जब जब छात्र बोला हैं , राज सिंहासन डोला हैं… अब तो देना होगा मध्यप्रदेश में सरकारी नौकरी
भोपाल। सबसे पहले जो बात में कहना चाहता हूं, वो ये है कि चार और पांच सितंबर को भोपाल में रोशनपुरा पर होने वाले छात्र भर्ती आंदोलन पर भास्करजॉब्स उनके साथ है।
तीन साल से मध्यप्रदेश में सरकारी नौकरी नहीं मिलने उनकी नाराजगी जायज है।
रोजगार की मांग का भास्करजॉब्स टिविटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम सहित प्लेटफार्मों पर पूरी तरह से समर्थन करता है।
वैसे तो मुझे इस तरह अपनी बात शुरू करने की आदत नहीं है, लेकिन जब कोई ऐसा खास मुददा हो, जो दिल के करीब हो और दिल से उसके समर्थन की आवाज निकले, तो मैं उस आवाज रोक नहीं सकता हूं।
आज मैं पूरी तरह से आंदोलन के मूड के हिसाब से छात्रों की आवाज उठाने जा रहा हूं।
मैं अपनी बात को अशरफ मालवी के शेर के साथ शुरू कर रहा हूं, जो उन्होंने कहा कि
“हुकूमत से एजाज़ अगर चाहते हो, अंधेरा है लेकिन लिखो रोशनी है”
छात्र आंदोलन के पूरोधा और आजाद भारत की सबसे बडी क्रांति करने वाले जयप्रकाश नरायण “जेपी” का कहना था-
“भ्रष्टाचार मिटाना, बेरोजगारी दूर करना, शिक्षा में क्रांति लाना, आदि ऐसी चीजें हैं जो आज की व्यवस्था से पूरी नहीं हो सकतीं; क्योंकि वे इस व्यवस्था की ही उपज हैं।
वे तभी पूरी हो सकती हैं जब सम्पूर्ण व्यवस्था बदल दी जाए और सम्पूर्ण व्यवस्था के परिवर्तन के लिए क्रान्ति, ’सम्पूर्ण क्रान्ति’ आवश्यक है।”
आज छात्रों को व्यवस्था परिवर्तन याने परीक्षा व्यवस्था में परिवर्तन की मांग के साथ आगे बढकर हुकूमत के सामने अपनी आवाज बुलंद करना होगा।
देना होगा मध्यप्रदेश में सरकारी नौकरी
- मूलनिवासी अनिवार्य का आदेश तत्काल निकाला जाये.
- पुलिस भर्ती नोटिफिकेशन जारी करने में बिल्कुल समय जाया नहीं किया जाये.
- पीईबी से परीक्षा कराई जाये और उसमें पूरी तरह से पारदर्शिता बरती जाये.
- किसी भी भर्ती में नोटिफिकेशन से लेकर ज्वाइनिंग दुरुस्त व्यवस्था के साथ समय सीमा में पूरी की जाये.
- प्रदेश में सालों से रिक्त पड़े सभी पदों की भर्तियां समय से पूरी की जाये.
- .Mppsc की सभी परीक्षाओं को व्यवस्थित तरीके से निश्चित समय सीमा में टेंटेटिव डेट जारी करके पूरा कराया जाना सुनिश्चित किया जाये.
- किसी भी परीक्षा में नॉर्मलाईजेशन करने पर पूरी पारदर्शी प्रक्रिया को अपनाकर प्रक्रिया को सार्वजनिक किया जाये.
छात्रों को इस हैशटैग को ट्रेंड कराना है
अघोषित भर्ती पर रोक हटाने के लिए 4 और 5 सितम्बर 2020 को सुबह 9 बजे से निम्न तीन हैशटैग के साथ टिविट करना होगा।
#SpeakupForMppscPebstudents
#Mppolicebhartido
#berojgarmp
पटवारी भर्ती में दस लाख लोगों ने भरा था फार्म
प्रदेश में वर्ष 2017 में पटवारी भर्ती निकली थी। उसमें करीब दस लाख लोगों ने आवेदन किए थे।
इन दस लाख लोगों में समे 9 हजार लोगों को नौकरी मिली,तब भी नौ लाख नब्बे हजार बेरोजगार अब भी नौकरी की तलाश में है।
इसलिए सरकार को नौकरी के दरवाजे खोलना चाहिये।
ओबीसी रिजर्वेशन ने हालत खराब की
प्रदेश में पंद्रह साल बाद कांग्रेस की सरकार आई। कांग्रेस से सरकार को आशा थी कि वह बंपर सरकारी नौकरी देगी।
लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कांग्रेस ने अच्छी खासी चल रही पीएससी की भर्ती को ही अटका दिया।
कमलनाथ सरकार द्वारा ओबीसी रिजर्वेशन बढ़ाने के लिए कानून में संशोधन किया।
जिस पर हाईकोर्ट में याचिकाएं लग गई और पीएससी सहित प्रदेश की दूसरी भर्तियां भी राजनीति की भेंट चढ गई।
एसआई और कांस्टेबल के पदों पर भर्ती 3 साल से नहीं
प्रदेश में सब इंस्पेक्टर और कांस्टेबल के पदों पर 3 साल से भर्ती नहीं हुई है।
छात्रों द्वारा सवाल उठाया गया है कि जब 7 करोड लोगों की वोटिंग एक महिने में कर परिणाम भी ले आते हो, तो भर्ती में समय क्यों लगता है?
भर्ती नहीं होने से युवा हुए ओवरएज
पुलिस सहित भर्ती की तैयारी कर रहे लाखों छात्र छात्राएं तीन साल से भर्ती का इंतजार कर रहे है।
इनकी तैयारी में कोई कमी नहीं है। बस सरकारी भर्ती निकल नहीं रही है।
इस कारण से ये लोग ओवर एज हो रहे है। सरकार से इनकी मांग है कि जल्दी से जल्दी भर्ती की जाये।
जिससे ये भी समय रहते सरकारी नौकरी का सपना पूरा कर सके।
कमलनाथ आए समर्थन में, देना होगा मध्यप्रदेश में सरकारी नौकरी
प्रदेश में चार सितंबर को हो रहे सरकारी भर्ती आंदोलन को कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने समर्थन कर दिया है।
कमनाथ के समर्थन के बाद कांग्रेस की छात्र इकाई भी एक्टिव हो गई है।
प्रदेश में पुलिस भर्ती के लिये हमारी सरकार में प्रक्रिया शुरू हुई थी किन्तु हमारी सरकार बीच में ही गिरा दी गयी।
प्रदेश में भाजपा सरकार आने के बाद इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। pic.twitter.com/raAZh2QA18— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) September 3, 2020
हालांकि भाजपा के किसी नेता ने छात्र आंदोलन का समर्थन नहीं किया है।
बेरोजगारों के द्वारा किए जा रहे आंदोलन का समर्थन राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने भी किया है।
इसके बाद अब सरकारी नौकरी पर सियासत शरू हो गई है।
हालांकि संभावना है कि शिवराज सरकार जल्द ही नई भर्ती का एलान कर सकती है।
ये कब होता है ये देखने वाली बात रहेगी।