BY HITESH KUSHWAHA
2021-10-30, 1:35:11 PM
29 अक्टूबर 2021, शुक्रवार को संघ लोक सेवा आयोग ने (UPSC IFS 2020 Result) घोषित किया है. जिसके मुताबिक, MP के सेवानिवृत्त हो चुके Retired director General of Police राजेंद्र कुमार के बेटे श्रेयस श्रीवास्तव ने भारतीय वन सेवा परीक्षा 2020 (IFS) में 9वीं रैंक हासिल प्राप्त की है. श्रेयस श्रीवास्तव के परिवार में उनके नानाजी भी यूपी कैडर के आईपीएस रहे है, वहीं श्रेयस के पिता भी मध्यप्रदेश में डीजीपी रहे है. इस तरह उनके परिवार में सिविल सर्विसेस में जाने की परंपरा रही है.
जानिए क्या कहा श्रेयस ने ;–UPSC IFS 2020 Result
श्रेयस श्रीवास्तव ने एक इंटरव्यू में बताया कि उनके पिता राजेंद्र कुमार एक सेवानिवृत्त IPS अधिकारी रह चुके हैं. जबकि उनके नाना जी उत्तर प्रदेश कैडर के IPS अधिकारी रह चुके है । अभी हाल ही में यूपीएससी 2020 के परिणाम जारी हुए, जिसमे श्रेयस ने 9वी रैंक प्राप्त कर अपने परिवार में तीसरे सरकारी नौकरशाह बन गए हैं।
श्रेयस श्रीवास्तव ने आगे बताया की ,“ मेरे पिता मेरे पूरे जीवन के हीरो हैं। मैं भी अक्सर शुरू में अपने पिता की तरह एक IPS अधिकारी बनना चाहता था। जिसकी वजह से मैंने 2013 में UPSC की तैयारी शुरू कर दी थी और इसके लिए बहुत सारे प्रयास भी किए । लेकिन मैं हर बार इंटरव्यू राउंड क्लियर नहीं कर पाया, जिसके बाद मैंने IFS को ही चुन लिया।
श्रेयस श्रीवास्तव ने इलाहाबाद में भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान से इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार इंजीनियरिंग में B.tech की । MP भोपाल के निवासी, श्रेयस ने 2011 से डेलॉइट के लिए लगभग 1.5 साल तक काम भी किया था । उन्होंने यह भी कहा की,“ हालांकि मैंने अपनी डिग्री पूरी करने के बाद कंपनी के लिए काम करना शुरू कर दिया था, लेकिन मुझे पता था कि यह मेरी कॉलिंग नहीं थी। इसलिए मैंने अपनी यह जॉब छोड़ दी थी ।
श्रेयस श्रीवास्तव ने अपनी इस सफलता का मंत्र बताते हुए कहा की ,“ मैने कभी भी हार नहीं मानी । मैं हमेशा से ही अपनी कड़ी मेहनत और किस्मत पर भरोसा किया है ।” साथ ही यह भी बोला की “कभी-कभी, जीवन की यात्रा उतनी ही महत्वपूर्ण होती है, जितनी कि मंजिल और मेरी यात्रा ने मुझे अनुशासन, दृढ़ता और उपलब्धि हासिल करने के लिए अपनी इच्छाओं को नियंत्रित करना सिखाया।”
श्रेयस ने बताया की, “ मेरा वैकल्पिक विषय UPSC के लिए लोक प्रशासन विषय था। लेकिन IFS में मेरे लिए यह विकल्प नहीं था। जिसकी वजह से एक पूरी तरह से नया विषय चुनना थोड़ा मुश्किल था, परंतु कृषि इंजीनियरिंग और वानिकी मेरे लिए थोड़ा आसान हो गया, क्योंकि कृषि मेरा मजबूत पकड़ थी।”