MADHYA PRADESH

मृगनयनी एम्पोरियम में मिलेगी दूल्हे की शेरवानी और चंदेरी साड़ियां

मृगनयनी एम्पोरियम में मिलेगी दूल्हे की शेरवानी और चंदेरी साड़ियां

Sari – भोपाल, इन्दौर एयरपोर्ट पर खुलेंगे मृगनयनी एम्पोरियम, मंत्री हर्ष यादव ने की विभागीय योजनाओं की विस्तृत समीक्षा

online desk, bhopal

अब मृगनयनी एम्पोरियम में पारम्पारिक वस्त्रों की तुलना में नये वस्त्र मिलेंगे। अब यहां ब्रांडेड षो रूम की तर्ज पर खरीददारों को मॉडन परिधान खरीदने को मिलेंगे। मृगनयनी एम्पोरियम में दूल्हे की शेरवानी ,  दूल्हन के लिये चंदेरी व महेश्‍वरी साड़ियां मिलेगी। हांलाकि दुल्हन के लिये चंदेरी और महेश्वरी साड़ियां पहले भी मिल जाती थी, लेकिन अब नये लोगों की पसंद के हिसाब से स्टॉक तैयार कराया जाएगा। जिससे युवा मृगनयनी एम्पोरियम में अधिक आएंगे। इसके साथ ही शादी के बाजार में मिलने वाले सूट और टाई की विभिन्न वेरायटी भी उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा। भोपाल के मिन्टो हॉल में 22 जनवरी को रॉयल हैरीटेज कलेक्शन के अन्तर्गत युवा वर्ग को आकर्षित करने के लिये इन परिधानों का विशेष शो भी किया जाएगा। कुटीर और ग्रामोद्योग मंत्री हर्ष यादव ने हाथकरघा और रेशम संचालनालय, हस्तशिल्प विकास निगम, माटी कला बोर्ड और खादी ग्रामोद्योग बोर्ड की गतिविधियों की समीक्षा की।

स्व-रोजगार योजना में  रियायती दर पर  दिया जा रहा ऋण

बैठक में मंत्री हर्ष यादव ने बताया गया कि शिल्पकार परिवारों को मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना में 7 साल तक रियायती दर पर ऋण दिया जा रहा है। बैंक की प्रचलित ब्याज दर पर पुरूष कारीगरों को 5 प्रतिशत और महिला उद्यमियों को 6 प्रतिशत ब्याज अनुदान भी दिया जा रहा है। पारम्परिक रूप से माटी कला से जुड़े कारीगरों को नई तकनीक का प्रशिक्षण दिलवाने की कार्यवाही की गई है। खादी बोर्ड ने इंदौर में नवीन खादी उत्पादन केन्द्र प्रारंभ करने की पहल की है। खादी उत्पादों पर 20 प्रतिशत छूट को बढ़ाते हुए 10 प्रतिशत अतिरिक्त छूट प्रदान की जा रही है। खादी बोर्ड ने पीपीपी मोड में छिंदवाड़ा में खादी ग्रामोद्योग विक्रय केन्द्र शुरू किया है। खंडवा, होशंगाबाद, गुना, सतना, शहडोल और सागर में केन्द्र प्रारंभ करने की कार्यवाही की जा रही है। खादी वस्त्रों को कबीरा ब्रांड दिया गया है। अब खादी वस्त्र इसी ब्रांड से बेचे जा रहे हैं। खादी को जीएसटी से भी मुक्त किया गया है। यादव ने रेशम उत्पादन बढ़ाने के लिये रेशम उत्पादक किसानों को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिये। आयुक्त रेशम  कविंद्र कियावत ने बताया कि वर्ष 2020-21 में किसानों की निजी भूमि और शासकीय रेशम केन्द्रों की भूमि के 2200 एकड़ क्षेत्र में मलबरी पौध-रोपण किया जाएगा। वर्तमान में प्रदेश के शासकीय रेशम केन्द्रों पर 90 एकड़ क्षेत्र में शहतूत नर्सरी का रोपण किया गया है।

ई-रेशम पोर्टल शुरू किया गया

हितग्राहियों के चयन, पंजीकरण और भुगतान प्रक्रिया के लिये ई-रेशम पोर्टल शुरू किया गया है, जिसमें 2000 किसानों ने पंजीयन कराया है। सिल्क फेडरेशन ने 2 साल पहले खरीदे गये ककून और हितग्राहियों के मानदेय का शत-प्रतिशत भुगतान कर दिया गया है। मलबरी और टसर विकास योजना से 6724 हितग्राही लाभान्वित हुए हैं। रेशम उत्पादक किसानों को कृमि पालन के लिये ट्रे, चंद्रिका, एंगल ऑयरन स्टेंड आदि उपकरण उपलब्ध करवाए गए हैं। रेशम केन्द्रों पर सभी आवश्यक बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं। प्रदेश की सभी धागाकरण इकाईयों को क्रियाशील किया जा रहा है। बैठक में बताया गया कि इस वर्ष जबलपुर में नेशनल हैण्डलूम एक्सपो आयोजित किया गया। होशंगाबाद में 16 जनवरी को शिल्प बाजार लगाया जा रहा है। भोपाल के साथ ही विभिन्न नगरों में पूरे वर्ष हस्तशिल्प मेले लगाये गये हैं। हस्तशिल्प निगम ने विभिन्न प्रदेशों में एम्पोरियम खोलने के प्रयास किये हैं। गुजरात के केवड़िया स्थित एकता मॉल में एम्पोरियम शुरू करने के बाद प्रदेश में भोपाल और इंदौर एयरपोर्ट पर मृगनयनी एम्पोरियम की स्थापना की जाएगी। लंदन में भी एम्पोरियम के लिये उपयुक्त स्थान की तलाश की जा रही है। सागर और छिंदवाड़ा में इस वर्ष एम्पोरियम प्रारंभ करने की कार्यवाही की गई है।

About the author

Bhaskar Jobs

Leave a Comment