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पूछता है भास्‍करजॉब्‍स- मध्यप्रदेश में शिक्षकों की भर्ती कब होगी, 70 हजार से ज्‍यादा पद खाली…

पूछता है भास्‍करजॉब्‍स- मध्यप्रदेश में शिक्षकों की भर्ती कब होगी, 70 हजार से ज्‍यादा पद खाली…

-पिछले दस सालों में मप्र में शिक्षा व्‍यवस्‍था वेंटीलेटर पर, कोन है इसका जिम्‍मेंदार

भोपाल. शायद कभी मध्‍यप्रदेश शिक्षा व्‍यवस्‍था में अच्‍छा रहा हो, जिस तरह से केरल, तमिलनाडू या महाराष्‍ट्र की शिक्षा व्‍यवस्‍था को देश में सम्‍मान की नजर से देखा जाता है, उस तरह से मप्र को कभी नहीं देखा गया. पिछले पंद्रह सालों में शिक्षा व्‍यवस्‍था वेंटीलेटर पर पहुंच गई है. सभी राजनीतिक दल शिक्षा व्‍यवस्‍था में गंदगी होने की बात तो करतेे है, लेकिन उसकी सफाई नहीं करतेे है.

शिक्षकों  से शिक्षा को छोड़कर लगभ्भग सभी काम कराए जाते है. इस वजह से मध्‍यप्रदेश के बच्‍चे राष्‍ट्रीय स्‍तर की परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाते है. चुनिंदा बच्‍चे अच्‍छा प्रदर्शन कर भी देते है, तो उसका क्रेडिट शिक्षा व्‍यवस्‍था को तो कतई नहीं दिया जा सकता है. 

हैरत की बात तो यह है कि शिक्षकों का राजनीतिक उपयोग तो खूब होता है, लेकिन राजनीतिक दल उनकी मांगे नहीं मानते है. प्रदेश के बच्‍चों का हक है कि उनको अच्‍छी शिक्षा मिले. उनके शिक्षा देने वाले शिक्षक गुणवत्‍ता युक्‍त शिक्षा देने में सक्षम हो. पूछता भास्‍करजॉब्‍स मध्‍यप्रदेश में शिक्षकों की भर्ती कब होगी. पूर्व में हुई भर्ती में शिक्षकों को नियुक्ति कब मिलेगी…

मध्यप्रदेश में शिक्षकों की भर्ती कब होगी- कब भरे जायेंगे शिक्षकों के सत्‍तर हजार पद

 

जानकारी के मुताबिक प्रायमरी एवं माध्‍यमिक स्‍कूलों में शिक्षकों के लगभग 70 हजार पद खाली है. इन पदों को भरने के लिए राज्‍य सरकार कोई प्रयास करती नहीं दिख रही है.

हैरत की बात तो यह है कि दस साल से पदों को भरने के नियम तक मप्र की सरकार नहीं बना पाई है. राज्‍य में शिक्षा और शिक्षकों को लेकर जो रवैया राज्‍य सरकारों को रहा है, वो बहुत भयावह है.

 

मध्यप्रदेश में शिक्षकों की भर्ती कब होगी- नियुक्ति के लिए परेशान है अभ्‍यर्थी

 

प्रदेश में शिक्षकों की कमी को देखते हुए 8 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद सरकार ने मध्‍यप्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा 2018 का आयोजन किया था. आदिम जाति और स्‍कूल शिक्षा विभाग में भर्ती के लिए सितंबर 2019 में परीक्षा परिणाम घोषित किया था. रिजल्‍ट जारी होने के बाद 30594 शिक्षकों की ज्‍वाइंनिंग होना थी.

उच्‍च माध्‍यमिक शिक्षक के 15 हजार पदों पर भर्ती के लिए 1 जुलाई 2020 से प्रावधिक चयन सूची एवं प्रतीक्षा सूची के अभ्‍यर्थियों के दस्‍तावेजों का सत्‍यापन प्रारंभ किया गया था.

जो 3 जुलाई तक जारी रहा था. वहीं 4 जुलाई 2020 को सरकार ने बिना किसी ठोस कारण से सत्‍यापन की कार्रवाई को रोक दिया. जिससे पात्र अभ्‍यर्थी परेशान है, दो सालों से हजारों चयनित अभ्‍यर्थियों को नियु‍क्ति नहीं मिल पाई है…ये सिस्‍टम है..

स्‍कूल शिक्षा में मर्ज होंगे आदिम जाति के स्‍कूल

 

स्‍कूल शिक्षा विभाग में आदिम जाति विभाग के विद्यालयों को मर्ज किया जायेगा. आगामी तीन साल में शिवराज सरकार स्‍कूलों के विलय पर जोर देगी. इसके साथ ही छोटे स्‍कूलों को बड़े स्‍कूलों में मर्ज कर दिया जायेगा. वर्ष 2021 तक स्‍कूलों के विलय का काम कर लिया जायेगा.

 

केंद्रीय विद्यालयों की तर्ज पर प्रदेश के स्‍कूलों में होगी पढ़ाई

 

प्रदेश के सरकारी स्‍कूलों में केन्‍द्रीय विद्यालयों व नवोदय विद्यालयों की तर्ज पर पढ़ाई कराने के लिए टिवनिंग अभियान चलाए जाने का प्रस्‍ताव है. अभियान के तहत जिलों में संचालित नवोदय विद्यालय, केन्‍द्रीय विद्यालय के साथ बेहतर रिजल्‍ट देने वाले प्राइवेट स्‍कूलों को भी जोड़ा जायेगा. यह अभियान सफल रहता है, तो प्रदेश के लाखों बच्‍चों को बेहतर शिक्षा मिल सकती है.

 

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