Manit Reserch Scholler प्रशांत कुमार नाग को नेशनल फेलोशिप अवार्ड…
मध्यप्रदेश के छिंदावाड़ा जिले के तामिया का गौरव बने प्रशांत कुमार नाग
BY] नितिन दत्ता
भोपाल. जब भाग्य साथ नहीं दे रहा तो समझ लेना मेहनत साथ देगी. इस बात को लगातार दुख और विपरीत परिस्थिति मे रहकर तामिया के मेधावी प्रतिभावान युवा प्रशांत कुमार नाग ने सही साबित कर दिखाया है. मैंनिट भोपाल से पीएचडी कर रहे प्रशांत कुमार नाग का चयन राष्ट्रीय फैलोशिप अवार्ड के लिये हुआ है. तामिया विकासखंड की प्रतिभाये अलग अलग क्षेत्र में तामिया को गौरांवित कर रही है.
उल्लेखनीय है कि शासकीय महाविद्यालय तामिया के सेवानिवृत्त लैब टेक्निशियन शिवप्रसाद नाग के सुपुत्र प्रशांत नाग पीएचडी के दौरान नेशनल फेलोशिप अवार्ड प्राप्त करने वाले तामिया के पहले प्रतिभावान युवा है. जानकारी के मुताबिक विश्वविदयालय अनुदान आयोग (UGC) साइंस एंड इंजीनियरिंग से जुडे शोधकर्तायो को प्रत्येक वर्ष पांच वर्ष के लिये फैलोशिप अवार्ड करता है .
प्रशांत कुमार नाग वर्तमान में मौलाना आजाद नेशनल इंस्टीयुट आफ टेक्नोलाजी भोपाल में (manit reserch Scholler ) रिसर्च स्कालर (इंस्टीट्युट टीचिंग असिस्टेंट्शिप) है. लगातार विपरित परिस्थितियों के बावजूद प्रशांत तामिया के पहले इस स्तर की फेलोशिप पाने वाले युवा है.
लगातार असफलता के बाद भी हिम्मत नहीं हारे Manit Reserch Scholler प्रशांत
प्रशांत बताते है कि 2008 मे मां के निधन के बाद दूसरी बार 12 वी पढ़े. फिर छिंदवाडा में पीजी कालेज छिंदवाडा मे बीएससी मे प्रवेश लेने के बाद पारिवारिक दिक्कतों के कारण नही पढ पाये.
इसके बाद पीईटी पास करने के बाद इंदौर की आईपीएस एकेडमी में केमिकल इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया. वहां भी दुर्भाग्य ने प्रशांत का साथ नहीं छोड़ा. इंजीनियरिंग की फीस अधिक होने और उसी समय दादी के निधन के कारण पढ़ाई छोड़ना पड़ी. लेकिन प्रशांत में पढ़ाई की ललक कभी कम नहीं हुई.
उन्होंने बैचलर ऑफ कंप्यूटर अप्लीकेशन की पढ़ाई की. जब वह मोतीनाल नेहरू नेशनल इंस्टीटयुट आफ टेक्नोलाजी इलाहाबाद से एमसीए करना चाह रहे थे, तभी उनका स्वास्थ्य अचानक बिगड़ गया और पढ़ाई छोड़ना पड़ी.
संघर्ष ने दिलाई Manit Reserch Scholler प्रशांत को पहचान
तामिया के प्रतिभावान युवा प्रशांत कुमार नाग की अकादमिक उपलब्द्धिया गौरवशाली रही है प्रशांत के पिता शिवप्रसाद नाग हाल ही मे जुलाई मे तामिया कालेज से सेवानिवृत्त हुये है.
उनकी माताजी स्वर्गीय अतरवती नाग का निधन 2008 मे हो गया. एक बहन रूपाली का विवाह हो चुका है | संघर्ष के बाद प्रशांत आज देश के 31 एनआईटी मे से एक प्रसिद्ध संस्थान मे पढने वाले एकलौते मेधावी युवा है.
प्राथमिक शिक्षा छिंदवाड़ा में हुई
छिंदवाडा जिले की माटी मे 22 नवंबर 1989 को जन्मे प्रशांत प्राथमिक से लेकर हायर सेकेंडी की शिक्षा तामिया में हुई | शासकीय उत्कृष्ट विधालय तामिया में हॉयर सेकण्डरी (2007 )में प्रथम श्रेणी रहे. प्रशांत हाकी के भी शानदार खिलाडी रहे उस दौरान खेलते हुये राज्यस्तरीय स्पर्धा मे पहुंचे.
देवी अहिल्या विश्वविधालय इंदौर में प्रथम श्रेणी ग्रेजुएशन (2011 ) के साथ एमसीए मे भी विश्वविधालय स्तर में भी हाकी टीम के शानदार खिलाडी सेंटर फारवर्ड रहकर कई पुरुष्कार जीते.
प्रथम श्रेणी में किया एमसीए
मध्यप्रदेश एमसीए प्रवेश परीक्षा में 08 रेंक, एनआईएमसीईटी 2012 में रैंक 11 प्राप्त हुई.| 2012 मे प्रशांत ने मास्टर आफ कम्प्युटर में पोस्ट ग्रेजुएशन (एमसीए) राष्ट्रीय प्रोद्योगिकी संस्थान तिरूचिराप्पल्ली तमिलनाडू (एनआईटी) 2015 मे प्रथम श्रेणी मे पूरा किया| इसके बाद प्रशांत लगातार सीबीएसई यूजीसी नेट (सहायक प्राध्यापक कम्प्युटर एंड साइंस एप्लीकेशन्स 2015 के चयनित हुये .
इसके बाद प्रशांत पिताजी की तबियत खराब होने कारण बैंगलौर से अपना वेब डेवलपर का जॉब छोडकर तामिया आ गये | इस दौरान भविष्य की तैयारी करते हुये सोनी कॉलेज ऑफ़ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी, छिन्दवाड़ा मे असिस्टेंट प्रोफेसर (2015 – 2016) यूनिक गर्ल्स कॉलेज परासिया मे असिस्टेंट प्रोफेसर (अप्रैल2016 – जून 2016 ) उच्च शिक्षा उत्कृष्ता संस्थान (आईईएचई) भोपाल मे असिस्टेंट प्रोफेसर (अगस्त 2016 से जुलाई 2019) के कार्यकाल मे आरसीव्हीपी नरोन्हा प्रशासनिक अकादमी में अतिथि प्रशिक्षक भी रहे .
वर्ष 2019 में मैनिट में पीएचडी के लिए चयनित हुए
यूजीसी नेट 2019 मे फिर प्रशांत ने सफलता हासिल की | इसके बाद पीएचडी एंट्रेंस एग्जाम मे सफल होने के बाद जुलाई 2019 मैनिट भोपाल मे पीएचडी के लिये चयनित हुये.
प्रशांत डिपार्टमेंट ऑफ़ मैथमेटिक्स,बायोइन्फरमेटिक्स एंड कंप्यूटर ऍप्लिकेशन्स में मौलाना आज़ाद नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी भोपाल से पीएचडी कर रहे है .यूजीसी द्वारा 500 लोगो में से प्रशांत को नेशनल फ़ेलोशिप अवार्ड के चयन किया है.
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