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Scam in Teaching English-बताओं इंग्लिश सीखाने में ही घोटाला, जिया हो बिहार के लाला

Scam in Teaching English- आपको जानकर आश्‍चर्य होगा कि इंग्लिश सीखने में भी घोटाला हो सकता है। हां ये बिल्‍कुल सच है।

वैसे बता दें कि इस तरह के आश्‍चर्य जनक काम बिहार की सरकार में ज्‍यादातर देखने को मिलते है।

आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह बिहार के पूर्व आईएएस अधिकारियों और इंग्लिश सीखने वाली संस्‍था ने सांठगांठ कर घोटाले को अंजाम दिया।

बिहार सरकार ने 22 जिलों में अनुसूचित जाति के बच्‍चों को अंग्रेजी सीखने की योजना बनाई थी। इसके लिए ब्रिटिश लिंगुआ कंपनी के बीरबल झा को ठेका दिया। इस योजना में घोटाला हो गया है।

फर्जी छात्रों की सूची देकर पैसे निकाल लिए गए। 7 करोड् से अधिक राशि की बंदरबांट हो गई।

आईएएस अफसर एमएस राजू, राघवेन्‍द्र झा, राजनारायण लाल और रामाशीष के खिलाफ प्रकरण दर्ज होने की सूचना है।

ये बिहार का असली सिस्‍टम है। यहां बता दें कि बिहार में सालों से भारतीय जनता पार्टी और जेडीयू की सरकार है।

विश्‍वगुरू बनने वाला भारत अंग्रेजी सीखाने (Scam in Teaching English) में भी घोटाला कर देता है, आपको बूरा तो नहीं लगता है…

 

ऐसे पहुंचाया फायदा-

 

जांच में जानकारी मिली है कि 22 जिलों सहित अन्‍य जिलों में जहां महादलित मिशन के अधिकारियों ने (SOFT SKILL TRAINING PROGRAM)  साफट स्किल टेनिंग कार्यक्रम का विस्‍तार किया ।

वहां लिंगुआ कंपनी के बीरबल झा ने मिशन के अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर झूठे दस्‍तावेज तैयार किए।
लिंगुआ कंपनी के काम का एनालिसिस किए बगैर ही अफसर उसे लगातार काम दे रहे थे। बताया जाता है कि करीब सात करोड् कंपनी को दिए गए है।
नियमों की अवेहलना कर छात्रों को अच्‍छी गुणवत्‍ता की शिक्षा दिए बगैर अफसर कंपनी को फायदा पहुंचाते रहे।

 नाम पते अलग अलग-

 

महा दलित विकास मिशन के द्वारा 2012 से 2016 के बीच 14,826 छात्रों को प्रशिक्षण दिया।
जांच में सामने आया है कि प्रशिक्षु एक ही नाम और पते पर एक ही समय में दो अलग अलग TRADES में टेनिंग प्राप्‍त कर रहा था।
फर्जी दस्‍तावेज और हस्‍ताक्षर कर छात्रों को कागजों पर ही साफट स्किल टेनिंग (SOFT SKILL TRAINING) दी गई है।

 

 

कानूनी कार्यवाही गलत-

 

लिंगुआ कंपनी के बीरबल झा ने कानूनी कार्यवाही को गलत बताया है। उनका कहना है कि किसी तरह का घोटाला नहीं हुआ है। वहीं आईएएस अधिकारियों का कहना है कि उनके पास कार्यवाही का विवरण नहीं पहुंचा है।

इसलिए इस मुददे पर वह कुछ नहीं कहना चाहते है। द इंडियन एक्‍सप्रेस ने इस विषय पर विस्‍तार से न्‍यूज प्रकाशित की है।

आप पढ्ना चाहते है तो दिए गए लिंक पर क्लिक कर पढ सकते है। आपको भारत की शिक्षा व्‍यवस्‍था को लेकर चिंतित होना लाजिमी हैध्‍ध्‍ध्‍

 

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