Annual fee waiver - सोशल मीडिया पर वार्षिक फीस माफ करने की अपील ने जोर पकड़ा, समर्थन में हो तो आर्टिकल के कमेंटस सेक्शन में यस लिखे..
Annual fee waiver _- सोशल मीडिया पर वार्षिक फीस माफ करने की अपील ने जोर पकड़ा, समर्थन में हो तो आर्टिकल के कमेंटस सेक्शन में यस लिखे..
प्रति,
माननीय मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश जी से एक अपील
महोदय
मैं एक स्कूल के छात्र के अभिभावक के तौर पर आपसे कुछ निवेदन करना चाहता हूं।
जैसा कि आपको ज्ञात ही होगा मध्य मार्च से पूरे भारतवर्ष में लॉक डाउन लगा हुआ है जिससे बहुत सारे अभिभावकों की आय के स्रोत समाप्त हो गए हैं।
मेरे जैसे मध्यम वर्गीय परिवार में पिछले 3 महीनों में कोई आय नहीं हुई है,और अगले कुछ महीने और हालत अच्छे नहीं रहेंगे। बहुत से नौकरी पेशा लोग भी हैं जिनकी नौकरी चली गई है, और नई नौकरी जल्दी मिलने के कोई आसार नहीं हैं।
हमारे पास 2 बड़ी परेशानी हैं जिनका हाल निकालना अत्याधिक आवश्यक है।
पहला हमारे बच्चों की स्कूल की फीस । आपने बड़ी चालाकी से घोषणा तो कर दी की स्कूल लॉकडॉउन समय के दौरान ट्यूशन फीस के अलावा कोई और फीस नहीं ले सकते, लेकिन उस घोषणा में काफी कन्फ्यूजन है, शिक्षण सत्र के शुरुआत में लिए जाने वाले वार्षिक शुल्कों (Annual fee waiver)का क्या?
मुख्यमंत्री जी वैसे भी भारत के कानून के अनुसार शिक्षण संस्थाएं प्रॉफिट नहीं कमा सकती हैं, और शासन द्वारा स्थापित फीस रेगुलेशन कमेटी सिर्फ शिक्षण शुल्क का निर्धारण करती हैं, सालाना शुल्कों का नहीं।
आपके शिक्षा विभाग के अफसर हमेशा सालाना शुल्क, कपड़े और किताबो के नाम पर चल रहे धंधे को नजरअंदाज करते आए हैं। अभिभावक भी अभी तक इन खर्चों पर ज्यादा ध्यान नहीं देते थे।
लेकिन अभी कठिन परिस्थिति हैं। ऐसी परिस्थितियों में आपसे अनुरोध है कि आपके आदेश में संशोधन करते हुए आपका सभी शिक्षण संस्थाओं द्वारा लिए जाने वाले वार्षिक शुल्क को जो वैसे भी अवैध है, कम से कम इस सत्र के लिए प्रतिबंधित कर दें। बहुत से स्कूल टीचरों की सैलरी की दुहाई देते हैं, वो शिक्षण शुल्क से दी जाती है सालाना शुल्क से नहीं।
इसलिए टीचर्स की सैलरी कोई मुद्दा नहीं होना चाहिए। इसी प्रकार इस शिक्षण सत्र में यूनिफॉर्म की अनिवार्यता आप स्थगित करवा दें तो बड़ी कृपा होगी।
फीस के अलावा दूसरी बड़ी परेशानी शिक्षण सत्र को लेकर है, मेरे जैसे बहुत से अभिभावक इस वर्ष अपने बच्चों को स्कूल भेजने के पक्ष में बिल्कुल भी नहीं है, कम से कम अगले 3 से 4 महीने तो बिल्कुल भी नहीं।
ऐसे में इस वर्ष का सिलेबस पूरा हो पाना नामुमकिन सा।है। आप आदेश देकर शिक्षण सत्र को वार्षिक की जगह द्विय वार्षिक कर दें जिसमें 2 वर्षों का सिलेबस सम्मिलित करके इकट्ठा एक बार में मार्च 2022 में परीक्षा ली जाए।
इससे बच्चे सुरक्षित भी रहेंगे और उनका साल भी बच जाएगा। 10वी और 12वी के बच्चों को अगर स्कूल बुलाना भी पड़ा तो इतनी सारी खाली क्लास होने के कारण उनका उपयोग कर सोशल डिस्टेसिंग का पालन भी अच्छे से हो पाएगा।
उम्मीद है कि आप अपने भांजे भांजियों के अभिभावकों को निराश नहीं करेंगे और उनका साल भी बचा लेंगे।
एक अभिभावक की तौर पर प्रदेश के आपके सभी भांजे भांजियों की तरफ से निवेदन स्वीकार करें, कि इस वर्ष शिक्षा माफिया के दबाव में नहीं आकर बच्चों के भविष्य के बारे में सोचें। ये।बच्चे ही मध्य प्रदेश का उज्ज्वल भविष्य हैं।
मध्यप्रदेश के समस्त अभिभावक