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क्‍या होता है “हाइब्रिड वॉरफेयर”, कैसे होती है दुश्‍मन देशों में तबाही, कैसे बनते है अचानक देश में गृह युद्व जैसे हालात…

क्‍या होता है “हाइब्रिड वॉरफेयर”, कैसे होती है दुश्‍मन देशों में तबाही, कैसे बनते है अचानक देश में गृह युद्व जैसे हालात…

-भारतीय सेना हर तरह के वारफेयर से निपटने में सक्षम, आईआईएमसी में आयोजित समारोह में  ध्रूव कटोच ने कहा

Online desk, bhopal

आपने सुना होगा‍ कि इस देश में गृह यु्द्व के हालात बन गये है. देश के आम लोगों को सरकार और सेना के खिलाफ भड़काकर देश में गृह युद्व जैसे हालात उत्‍पन्‍न किये जा रहे है. देश की अर्थव्‍यवस्‍था को अस्थिर करने का प्रयास हो रहा है. बीते तीन से चार सालों में म‍िडिल ईस्‍ट के कई देशों से ऐसी सूचनाएं सुनने को मिल रही है. पहले देश के लोगों को सरकार के खिलाफ करो और फ‍िर विद्रोहियों को हथियार दो और देश के खिलाफ युद्व छेड़ दो. इसे कहते है हाइब्रिड वारफेयर. भारत के खिलाफ भी पड़ोसी देश सूचनाओं के सहारे युद्व लड़ने का प्रयास कर रहा है. 

लेकिन इस तरह के ‘हाइब्रिड वॉरफेयर’ से निपटने में भारतीय सेना पूरी तरह से सक्षम है। यह बात मेजर जनरल सेवानिवृत्त ध्रुव कटोच ने भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कहीं.  ध्रुव कटोच ने कहा कि ‘हाइब्रिड वॉरफेयर’ दुश्मन के साथ जंग करने का नये जमाने का तरीका है। इस युद्ध में डेटा का खेल होता है और उस डेटा के विश्लेषण के बाद दुश्मन के खिलाफ चालें चली जाती हैं। उन्होंने कहा कि इस डेटा की मदद से आप दुश्मन देश में गलत सूचनाएं फैला कर हिंसा और तनाव की स्थिति को जन्म दे सकते हैं। हमारा पड़ोसी देश आजकल यही कार्य कर रहा है, लेकिन भारत ने सूचनाओं के सही प्रयोग से उसे करारा जवाब दिया है।

कटोच के अनुसार आज हम जिस दौर में रह रहे हैं, वहां सूचनाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। हम मीडिया को मैनेज नहीं कर सकते, हम सिर्फ सूचनाओं को मैनेज कर सकते हैं। कटोच ने कहा कि न्यू मीडिया के इस दौर में समाज के हर वर्ग के लिए मीडिया साक्षरता अत्यंत महत्वपूर्ण है। आज जब लगभग हर व्यक्ति के हाथ में स्मार्टफोन है, तब मीडिया के दुरुपयोग की संभावना कई गुना बढ़ गई है और इसे केवल मीडिया साक्षरता के माध्यम से ही नियंत्रित किया जा सकता है।   

कटोच ने कहा कि मीडिया साक्षरता से हमें उस मनोवैज्ञानिक युद्ध का मुकाबला करने में भी मदद मिलेगी, जिसे आज हम पूरी दुनिया में देख रहे हैं। हमें भारत विरोधी ताकतों द्वारा एक उपकरण के रूप में अपनाए जा रहे इस मनोवैज्ञानिक युद्ध से सचेत रहना होगा। हमें यह सीखना होगा कि देश और देशवासियों की बेहतरी के लिए मीडिया की ताकत का इस्तेमाल कैसे किया जाए।

इस अवसर पर आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि हमारे देश में सेना को हमेशा सम्मान और गर्व के भाव से देखा जाता है। इसलिए सभी सैन्य अधिकारियों की यह जिम्मेदारी है कि वह अपनी संचार कुशलता से और संचार माध्यमों के सही प्रयोग से भारतीय सेना की उस छवि को बनाए रखें। प्रो. द्विवेदी ने कहा कि मौजूदा समय बदलाव का समय है। 21वीं शताब्दी ‘इंटरनेट और सोशल मीडिया’ के युग की शताब्दी मानी जा रही है। आज फेक न्यूज अपने आप में एक बड़ा व्यापार बन गई है और डिजिटल मीडिया ने भी इसे प्रभावित किया है।

 

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