पीईबी के बंद होने की अटकलें, क्या होगा लाखों बच्चों का?
भोपाल। प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (PEB ) के बंद होने की अटकलें तेज हो गई है।
राज्य सरकार के रूख को देखते हुए यह लग रहा है।
राज्य सरकार के उपर पीईबी जो पहले व्यापंम नाम का कलंक था, उसे भी धोने के बारे में सोचा जा रहा है।
हालांकि PEB को बंद कर राज्य चयन आयोग बनाने की बात कमलनाथ सरकार द्वारा भी की गई थी।
लेकिन कमलनाथ सरकार ने पंद्रह माह के कार्यकाल में कोई तब्दीली नहीं कर पाई।
अब जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य में नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी (NRA) के द्वारा आयोजित सामान्य योग्यता परीक्षा (CET) स्कोर के आधार पर सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है।
इसके बाद तय माना जा रहा है कि आने वाले समय में पीईबी पर ताले लग जायेंगे।
इससे पीईबी की परीक्षाओं की तैयारी कर रहे लाखों अभ्यर्थी सकते में आ गए है।
पीईबी के बंद होने की वजह
सीईटी स्कोर के आधार पर राज्य में ततीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती होगी।
एनआरए के द्वारा ततीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती होती है, तो कहा जा सकता है कि पीईबी के पास कोई काम नहीं रह जायेगा।
ऐसे में जानकार लोगों का कहना है कि आने वाले समय में पीईबी बंद भी हो सकता है।
पीईबी के बंद होने के बाद भी एमपीपीएससी की परीक्षाएं होगी
हालांकि मप्र लोक सेवा आयोग (MPPSC) की तैयारी कर रहे छात्रों को घबराने की जरूरत नहीं है।
एनआरए केवल ततीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती करेगा। MPPSC पर इसका कोई असर नहीं होगा।
इसकी व्यवस्था पूर्व की तरह रहेगी। इसलिए एमपीपीएसी की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को परीक्षा की तैयारी करते रहना चाहिये।
संभावना है कि इस वर्ष पद भी बढाए जा सकते है।
पीईबी के बंद होने का असर
यदि पीईबी बंद होता है तो बहुत सारे विभाग अंदर ही अंदर अपन स्तर पर भर्ती की प्रक्रिया पूरी कर लेंगे।
भर्ती कब आयी और कब नियुक्त हुए। इसका पता ही नहीं चलेगा। पहले कर्मचारियों को संविदा में भर्ती कर रेग्यूलर किया जायेगा।
मूल निवासी की जरूरत नहीं होगी
एनआरए एग्जाम में नेशनल लेवल पर हाईस्कोर करने वाले ही सिलेक्ट होंगे।
गरीब और ग्रामाीण क्षेत्र के युवा इसको कम ही क्रेक कर पाएंगे।
नेशनल लेवल की परीक्षा में मूल निवासी का प्रावधान लागू नहीं हो पायेगा।