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शिक्षण संस्‍थाओं को आतंकवादी बनाने की अनुमति नहीं दे सकते- शिवराज…

शिक्षण संस्‍थाओं को आतंकवादी बनाने की अनुमति नहीं दे सकते- शिवराज…

-मुख्यमंत्री चौहान ने “शिक्षक शिक्षा” विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ करते हुए यह बात कहीं, शिक्षा का उद्देश्य है ज्ञान, कौशल और नागरिकता के संस्कार देना, शिक्षा से बच्चों का स्वाभाविक विकास तथा उनकी प्रतिभाओं का प्रकटीकरण होना चाहिए

Online desk, bhopal

शिक्षा का उद्देश्य ज्ञान, कौशल और नागरिकता के संस्कार देना होना चाहिए। नई शिक्षा नीति में इन तीनों बातों का पर्याप्त ध्यान रखा गया है। इन्हें मध्य प्रदेश में लागू किया जाएगा। कक्षा छठवीं से व्यावसायिक शिक्षा दी जाएगी। शिक्षा का अर्थ तोते की तरह रटना, बस्ते के बोझ से दबे रहना तथा परीक्षा देना नहीं है। शिक्षा से बच्चों का स्वाभाविक विकास तथा उनकी प्रतिभाओं का प्रकटीकरण होना चाहिए। इसके लिए शिक्षकों के शिक्षण-प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पांच मार्च 2021 को नरोन्हा प्रशासन अकादमी में विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान द्वारा “शिक्षक शिक्षा का कायाकल्प” विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ करते हुए कहीं। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि शिक्षा देना अकेला सरकार का कार्य नहीं है। इसमें समाज की सहभागिता के अलावा  के अन्‍य शिक्षण संस्‍थाओं को भी भी आगे आना होगा….

शिक्षण संस्‍थाओं को आतंकवादी बनाने की अनुमति नहीं दे सकते

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि शिक्षण संस्थाएं अमर्यादित शिक्षा देकर विद्यार्थियों को दिग्भ्रमित करें, यह नहीं चलेगा। यदि कोई संस्थान गलत शिक्षा देता है, तो उसे रोका जाएगा। हम आतंकवादी नहीं बनने दे सकते। स्कूलों के नाम पर कुछ भी खोला जाए, यह नहीं चलेगा। मध्य प्रदेश पहला राज्य है जहां नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए टास्क फोर्स का गठन किया गया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इसमें प्रदेश के विभिन्न शिक्षाविदों को जोड़ा जाए, जो नई शिक्षा नीति के प्रावधानों को मध्यप्रदेश में किस तरह व्यवहारिक रूप से लागू किया जाए, इस संबंध में सुझाव दें।

अपने शिक्षक रतन चंद जैन को याद किया

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने गांव जैत के प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक श्री रतन चंद जैन को याद करते हुए कहा कि उनके द्वारा दी गई शिक्षा मेरे जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण है। वे प्रत्येक शनिवार को विद्यार्थियों को रामचरितमानस पढ़ाया करते थे। “इससे न केवल में वक्ता बना, अपितु मुझे भगवान श्री राम की मर्यादाओं के अनुरूप जीवन जीने की प्रेरणा मिली”। बिना नैतिकता के शिक्षा व्यर्थ है। शिक्षा मनुष्य को मनुष्य बनाती है। अज्ञान से मुक्त करती है।

आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के रोड मैप में शिक्षा अहम

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लिए बनाए गए रोड मैप में शिक्षा का महत्वपूर्ण स्थान है। प्रदेश में उच्च गुणवत्तायुक्त सी.एम. राइज स्कूल खोले जाने के लिए डेढ़ हज़ार करोड़ रुपए का बजट रखा गया है। अच्छी तकनीकी शिक्षा के लिए ग्लोबल स्किल पार्क तथा आदर्श आईटीआई बनाए जा रहे हैं।

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