकता है।
पांच हजार से ज्यादा रेलवे की वैकेंसी निकाली
ऐक सेवा प्रदाता कंपनी होने का दावा करते हुए विज्ञापन दाता ऐजेंसी ने 10 सितंबर तक शाम पांच बजे तक आवेदन करने का समय दिया है।
5285 रिक्तियों में जूनियर अस्सिटेंट 600, कंटोलर 35, बुकिंग क्लर्क 430 गैटमेन 1200, कैंटीन सुपरवाईजर 350, पियून 1460, केबिन मेन 780 और वैल्डर के 430 पद शामिल है।
हर पद के लिए अलग अलग शैक्षणिक योग्यता तय की गई है।
मासिक आमदनी का ब्यौरा दिया
साथ ही मासिक आमदनी का ब्यौरा भी दिया गया है।
आवेदन करने वालों को रेलवे भले ही 38 वर्ष तक मौका देती हो, लेकिन इस एजेंसी ने 18 से 40 वर्षों तक के अभ्यर्थियों से आवेदन मांगा है।
थोडी भी समझ रखने वाला नहीं आयेगा झांसे में
विज्ञापन दाता ऐजेंसी ने पांच राज्यों के अभ्यर्थियों से नौकरी के आवेदन मंगाए है। जबकि रेलवे जोन क्षेत्र में बंटा होता है।
लेकिन विज्ञापन निकालने वाली एजेंसी ने केवल पांच राज्य बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश और पंजाब के अभ्यर्थियों के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए है।
एजेंसी की वेबसाईट पर दावा किया गया है कि उनकी कंपनी सरकारी विभागों में के लिए अनुबंध के आधार पर आउटसोर्स पर कर्मचारियों को बहाल करती है।
रेलवे के लिए आउटसोर्स पर 10 से 13 लाख वैकेंसी का लक्ष्य रखा गया है।
मामले की जांच की जा रही है
रेलवे के मुताबिक मामले की जांच की जा रही है। रेलवे की और से कोई विज्ञापन जारी नहीं किया गया है।
नौकरी का भरोसा देने की बात रेलवे द्वारा नहीं की जाती है। रेलवे ने ऐसे लोगों से सतर्क रहने की सलाह दी है।