मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का निर्णय स्नातक अंतिम वर्ष एवं स्नातकोत्तर चतुर्थ सेमेस्ट की परीक्षाएं ओपन बुक प्रणाली से
भोपाल। मध्यप्रदेश में स्नातक अंतिम वर्ष के छात्रों को नए तरीके से कॉलेज के पेपर लिखने का मौका मिल रहा है।
घर में बैठकर छात्र एवं छात्राएं अपनी कॉलेज की परीक्षाओं के पेपर लिख सकते है।
इसके अलावा पेपर लिखने के बाद अपनी उत्तरपुस्तिका को ईमेल से या डाक से भेज सकते है।
इस तरह की सुविधा देने वाला संभवत मप्र पहला राज्य बनने जा रहा है। जो परीक्षार्थियों के एक्जाम घर पर ही ले रहा है।
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि स्नातक अंतिम वर्ष की कॉपियां एकत्रित करने के लिए बकायदा कलेक्शन सेंटर बनाए जा रहे हैैै।
ये कलेक्शन सेंटर छात्रों की सुविधा को देखते हुए हजारों की संख्या में बनाए जा रहे है। इससे इनको कहीं दूर जाकर उत्तर पुस्तिका नहीं देना पडेगा।
यह सारी कवायद कोविड-19 के कारण बदले हालातों में परीक्षा नहीं कराने के कारण की जा रही है।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का मानना है कि कोरोना काल में एक साथ बडी संख्या में किसी एक जगह बैठाकर परीक्षाएं नहीं आयोजित कराई जा सकती है।
इसलिए घर में एक्जाम देने की सुविधा दी जा रही है।
स्नातक अंतिम वर्ष की सितंबर में होगी परीक्षाएं
विश्वविदद्यालयीन परीक्षाएं सितंबर माह में आयोजित कराई जायेगी।
जिसके परिणाम माह अक्टुबर में आएंगे। बताया जाता है कि कोई छात्र किसी वजह से परीक्षा नहीं दे पाता है तो उसे एक मौका और दिया जायेगा।
स्नातक अंतिम वर्ष एवं स्नातकोत्तर चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा में 5.71 लाख छात्र छात्राएं शामिल होंगे।
ओपन बुक प्रणाली की पूरी डिटेल
स्नातक अंतिम वर्ष एवं स्नातकोत्तर चतुर्थ सेमेस्टर के छात्र-छात्राओं को उनके लॉगिन आईडी तथा निर्धारित वेबसाइट पर प्रश्न पत्र उपलब्ध करवाये जाएंगे।
ओपन बुक परीक्षा प्रणाली में परीक्षार्थी अपने निवास में ही रहकर उत्तर पुस्तिका लिख सकेंगे।
परीक्षार्थी को अपनी उत्तर पुस्तिका संग्रहण केन्द्र में जमा करना होगी।
इन छात्र-छात्राओं को गत वर्षो के प्राप्तांकों का 50 प्रतिशत वेटेज तथा ओपन बुक परीक्षा के प्राप्ताकों का 50 प्रतिशत वेटेज देते हुए परीक्षा परिणाम घोषित किए जाएंगे।
आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर प्रवेश
स्नातक प्रथम, द्वितीय वर्ष एवं स्नातकोत्तर द्वितीय सेमेस्टर के छात्र-छात्राओं को गत वर्ष के परीक्षा परिणाम तथा वर्तमान सत्र के आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर आगामी कक्षा में प्रवेश दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि विद्यार्थियों को जनरल प्रमोशन देने पर उनकी फायनल डिग्री पर हमेशा सवाल उठाये जाते हैं, इसलिये ओपन बुक प्रणाली से परीक्षा लेने का निर्णय लिया गया है।