MP News

Dicci Business Conclave : डॉ. अंबेडकर बिजनेस फेयर में युवाओं को मिली स्वरोजगार की राह

– चार बिजनेस फेयर में 17 सेमिनार और 4 राउंड टेबल डिस्कशन में हुई सार्थक चर्चा
– बिजनेस फेयर के अंतिम दिन बैंक लोन, सब्सिडी और फूड प्रोसेसिंग यूनिट पर सेमिनार


 भोपाल. दलित इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (DICCI) का चार दिवसीय ‘डॉ. अंबेडकर बिजनेस फेयर’ रविवार को समाप्त हुआ। समापन समारोह में डिक्की के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद्मश्री रविकुमार नर्रा, डीडी गजभिये, ज्वाइंट डायरेक्टर एमएसएमई डीएफओ ने प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। इस चार दिवसीय आयोजन में युवा उद्यमी समेत हर उम्र के विजिटर्स ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया इस दौरान डिक्की मध्यप्रदेश चैप्टर के डिस्क्रिक्ट कोऑर्डिनेटर्स को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। पद्मश्री नर्रा ने डॉ. अंबेडकर बिजनेस फेयर की तारीफ की। उन्होंने कहा कि डिक्की मध्यप्रदेश चैप्टर ने यह भव्य आयोजन कर एक रोल मॉडल स्थापित किया है। जल्द ही डिक्की के बैनर तले देश के अन्य राज्यों में भी ऐसे बिजनेस फेयर आयोजित किए जाएंगे। डिक्की मुंबई में इंटरनेशनल ट्रेड सेंटर शुरू करने जा रहा है। अब दलित युवाओं को इंटरनेशनल ट्रेड में मौका मिलेगा। हम अमेरिका के ब्लैक चैंबर ऑफ कॉमर्स के साथ वहां पर एनआरआई दलित उद्यमियों जो जोड़ने का कार्य कर रहे हैं। देश के युवा स्वरोजगार और उद्यमिता में आएं और अपनी अलग पहचान बनाएं।

17 सेमिनार और 4 राउंड टेबल डिस्कशन हुए :

dicci buisness conclave

dicci buisness conclave

dicci

dicci

डॉ. अनिल सिरवैया, अध्यक्ष डिक्की मध्यप्रदेश चैप्टर ने बताया कि बिजनेस फेयर को बेहतर रिस्पांस मिला है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग के मंत्री श्री ओमप्रकाश सखलेचा एवं विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने फेयर को लेकर खुशी जताई। रविवार को अंतिम दिन युवाओं एवं हर वर्ग के लोगों ने बड़ी संख्या में 200 स्टॉल्स पर विजिट किया एवं उत्पाद, फ्रैंचाइजी मॉडल, स्वरोजगार व अन्य जनहितैषी योजनाओं के बारे में जानकारी हासिल की। डॉ. अंबेडकर बिजनेस फेयर में उद्यमिता, बैंक स्कीम व सब्सिडी समेत विभिन्न विषयों पर 17 सेमिनार हुए। इसके अलावा 4 राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस में लेदर एवं बैम्बू कलस्टर समेत अन्य मुद्दों पर सार्थक चर्चा हुई। इसके अलावा अर्थशास्त्री डॉ. अंबेडकर पर लगी विशेष प्रदर्शनी को दर्शकों ने काफी सराहा गया।

राउंड टेबल डिस्कशन:

1. हाइजीन प्रोडक्ट हब-
डॉ. अनिल सिरवैया ने कहा कि देश में सिर्फ 32 फीसदी महिलाएं सेनेटरी पैड्स इस्तेमाल करती हैं। कारण- आसानी से उपलब्धता नहीं, कीमत, क्वालिटी और जागरुकता नहीं होना है। सैनिटरी पैड्स के क्षेत्र में बड़ा बाजार है, जो कभी खत्म नहीं होगा। डॉ. उपेंद्र (हेल्थ डिपार्टमेंट) ने कहा कि अभी मध्यप्रदेश सरकार किसी भी जिले में फ्री में सेनेटरी पैड्स नहीं बांट रही है। हम कोशिश करेंगे सरकार के माध्यम से इसे कंट्रोल रेट में लेकर आएं। डॉ. श्रीबास साहा, एसपीएम, यूएसएआईडी एमसीजीएल: इंडिया-यश ने कहा कि मेंसुरल हाइजीन के लिए बहुत सारे विकल्प उपलब्ध हैं। इनको भी पैड्स के अलावा यूज किया जाना चाहिए। श्री धनंजय ने कहा कि यहां 1.5 लाख का मार्केट है। अर्बन के इतर देखें तो रूरल एरिया में पूरा मार्केट खाली है। यहां बड़ी कंपनियों की पहुंच नहीं है। श्री विनय वर्मा ने जमीनी स्तर पर खुलकर अभियान चलाने पर बल दिया। इस मौके पर उद्यमी एमके प्रशांत एवं दीपक सुरजिया मौजूद रहे।

2. लेदर कलस्टर-
डॉ. अनिल सिरवैया ने कहा कि हमें गवर्नमेंट की पॉलिसी पर फोकस करना चाहिए। भोपाल, इंदौर और देवास में लेदर क्लस्टर प्लान किया जा रहा है और हम करेंगे। इम्तियाज अली (डायरेक्टर सार्थक भोपाल) ने कहा कि मृत पशु को डिस्चार्ज करने में अभी 3200 से 3500 रु. खर्च आता है। केंद्र की योजना है जो मृत पशु निष्पादन केंद्र के लिए 5 लाख का फंड देती है। लेकिन 5 साल में सरकार के पास कोई प्रस्ताव नहीं आया। अगर मध्यप्रदेश के अंदर कोई लेदर क्लस्टर बनता है तो रोजगार की संभावना है। डॉ. डीडी गजभिये (ज्वाइंट डायरेक्टर एमएसएमई इंदौर) ने कहा कि हम सरकार की योजनाओं को कोसते हैं लेकिन उन्हें पढ़ते बिल्कुल नहीं। जब तक किसी पॉलिसीज को पढ़ेंगे और समझेंगे नहीं तो उसका लाभ नहीं ले पाएंगे। कई योजनाएं हैं जिनके लाभ से लोग वंचित हैं। वहीं, क्रिस्टोफर मिंट, एमएसएमई डिपार्टमेंट रीवा से पधारे कलस्टर तैयार करने की पॉलिसी पर चर्चा की। डिस्कशन में पद्मश्री रवि कुमार नर्रा, संगमराज सिंह, फाउंडर अनगन आर्ट जबलपुर एवं डॉ. परशुराम तिवारी उपस्थित रहे।

बैंक लोन, सब्सि़डी स्कीम और फूड प्रोसेसिंग पर सेमिनार:
डॉ. अंबेडकर बिजनेस फेयर के आखिरी दिन बैंक ऑफ इंडिया की ओर से बैंक लोन, एमएसएमई विभाग ने सब्सि़डी स्कीम और उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग ने फूड प्रोसेसिंग पर सेमिनार में हिस्सा लिया। यहां मौजूद युवा उद्यमियों ने अधिकारियों एवं विशेषज्ञों से सवाल पूछकर अपनी समस्याएं दूर कीं।

1. बैंक ऑफ इंडिया की ओर से विश्व रंजन मिश्र, डिप्टी जोनल मैनेजर भोपाल एवं पुनीत सिंह उपस्थित रहे। बैंक अधिकारियों ने बिजनेस के लिए वर्किंग कैपिटल, एफपीओ के मध्यम से लोन, स्वसहायता समूह के लिए वित्तीय सहायता समेत विभिन्न विषयों पर युवा उद्यमियों का ज्ञानवर्धन किया। साथ ही उनके सवालों के उत्तर भी दिए।

2. एमएसएमई विभाग की ओर से सौम्य मालिक, सहायक प्रबंधक एवं आर आर गौरखेड़े ने विभिन्न अनुदान योजनाओं की जानकारी प्रदान की। इस दौरान उद्योग विकास अनुदान, ग्रामीण क्षेत्रों में उद्योग स्थापित करने पर सड़क, बिजली और पानी के लिए 25 लाख रुपए तक की सब्सिडी, अपशिष्ट पदार्थों के प्रबंधन हेतु अनुदान सहायता, एनर्जी ऑडिट करने पर लागत का 50% या अधिकतम 50 हजार की सहायता, फर्नीचर एवं टॉय निर्माता इकाइयों के लिए विशेष पैकेज, बीमार इकाइयों के पुनर्जीवन पर मिलने वाले अनुदान पर प्रकाश डाला।

3. उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग की ओर से पीएमएफएमई और फूड प्रोसेसिंग से जुड़ी योजनाओं की जानकारी दी गई। विभागीय अधिकारी क्षितिज महेंद्र ने बताया कि छोटे उद्यमों को बढ़ावा देना इस योजना का उद्देश्य है। जैसे टमाटर की शॉर्टिंग, स्टोरेज और उसके प्रोडक्ट बनाना चाहते हैं तो उसके लिए 10 करोड़ तक का उद्योग लगा सकते हैं। जिसमें 3 करोड़ तक का अनुदान है। हर जिले में डीआरपी यानी डिस्ट्रिक्ट रिसोर्स पर्सन नियुक्त हैं, जो प्रोजेक्ट निर्माण, मार्केटिंग व ब्रांडिंग और लोन दिलवाने तक पूरी सहायता उपलब्ध कराते हैं।

About the author

Bhaskar Jobs

Leave a Comment