एमपी पुलिस भर्ती: बेरोजगार भर्ती के इंतजार में, सरकार बना रही है टीआई को डीएसपी
पुलिस रेग्युलेशन में धारा 45 क के जोड़ने की अधिसूचना राजपत्र में प्रकाशित, टीआई को मिल सकेगा डीएसपी का प्रभार
Online desk, bhopal
तीन सालों से एमपी पुलिस भर्ती (mp police recruitments) नही हो पाई है. जनवरी 2021 में पुलिस भर्ती की परीक्षा होना था, लेकिन उसे टाल दिया गया. मार्च माह में कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के बाद परीक्षा कब होगी, कोई जानकारी नहीं दी गयी है. इस वजह से प्रदेश में 4 लाख से अधिक युवा जो लंबे समय से पुलिस भर्ती की तैयारी कर रहे थे, वह ओवरएज हो गए. मप्र के गृह विभाग में पुलिस कर्मियों के हजारों रिक्त पद है. राज्य सरकार नई पुलिस भर्ती करने के बजाय प्रभार देने में अधिक रुचि रख रही है. इससे पूर्व में कांस्टेबल को एएसआई, एएसएआई को प्रभारी टीआई बनाने के आदेश निकाले जा चुके है. इसी कड़ी में राज्य सरकार के द्वारा पुलिस रेग्युलेशन में धारा 45 क जोड़ने की अधिसूचना राजपत्र में प्रकाशित कर दी गयी है. अब इससे टीआई (Ti) को डीएसपी (DSP) का चार्ज मिल सकेगा. गौरतलब है कि मप्र में करीब 160 पद डीएसपी के रिक्त है. इन पदों को मप्र लोक सेवा आयोग के द्वारा भरा जाना है. लेकिन टीआई को डीएसपी के पद पर प्रमोट करने के बाद इन रिक्त पदों में कुछ कटौति हो सकती है. उल्लेखनीय है कि कोविड 19 में पुलिस बंदोबस्त में कर्मियों की भारी कमी को देखते हुए टीआई को डीएसपी का चार्ज देने का निर्णय लिया गया है…राजपत्र में कहा गया है कि ”यदि उप पुलिस अधीक्षक की रिक्तियों को भरने की तत्काल आवश्यकता है और फीडर संवर्ग में अर्ह निरीक्षक उपलब्ध है, तब पुलिस महानिदेशक, राज्य सरकार की पूर्व अनुमति से, उप पुलिस अधीक्षक के रूप में ऐसे निरीक्षक को कार्य करने के लिए आगामी आदेश तक कार्य करने के लिए आदेशित कर सकेगा. कार्यवाह पुलिस अधीक्षक के रूप में पद पर कार्य करने वाले निरीक्षक, उप पुलिस अधीक्षक पद पर वरिष्ठता या वेतन या भत्ते का दावा भी नहीं करेगा.परंतु जब तक वह इस पद पर कार्य करेगा, तब तक उप पुलिस अधीक्षक की श्रेणी का गणवेश धारित कर सकेगा. ऐसा कार्यवाह उप पुलिस अधीक्षक, उप पुलिस अधीक्षक की समस्त शक्तियों का प्रयोग करेगा, जब तक वह उस पद पर कार्यरत है”
प्रभार से भरे जायेंगे पद-
उप चुनाव के समय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने युवाओं के पुलिस भर्ती आंदोलन को देखते हुए जल्द ही पुलिस भर्ती लाने की बात कही थी. हालांकि युवाओं के लगातार विरोध के बाद ही भर्ती का नोटिफिकेशन जारी किया गया और दो माह बाद पदों के लिए आवेदन प्रारंभ हुए. जैसे तैसे युवाओं ने फार्म थे, तभी सूचना आई कि भर्ती को कुछ दिनों के लिए टाल दिया गया है. उस समय कहा गया था कि पुलिस भर्ती की आयु सीमा में बढ़ोतरी के लिए भर्ती को टाला गया गया है. यह सरकार का ऑफिशियल वर्जन नहीं था, लेकिन पुलिस भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं का अनुमान कुछ ऐसा ही था. मप्र सरकार पुलिस भर्ती के पदों को भरने में ढिलाई बरत रही है, दूसरी तरफ पुलिस कर्मियों को प्रभार दे रही है. बताया जाता है कि कई पुलिसकर्मी इस तरह से प्रभार दिये जाने को सही नहीं मानते है.
बेरोजगारों का क्या होगा सरकार-
मप्र की शिवराज सिंह चौहान की सरकार से यह पूछा जाना चाहिए कि जब युवा पुलिस भर्ती का इंतजार कर रहे है, तब पुलिस भर्ती समय से क्यों नहीं कराई गई. कोविड के बाद कब यह भर्ती होगी. कोई समय सीमा बताई जाए. ऐसे युवा जो पुलिस भर्ती के लिए अयोग्य हो गए है, क्या उनको राहत दी जायेगी…
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