MADHYA PRADESH

क्‍या 25 हजार पद संविदा पर ही भर देंगे? सिविल इंजीनियर और स्‍वास्‍थ्‍य कर्मचारियों को संविदा पर रखने का नोटिफ‍िकेशन निकला

क्‍या 25 हजार पद संविदा पर ही भर देंगे? सिविल इंजीनियर और स्‍वास्‍थ्‍य कर्मचारियों को संविदा पर रखने का नोटिफ‍िकेशन निकला

-बेरोजगार युवाओं ने पूछे सरकार से सवाल, मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से की मांग, संविदा नौकरी के बजाय सरकारी भर्ती निकाली जाये .

भोपाल. जब से मध्‍यप्रदेश के मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 25 हजार पदों पर सरकारी भर्ती करने की घोषणा की है, तब से युवा उत्‍साह में है.

रोजाना एकाध नोटिफ‍िकेशन आ भी रहा है. इससे युवा मानकर चल रहे है कि मप्र में एक बार फ‍िर से सरकारी नौकरी का दौर शुरू होगा.

वजह तीन से मप्र में सरकारी भर्ती पर अघोषित तौर पर रोक लगा होना है. इस कारण से छात्र जल्‍दी जल्‍दी नोटिफ‍िकेशन जारी करने की मांग कर रहे है.

हालांकि जो नोटिफ‍िकेशन आ रहे है, उनमें से अधिकांश संविदा भर्ती के आ रहे है.

इससे युवा नाराज दिख रहा है. सिविल इंजीनियर के मध्‍यप्रदेश में करीब 5 हजार पद रिक्‍त बताए जाते है, लेकिन सिविल इंजीनियर के लिए भर्ती 52 पदों पर निकाली गई.

सिविल इंजीनियर परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्र इसे मजाक बता रहे है.

उनका कहना है कि केवल 52 पदों में क्‍या फाइट करेंगे. वैसे 52 पद भी रेग्‍यूलर के नहीं निकाले है. वो भी संवदिा के आए है.

इसी तरह कुछ दिन पहले नेशनल हेल्‍थ मिशन का नोटिफ‍िकेशन जारी हुआ था. उसमें 3800 पदों पर भर्ती की जा रही है.

कोविड-19 के समय पता चला था कि स्‍वास्‍थ्‍य विभाग में कितने कर्मचारियों की कमी है. तब कहा गया था कि चरण बद्ध तरीके से पद भरे जायेंग.

अब 3800 पद संविदा पर भरे जा रहे है. वो भी एक साल के लिए. ऐसे में उन युवाओं का क्‍या होगा जो सरकारी नौकरी की आंस में बैठे हुए है.

 

संविदा खत्‍म होने पर साल बाद निकाला तो क्‍या होगा

 

संविदा पर उनका चयन हो भी गया तो एक साल बाद उनको निकाल दिया गया तो उनका क्‍या होगा.

सरकार ने इसके बारे में कुछ नहीं बताया है. 29 सितंबर की शाम को छह बजे के बाद मप्र में उपचुनाव के मददेनजर आचार संहिता लग सकती है.

ऐसे में एक दिन में कितनी  नौकरियां आएगी. इसकी कोई जानकारी नहीं है.

यूपी की राह पर है मप्र

 

जिस तरह उत्‍तर प्रदेश में पहले कुछ साल युवाओं से संविदा पर काम कराने का प्रस्‍ताव तैयार किया है. सरकार के मापदंड में अच्‍छे होने पर अंतिम चयन होगा.

इस तरह की व्‍यवस्‍था मप्र सरकारी भी संविदा के माध्‍यम से ला रही है क्‍या? मप्र के युवा संविदा नहीं शासकीय नौकरी चाहते है.

उन्‍होंने मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मांग की है कि संविदा नौकरी के बजाय सरकारी भर्ती निकाली जाना चाहिये .

About the author

Bhaskar Jobs

Leave a Comment