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बेरोजगारों के लिए आई एक और बूरी खबर, रेलवे खलासी भर्ती पर रोक

बेरोजगारों के लिए आई एक और बूरी खबर, रेलवे खलासी भर्ती पर रोक

भोपाल। एक दशक पहले भारतीय रेलवे में रेलवे खलासी भर्ती के पदों पर सबसे अधिक भर्ती की जाती थी।

दसवीं योग्‍यता वाले लाखों युवा इस भर्ती में भाग लेकर रेलवे की नौकरी में भर्ती होते थे।

धीरे धीरे रेलवे ने ग्रुप डी के पदों को कम करते हुए लगभग खत्‍म करने की और कदम बढा दिया है। भारतीय रेलवे ने तय है कि अब खलासी के पदों पर भर्ती नहीं होगी।

यह औपनिवेशिक काल के दौरान के पद है। भारतीय रेलवे में इस पद की कोई अहमियत नहीं है।

6 अगस्‍त को रेलवे बोर्ड की और से जारी आदेश के मुताबिक खलासी के पदों की समीक्षा की जा रही है।

निर्णय लिया गया है कि इन पदों पर नई भर्ती नहीं की जायेगी।

इसके अलावा 1 जुलाई 2020 से इन पदों पर की गई नियुक्तियों की समीक्षा भी की जायेगी।

रेलवे बोर्ड ने अपने आदेश में कहा है कि टेलीफोन अटेडेंट सह डाक खलासी टीएडीके मामले की समीक्षा की जा रही है।

टीएडीके नियुक्‍ती संबंधी मामला रेलवे बोर्ड में समीक्षाधीन है।

आदेश में कहा गया है कि इसलिए टीएडीके के तौर नौकरी पर लगे नए लोगों की नियुक्ति की प्रक्रिया आगे नहीं बढाई जाना चाहिये, और ना ही तत्‍काल नियुक्‍ती की जानी चाहिये।

रेलवे बोर्ड ने सभी जोन को इस आदेश का कडाई से पालन करने को कहा है।

 

रेलवे खलासी वर्क

 

दरअसल रेलवे में खलासी चपरासी की तरह होता है। उसे अधिकारियों के बंग्ले पर प्‍यून की तरह काम करना पडता है।

खलासी के पद की संरचना सबसे पहले अंग्रेजों के काल में हुई। अंग्रेज अधिकारियों के बंगले पर प्‍यून के काम के लिए खलासी के पदों की संरचना की गई।

जिसके बाद रेलवे के अफसरों के बंगले पर खलासी की नियुक्‍ती की जाने लगी।

कई अधिकारियों के बंगलों पर दर्जन भर से अधिक चपरासी काम करते है। जबकि रेलवे ने इन पदों को गैर जायज माना है।

 

 रेलवे खलासी सैलरी

 

रेलवे खलासी की सैलरी 18 से 20 हजार होती है। इसमें भत्‍ते मिलाकर 22 हजार से अधिक हो जाती है। राज्‍य सरकार भी अपने यहां चपरासी को इतनी सैलरी दे रही है।

वहीं रेलवे में सीनियर चपरासी की सैलरी अधिक हो सकती है। इसी तरह राज्‍य शासन में भी सीनियर चपरासी की सैलरी 30 से अधिक हो जाती है।

नौकरी की शुरूआत में 18 से 20 हजार तक सैलरी मिलती है।

 

सरेंडरीकरण को बढावा

 

यह देखने को मिल रहा है कि रेलवे लगातार अपने पदों को कम कर रहा है।

रेलवे की वित्‍तीय स्थिति खराब होने के कारण आने वाले दो सालों तक नई भर्ती पर अघोषित रोक लगा दी गई है।

 सैफटी के पदों को दोडकर अन्‍य पदों का सरेंडरीकरण सख्‍ती से करने के निर्देश दिए गए है।

 

डेढ लाख कर्मचारियों को बाहर करने की तैयारी

 

रेलवे आने वाले समय में करीब तीन लाख कर्मचारियों को सेवा से बाहर करने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए रेलवे पहले ही एक फार्मूला जारी कर चुका है।

जिसके तहत कर्मचारियों की उपस्थिति, शारीरिक स्थिति, मानसिक स्थिति, विजेलेंस जांच, भ्रष्‍टाचार अथवा विभागीय जांचों में दोषी पाए जाने वाले कर्मचारियों को घर भेजा जाएगा।

बताया जाता है कि वर्तमान में रेलवे में 13 लाख कर्मचारियों के स्‍वीक़त पद है।

इसमें लगभग डेढ लाख पद रिक्‍त चल रहे है। रेलवे राईट साईजिंग के नाम पर डेढ लाख पद कम करेगा।

कुल मिलाकर रेलवे तीन लाख पदों को कम कर 10 लाख की वर्कफोर्स बनाने जा रहा है। रेलवे ने जोन महाप्रबंधकों से सुझाव मांगे है।

 

 

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