UNEMPLOYMENT OF INDIA

लॉक डाउन में सैलरी कटी, मोदी की अपील बेअसर -कार्यवाही का डर नहीं किसी को

लॉक डाउन में सैलरी कटी, मोदी की अपील बेअसर
-कार्यवाही का डर नहीं किसी को

भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना वायरस के कारण 22 मार्च को देश में लॉक डाउन लगाया गया था। इस दौरान पूरा भारत रूक गया था। नौकरियां, धंधे ठप्प हो गये थे।

मजदूर, श्रमिक और गरीब लोगों के पास खाना खाने तक पैसे नहीं थे, तब लोगों ने पैदल ही प्रवास करना शुरू कर दिया था।

उस समय भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने निजी सेक्टर की कंपनियों से अपील की थी कि अपने यहां काम करने वाले लोगों की सैलरी नहीं काटे। इस समय उनकी मदद करे, हुआ ठीक उल्टा।

Cmie report on unemployment -कोरोना के कारण 60 करोड़ सीधे प्रभावित

UNEMPLOYMENT OF INDIA-बेरोजगार तुम नौकरी के लिये डिजर्व नहीं करते हो

रोजगार पर स्पष्ट नीति क्यों नहीं?

भारत की बढ़ती बेरोजगारी दर ने युवाओं को डाला टेंशन में

हैरत की बात तो यह है कि लॉक डाउन अवधि में शत प्रतिशत वेतन का भुगतान किए जाने को लेकर अधिसूचना जारी कर चुकी केंद्र सरकार सर्वोच्च अदालत के समक्ष इस मुद्दे पर पलट गई हैं।

कई उद्योगिक/व्यावसायिक और वाणिज्यिक इकाइयों ने अदालत के समक्ष याचिका दायर कर तालाबंदी के समय का वेतन भुगतान करने असमर्थता जताई हैं।

जिस पर कल केंद्र सरकार अदालत के समक्ष सुनवाई में पलट गई…केंद्र सरकार ने अदालत में कहा कि वेतन देना/लेना नियोक्ता और श्रमिक के बीच का मामला हैं। केंद्र सरकार ने इसमें हस्तक्षेप करने से भी इंकार कर दिया…

12 जून को फैसला-

उल्लेखनीय हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉक डाउन की घोषणा करते समय अपने संबोधन में वेतन इस अवधि में किसी भी श्रमिक का स्टाफ का वेतन न काटने की बात कही थी, लेकिन लॉक डाऊन में सैलरी कट गई।

इसी के मद्देनजर केंद्र ने एक अधिसूचना जारी नियोक्ता को वेतन अदा करने के लिए बाध्य किया हैं। आपदा प्रबंधन के तहत जारी इस अधिसूचना में कई विधिक तकनीकी खामियां हैं, जिसे वित्तीय संकट से जूझ रहे नियोक्ताओं ने चुनोती दी हैं।

लॉक डाउन में सैलरी कटी –

मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने अपने यहां काम करने वाले आऊटसोर्स कर्मचारियों की सैलरी काट दी है। 31 मई तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लॉकडाउन की घोषणा की गई थी। लोकिन मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने लॉक डाउन में मई माह की सैलरी आऊटसोर्स कर्मचारियों को नहीं दी।

समझ सकते है जब सरकारी कार्यालय कर्मचारियों को सैलरी नहीं दे रहा है, तो निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को पगार कोन दे रहा होगा। सरकार को ऐसी कंपनियों के खिलाफ कार्यवाहीं करना चाहिये।

About the author

Bhaskar Jobs

Leave a Comment