12वीं के बाद नौकरी के क्या विकल्प है?
भोपाल। अगर आप केवल 12 वीं तक पढे है और आगे किसी वजह से नहीं पढ पाये है, और नौकरी करना चाहते है। चिंता मत कीजिये, आपके पास भी कई विकल्प है।
जिनको अपनाकर आप एक बेहतरीन केरियर बना सकते है। भारत में लाखों की संख्या में युवा विभिन्न कारणों से ग्रेजुएशन और उच्च शिक्षा नहीं कर पाते है।
12 वीं पास युवाओं के केरियर के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार चुनिंदा विकल्प देती है।
जिसमें पुलिस, चपरासी या बाबू । इन विकल्प के अलावा ज्यादा विकल्प सरकारी नौकरी में नहीं होते है।
जबकि निजी क्षेत्र में विकल्प ही विकल्प है। थोडी बहुत ट्रेनिंग कर सीधे नौकरी कर सकते है।
12 वीं पास युवाओं को कुछ सेक्टर में तो शुरूआत में ही 50 हजार तक सैलरी मिल रही है।
वहीं अनुभव होने के बाद दो लाख रूपए तक सैलरी ऑफर की जा रही है।
आज हम आपको 10 केरियर विकल्प बताने जा रहे है, जो आपके लिए काम आ सकते है।
12वीं के बाद नौकरी पत्रकारिता में
पत्रकारिता पेशा ऐसा है जिसमें बडी संख्या में युवा 12वीं के बाद नौकरी कर रहे है।
पूर्व में कहा जाता था कि कोई कुछ नहीं बन पाता है तो वह पत्रकार बन जाता है।
आपकी हिन्दी या इंग्लिश भाषा पर कमांड है तो आपको पत्रकारिता के संस्थान में काम करने का मौका मिल सकता है।
हालांकि शुरूआत में सैलरी कम दी जाती है, लेकिन समय के साथ संस्थान बदलने पर अच्छी सैलरी मिल जाती है।
पत्रकारिता करते समय आप इसकी डिग्री भी ले लेते है, तो और भी अच्छा होगा। पत्रकारिता में लाइम लाइट में आने का सबसे अधिक चांस होता है।
बीपीओ में मिल सकती है 12वीं के बाद नौकरी
अगर आपकी अंग्रेजी अच्छी है, तो आप किसी बडी बीपीओ कंपनी में काम कर सकते हो। यहां आपको अंतराष्टीय स्तर पर काम करने का स्कोप मिल सकता है।
अंग्रेजी जानने वाले क्लाइंट से बात कर कंपनी की सेवाओं के बारे में बताना होता है। आप ऐसा मत सोचिये कि इसमें ज्यादा केरियर नहीं है।
बीपीओ में रहकर कई युवा 50 हजार से 2 लाख रूपए तक महिना सैलरी प्राप्त कर रहे है। कई बीपीओ कंपनियां ग्रेजुएशन करने का मौका भी देती है।
इन कंपनियों के कई विश्व विदयालय के साथ करार होते है। आपको नौकरी करने के साथ ग्रेजुएशन करने का मौका भी मिल जाता है।
वहीं आपकी अंग्रेजी अच्छी नहीं है, और टाइपिंग स्पीड अच्छी है। वर्ड और एक्सल पर काम करने का अनुभव है तो बीपीओ में बैक ऑफस में काम कर सकते है।
बैक ऑफस में काम करने वाले युवाओं को शुरूआत में 12 से 18 हजार रूपए तक सैलरी दी जाती है। अनुभव होने के बाद यह सैलरी बढ जाती है।
कॉल सेंटर संचालक रखते है 12वीं के बाद नौकरी पर
बाहरवीं पास युवक युवतियां बडी संख्या में कॉल सेंटर में काम करते है। कई युवा अपने खर्चे मेंटेन करने के लिए यहां काम करते है, और साथ में अध्यन भी करते है।
जैसे ही उनका अध्यन पूरा हो जाता है, यहां वह फूल टाइम काम करने लगते है या पिफर दूसरी जगह वह काम करने चले जाते है। कॉल सेंटर और बीपीओ में फर्क होता है।
बीपीओ ज्यादातर उन कंपनियों को कहा जाता है, जिनके यहां अंतराष्ट्रीय वाइस प्रोसेस का काम होता है।
वहीं कॉल सेंटर उन कंपनियों को कहा जाता है जिनके यहां डोमेस्टिक वाइस प्रोसेस का काम होता है।
कॉल सेंटर में जॉब करने के लिए अच्छी अंग्रेजी की आवश्यकता नही है, बस हिन्दी बोलना साफ आना चाहिये।
बीपीओ में शुरूआत में 6 से 12 हजार तक सैलरी आसानी से मिल जाती है। एक स्थान पर आराम से बैठकर काम करने का मौका मिलता है।
मेडिकल बिलिंग
भारत में मेडिकल बिंलिंग में अच्छा भविष्य है। बैंगलोर और हैदराबाद में सबसे अधिक मेडिकल बिलिंग का काम होता है।
कोई भी युवा 12वीं के बाद नौकरी मेडिकल बिलिंग क्षेत्र में कर सकता है। शुरूआत में 12 हजार से 20 हजार तक सैलरी मिल जाती है।
आप यह जानना चाहते है कि मेडिकल बिलिंग क्या होता है, तो हम आपको बताने जा रहे है।
अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, फ्रांस, ऑस्टेलिया सहित कई बडे देश के हास्पिटल भारत में मेडिकल बिलिंग का काम आउटसोर्स पर कराते है।
मेडिकल बिलिंग का अर्थ है, जो व्यक्ति अस्पताल में अपना इलाज कराता है, उसका पैमेंट बीमा कंपनी करती है।
भारत में मेडिकल बिलिंग कंपनियां बीमा कंपनियों को ईमेल करके बिल भेजती है, और लगातार बात करते हुए बिल क्लीयर कराती है।
ग्राफिक डिजाइनर
आजकल का युवा टेक सेवी है। शुरू से ही कंप्यूटर और मोबाइल का इस्तेमाल कर रहा है। ऐसे युवा जो 12वीं के बाद नौकरी करना चाहते
है, उनको तीन माह का ग्राफिक डिजाइनर का कोर्स कर लेना चाहिये।
कोर्स करने के बाद ग्राफिक कंपनियों, वेब डिजाइनिंग कंपनियों, एपप डेवलमेंट कंपनियों में आसानी से नौकरी मिल जाती है।
ग्राफिक डिजाइन का कोर्स करने के बाद आप आसानी से लोगो डिजाइन, वेबसाईट और ब्लाग्स के लिए थंबनिल डिजाइन करना सीख जाते है।
जॉब में ये ही काम करने होते है। इसके लिए 12 से 15 हजार शुरूआत में मिल जाते है। अनुभव होने के बाद सैलरी लाखों में हो जाती है।
डिजीटल मार्केटिंग
डिजीटल मार्केटिंग ऐसा क्षेत्र है, जहां आपसे प्रमाणपत्र नहीं मांगा जाता है। आपको कौशल आना चाहिये।
भारत में बहुत तेजी से डिजीटल मार्केटिंग के क्षेत्र में युवा अपना कैरियर बना रहे है। डिजीटल मार्केटर को अपने हुनर के द्वारा वेबसाईट पर टैपिफक लाना होता है, ब्रांडिंग करना होता है।
प्रोडक्ट या सर्विसेस के लिए ठीक तरह से सोशल मीडिया हैंडलिंग करना होता है। यह कोई कोडिंग वाला काम नहीं है।
कछ साधारण सी तकनीक का इस्तेमाल करना आना चाहिये, और काम शुरू हो जाता है।
किसी कंपनी में डिजीटल मार्केटर बनकर काम कर सकते है या पिफर घर पर भी रहकर फ्री लांस काम कर सकते है।
वर्तमान में कई युवा डिजीटल मार्केटर का काम कर 70 से 80 हजार रूपए महिना कमा रहे है।
सेल्स एक्जीक्युटीव
बारहवीं पास युवाओं के लिए सबसे अधिक जॉब देने वाली कोई जॉब है, तो वह है सेल्स की है।
टेलीकॉम कंपनियां, ब्राडबैंड कंपनियां, वॉटर प्यूरीफायर कंपनियां, फार्मा कंपनियां अपने यहां बारहवीं पास युवाओं को नौकरी देती है।
बात चाहे टेलीकॉम की करे या पिफर फार्मा कंपनियों की। ये दोनों कंपनियां सेल्स एक्जीक्युटीव पर सबसे अधिक निर्भर रहती है।
इसलिए अच्छा परफार्म करने वाले युवाओं को सैलरी के अलावा इंसेटिव भी देती है। कई युवा सेल्स की जॉब से एक लाख से दस लाख रूपये महिना तक कमा रहे है।
मेडिकल कोडिंग
जब भी कोई ऑपरेशन होता है, तो हर प्रोसिजर का एक कोडिंग होती है।
सारे कोडिंग को मिलाकर एक ऑपरेशन की गाइडलाइनस लिखी जाती है, और उसे बीमा कंपनियों को भेजा जाता है।
दुनियांभर के बडे अस्पताल अपने कोडिंग के कार्य को भारत से आउटसोर्स करा रहे है।
मेडिकल कोडिंग के लिए आपको मेडिकल बिलिंग या संबंधित क्षेत्र का थोडा बहुत अनुभव होना चाहिये।
आप मेडिकल कोडिंग का कोर्स करके जॉब पा सकते हो। शुरूआत में 40 से 50 हजार तक सैलरी मिल सकती है।
मेडिकल स्टोर पर आठवीं पास या फेल युवा भी काम कर रहे है।
इसलिये मेडिकल कोडिंग की फील्ड में काम करके अच्छा कैरियर बना सकते है।
टीवी, मोबाइल रिपेयरिंग
दसवीं या बारहवीं पास या फेल युवा इलेक्ट्रानिक्स रिपेयरिंग का काम कर सकते है।
इलेक्ट्रानिक्स रिपेयरिंग जिसमें मोबाइल, लैपटॉप, टीवी, कंप्यूटर ऐसी इत्यादि की रिपेयरिंग सीखकर किसी कंपनी के सर्विस सेंटर में काम कर सकते है।
शुरूआत में 8 से 12 हजार रूपये तक सैलरी मिल जाती है।
अच्छा काम सीखने के बाद स्वयं का काम किया जा सकता है। मोबाइल और लैपटॉप रिपेयरिंग से युवा अच्छा खासा कमा रहे है।
इसके लिए अलग से कोई डिग्री या डिप्लोमा की जरूरत भी नहीं होती है।
स्टॉक ब्रोकिंग कंपनी में डीलर
आप सबने शेयर मार्केट का नाम तो सुना ही होगा। सभी छोटे बडे शहरों में शेयर मार्केट कंपनियों के डीलर या फ्रेचाइंजी के कार्यालय है।
इन कार्यालयों में शेयर की खरीद ब्रिक्री कंप्यूटर पर की जाती है। इसको करने वाले को डीलर कहा जाता है।
इसमे बहुत अधिक योग्यता की आवश्यकता नहीं होती है। बारहवीं पास युवा भी इस काम को कर सकता है। शुरूआत में तन्ख्वाह 10 से 15 हजार मिल जाती है।
12th ke bes par job