भाजपा और कांग्रेस:- युवाओं को नौकरी का प्रलोभन , वोट लेकर छलते है युवाओं को
Online desk, bhopal
मध्यप्रदेश में सरकार चाहे कांग्रेस की हो या भाजपा की. दोनों सरकारों में किसी को सबसे अधिक छला गया है, तो वह युवा. उसके सपनों को दफ्न करने में कोई कमी इन दोनों सरकारों ने नहीं की है. इसलिये अब युवाओं को इनसे मोह भंग हो गया है. आप सभी को पता है कि पंद्रह साल पूरानी शिवराज सरकार को हटाकर मप्र में कांग्रेस की सरकार बनाने में युवाओं की सबसे अधिक भूमिका थी। पंद्रह साल में सरकारी नौकरियों को खरीद बिक्री का जो खेल चल रहा था, उससे युवा बैचेन था. उसके भीतर निराशा थी. जिसके बाद युवाओं ने वोट के दम पर मप्र की भाजपा की सरकार को बेदखल करते हुए कांग्रेस को सरकार बनाने का मौका दिया था. हालांकि पंद्रह महिने की कांग्रेस की सरकार में भी युवा नौकरी के लिए परेशान रहा. बैंड और ढोल बजाने के रोजगार देने की बात हो रही थी. लोग कांग्रेस के प्रदर्शन से नाराज चल ही रहे थे, कि इस बीच भाजपा ने जबरदस्ती अपनी सरकार बना ली. इस बीच उपचुनाव हुए, युवाओं को नौकरी का प्रलोभन दिया, चुनाव जीता और सरकार नौकरी की बात ही भूल गई.
इसी प्रचार से परेशान था युवा-
पूर्व में भी मप्र की सरकार प्रचार में बहुत समय देती थी, अब भी दे रही है. वर्तमान में युवा परफार्मेंस मांगता है, लेकिन प्रचार के शोर में उसकी आवाज को दबा दिया जाता रहा है. अब भी वहीं हो रहा है. कोविड संक्रमण के कारण युवाओं को सरकारी नौकरी की आंस दूर दूर तक नहीं दिखाई दे रही है, ऐसे में झूठे प्रचार से वह भ्रमित हो रहा है.
कमलनाथ ने अवसर खोया-
अगर कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने पंद्रह महिने के समय में सरकारी नौकरी को राजनीति में नहीं उलझाया होता तो युवा उनके साथ होता. पंद्रह महिने की सरकार में नाममात्र की सरकारी भर्ती आई. इससे युवाओ को लगा कि इससे अच्छे तो शिवराज है. बाद में मालूम हुआ कि ना शिवराज नौकरी दे रहे है, और न ही कमलनाथ. उनका काम है युवाओं को नौकरी का प्रलोभन देना. उसमें वह सफल भी हो जाते है. युवा इस आंस में रहता है कि नौकरी आ रही है….