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उर्जा विभाग ने वित्त विभाग से मांगे 691 करोड़

उर्जा विभाग ने वित्त विभाग से मांगे 691 करोड़

-वितरण कंपनियों को नवीन सबस्टेशन, एलटी लाइन, ट्रांसफार्मर के लिये विभाग ने मांगी राशि

भोपाल।  उर्जा विभाग ने वित्त विभाग से 691 करोड़ रूपये की राशि मांगी है। बजट में यह राशि उर्जा विभाग को आवंटित हुई है। उर्जा विभाग के अफसरों के मुताबिक तीनों विद्युत वितरण कंपनियों में वितरण प्रणाली को सुदृढ़ीकरण योजना के अंतर्गत 256 करोड़ रूपये के प्रस्ताव वित्त विभाग को बजट सहमति और बजट आवंटन के लिये 27 सितंबर को भेजे गये है।

वितरण प्रणाली सुदृढ़ीकरण योजना के तहत वितरण कंपनियों में नवीन 33 केव्ही एवं 11 केव्हीनिम्न दाब लाईनों, वितरण ट्रांसफार्मरों, पावर ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के कार्य होना है। वित्तीय वर्ष 2019-20 के बजट में वितरण प्रणाली के  सुदृढ़ीकरण योजना के अंतर्गत राशि 691 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है।

उर्जा विभाग द्वारा वित्त विभाग को भेजे पत्र में कहा गया है कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में इस मद में वित्त विभाग द्वारा 30 नवंबर तक राशि विमुक्त नहीं की गई है। इस अवधि में प्रदेश में विभिन्न जनप्रतिनिधियों द्वारा उर्जा विभाग के सामने नये 33/11 केव्ही उपकेंद्रों के निर्माण के लिये मांग रखी गई है।

 

डेढ़ करोड़ रूपये की लागत आती है…

 

एक सामान्य 33/11 केव्ही उपकेंद्र के निर्माण (1 गुणा 5एमवीए) के निर्माण पर लगभग डेढ़ करोड़ रूपये की लागत आती है। इसके अतिरिक्त 33/11 केव्ही लाईन निर्माण की लागत लगभग 3 से 10 लाख रूपये प्रति किलोमीटर होती है।

यह उपयोग की गई सामग्री जैसे पीसीसी पोल, अथवा एचबीम एवं कडक्टर के प्रकार पर निर्भर करती है। इस प्रकार लगभग 700 करोड़ रूपये की राषि में 250 उपकेंद्र एवं 300 किलोमीटर एचटी लाईनों का कार्य किया जाएगा।

गौरतलब है कि प्रदेश की विद्युत वितरण कंपनियों में सौभाग्य योजना के कार्य समाप्त हो चुके है। अधोसरंचना विस्तार योजनानाओं जैस दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना, आईपीडीएस के कार्य लगभग अंतिम चरण में है।

वर्तमान में नये उपकेंद्रों के निर्माण के लिये एवं जनप्रतिनिधियों की मांग के मुताबिक वितरण प्रणाली में सुदृढ़ीकरण कार्य किया जाना है। इसलिएउर्जा विभाग ने वित्त विभाग से मांगे है 691 करोड़ रूपये

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