Mp for education- कांग्रेस ने कहा, चिंता मत करो तीन माह बाद हम देंगे जनरल प्रमोशन
भोपाल। स्कूल कॉलेज के छात्रों को जनरल प्रमोशन की मांग पर घमासान मचा हुआ है। राजनीतिक दल जनरल प्रमोशन के मुद्दे पर राजनीति कर रहे है। एक तरफ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान परीक्षा कराने की ज़िद पर है। दूसरी तरफ कांग्रेस ने छात्रों को जनरल प्रमोशन देने की मांग को फ़िर से दोहराया है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व लोकनिर्माण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा है कि तीन माह बाद उपचुनाव के परिणाम आने दीजिये। कांग्रेस की सरकार बनने के बाद भाजपा की सरकार का फैसला पलट देंगे। उन्होंने छात्रों से कहा कि आप परीक्षा दो, परिणाम जो भी आये। उसकी चिंता मत करो। कांग्रेस की सरकार किसी भी छात्र के हितों के साथ खिलवाड़ नहीं होने देंगे।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता रवि सक्सेना ने शिवराज सरकार की विश्वविद्यालयालीन परीक्षा कराने की जिद पर प्रश्न करते हुए कहा है कि क्या शिवराज सरकार बतायेगी की विद्यार्थियों का जीवन ज्यादा कीमती है कि आपका फ़ीस का लालच। युवाओं के कथित मामा बतायें की भांजे- भांजियों का जीवन महत्वपूर्ण है कि आपकी इनसे फीस वसूलने की लालची साज़िश ?
पूरा प्रदेश विगत तीन माह से लॉक डाउन है सभी विद्यार्थियों का ध्यान अपने और अपने परिवार की स्वास्थय सुविधाओं ,घरेलू समस्याओं पर केंद्रित है 85% पालको के काम धंधे ठप्प हैं, आय के साधन चौपट हैं, ऐसी विषम परिस्थितियों में विद्यार्थी विद्या अध्ययन की तरफ ध्यान केंद्रित नहीं कर सकें हैं।
वहीं विश्वविद्यालयों द्वारा परीक्षा आयोजित करने की कोई अधिसूचना भी जारी नहीं की गईं थीं ! ऐसी विकट परिस्थितियों में सिर्फ फ़ीस वसूलने के लिए परीक्षाएँ आयोजित करना विद्यार्थियों एवं प्राध्यापकों के लिए अत्यंत घातक होगा एवं उनके जीवन के साथ खिलावाड़ करना होगा !
कांग्रेस प्रवक्ता रवि सक्सेना ने कहा कांगेस पार्टी की मांग है कि तत्काल प्रदेश के विश्वविद्यालयों द्वारा परीक्षा आयोजित करने के मध्यप्रदेश शासन के उच्च शिक्षा विभाग के निर्णय पर रोक लगायी जाए ! यदि आवश्यक हो तो स्नातक और स्नातकोत्तर की फाइनल ईयर की ही परीक्षाऐं ओनलाइन आयोजित की जाएं तथा प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के विद्याथियों को जनरल प्रमोशन दिया जाए !
गौरतलब है कि एक दिन पूर्व छात्रों द्वारा गवालियर में जनरल प्रमोशन की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था। जिसके बाद पुलिस ने छात्रों पर जमकर लाठियां बरसाई थी। जनरल प्रमोशन (Mp for education) की मांग को लेकर प्रदेश में अराजक माहौल बना हुआ है। सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिये।
Mp for education -छात्रों के सरकार से दस सवाल
1. अगर परीक्षा के दौरान एक भी छात्र कोरोना से पीड़ित होता है, तो जिम्मेंदारी किसकी होगी।
2. दुर्भाग्यवश कोरोना से किसी छात्र की कोरोना से मौत होती है, तो उस छात्र के परिजनों को मुआवजा मिलेगा?
3.क्या एक परीक्षा पास करने पर सरकार नौकरी देने का वादा करती है?
4.क्या एक परीक्षा में जनरल प्रमोशन मिलने से उसका आगामी भविष्य खराब हो जायेगा।
5.क्या जीवन से बड़ी है परीक्षा, इसका जवाब कोन देगा।
6. दुनियां में लारवों लोग ऐसे हुये है कि जो बिना स्कूल गये, बिना परीक्षा दिये अपनी जिंदगी में सफल हुये। बाल दिवस ऐसी प्रेरक कहानियां तो सरकार के मंत्री सुनाते है, तो वो क्या सच नहीं थी।
7.कई छात्र आवागमन के साधन नहीं होने के कारण परीक्षा नहीं दे पाये, जिम्मेंदार कोन है?
8.क्या कभी किसी नेता या मंत्री से उसकी एजुकेशन पूछी जाती है? वो विभाग के सर्वोच्च पद पर आसीन होते है। किसी नेता को अंग्रेजी बोलना नहीं आने के कारण उसको पद नहीं देने का चलन है?
9. क्या कोविड -19 नहीं होता तो छात्र जनरल प्रमोशन मांगते?
10. अन्य राज्यों ने जिनका शैक्षिक स्तर मध्यप्रदेश से बेहतर है, वो क्यों अपने छात्रों को जनरल प्रमोशन दे रहे है, क्या वो छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे है? आप जनरल प्रमोशन मत दो, पर मध्यप्रदेश में पंद्रह साल की आपकी सरकार में शिक्षा क्षेत्र में क्या काम हुये, क्या घोटाले हुये, याद आया व्यापंम आपके कार्यकाल में हुआ ना, स्कूलों में टीचर नहीं है, और हम पर परीक्षा देने का दबाव बनाया जा रहा है।
छात्रों से अपील-
जनरल प्रमोशन की मांग को लेकर छात्रों के हितों को देखते हुये भास्करजॉब्स उनकी आवाज बना हुआ है। छात्र इस न्यूज् को अपने वॉटसअप, फेसबुक ग्रुप और टिविटर पर पोस्ट कर अपनी आवाज् को सरकार तक पहुंचाये।