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How to make career in insurance sector in hindi

Education for job in insurance sector : If you are interested in making a career in the insurance sector, then you must have at least 12th pass. After having expertise in this sector, you can get salary in lakhs.


〈career in insurance sector〉 ⇔ :इंश्‍योरेंस इंडस्‍ट्री एक ऐसी इंडस्‍ट्री है जो पिछले कुछ सालों से लगातार तेजी से विस्‍तार कर रही है.  जिसके चलते एक्‍चुरियल प्रोफेशनल्‍स की डिमांड काफी बढ गई है.  अगर आप भी इंश्‍योरेंस सेक्‍टर में करियर बनाने का सोच रहे है तो यह समय काफी अच्‍छा है, खासकर कोरोना के बाद इंश्‍योरेंस के हेल्‍थ सेक्‍टर में बूस्‍ट आया है.  आज के समय लगभग हर परिस्थिति  से निपटने के लिए बीमा कंपनियों के पास पॉलिसी है.  जीवन बीमा, यात्रा बीमा, वाहन बीमा, स्‍वास्‍थ्‍य बीमा तथा गृह बीमा इनमें सबसे ज्‍यादा प्रचलित है.  जिंदगी के किसी  भी पडाव पर करियर की राह चुनना आसान नही होता है.  अगर आप चाहे तो कक्षा 12वीं पास करने के बाद इंश्‍योरेंस सेक्‍टर  में करियर बना सकते है.  लेकिन सुझाव यहीं रहेगा कि इनमें करियर बनाने से पहले आप इस क्षेत्र से जुडी सभी जरूरी जानकारी जुटा लें। साथ ही करियर की संभावनाऍं भी अच्‍छी तरह से समझ लें.  इस क्षेत्र में जाने के लिए आप 12वीं, ग्रेज्‍युशन के बाद भी जा सकते है.  लेकिन विषय का पूरा ज्ञान लेने के लिए एक्‍चुरियल साइंस से संबंधित कोर्सेस में स्‍नातक डिग्री के लिए मैथ्‍स या स्‍टैटिस्टिक्‍स में 55 प्रतिशत अंकों के साथ 12वीं पास होना आवश्‍यक है.जबकि पीजी डिप्‍लोमा, मास्‍टर्स डिग्री और सर्टिफ‍िकेट कोर्स के लिए मैथ्‍स-स्‍टैटिस्टिक्‍स, इकोनॉमिक्‍स से स्‍नातक जरूरी है.

इंश्‍योरेंस क्‍या है कार्य क्षेत्र में क्‍या होना चाहिये स्किल्‍स

इसके लिए मैथ्‍स और स्‍टैटिस्टिक्‍स  के मेथडस का इस्‍तेमाल करके इंश्‍योरेंस और फाइनेंस इंडस्‍ट्री में जोखिम का अनुमान लगाते है.  एक्‍चुरियल प्रोफेशनल्‍स यह हिसाब लगाते है कि किसी पॉलिसी होल्‍डर को प्रीमियम के तौर पर कितनी राशि का भुगतान करना होगा या किसी कंपनी को पेंशन या रिटर्न पर कितना खर्च करना होगा.  प्रोफेशनल का काम अचानक घटी घटना के आर्थिक प्रभाव का अंदाजा भी लगाना होता है.  आज इस क्षेत्र से जुडे प्रोफेशनल्‍स को इंश्‍योरेंस इंडस्‍ट्री का बैकबोन भी कहा जाने लगा है.  इस क्षेत्र में कार्य करने के लिए खुद को अपडेट रखना जरूरी है.  लोगों की परेशानी को समझने, नई तकनीक सीखने में हिचकिचाहट  न होने, कम्‍यूनिकेशन के साथ मैथ  और स्‍टैटिस्टिक्‍स  पर पकड  मजबूत रखने जैसे स्किल का होना जरूरी है.

इंश्‍योरेंस सेक्‍टर में जॉब के लिए अवसर

अपनी योग्‍यता के आधार पर आप एडमिनिस्‍ट्रेटिव ऑफ‍िसर  एंड असिस्‍टेंट डेवलपमेंट ऑफ‍िसर,  इंश्‍योरेंस एजेंट, इंश्‍योरेंस सर्वेयर, एक्‍चुरी मैनेजर, रिस्‍क मैनेजर जैसे पदों पर काम कर सकते है.  गर आपके पास एक्‍चुरियल साइंस की डिग्री है, तो आपके लिए इन दिनों नौकरियों के लिए कई रास्‍ते खुल गए है.  इंश्‍योरेंस, बैंकिंग, बीपीओ-केपीओ, आईटी सेक्‍टर, मल्‍टीनेशनल कंपनियों, फाइनेंशियल कंपनियों आदि में इनके लिए अच्‍छे मौके   होते है, दूसरी तरफ बीपीओ कंपनी में भी जोखिम के बारे में विश्‍लेषण करनके लिए बडे पैमाने पर एक्‍चुरियल प्रोफेशनल्‍स की हायरिंग होती है.  बीपीओ में काम करने के लिए एक्‍चुरी प्रोफेशनल्‍स की सैलरी भी आम बीपीओ एंप्‍लाइज की तुलना में दो से तीन गुना अधिक होती है.  दिन पर दिन इस क्षेत्र में लोगों की डिमांड बढ रही है.

फ्रेशर्स को 30 हजार तक सैलरी

भारत में संभावनाऍं इसलिए भी अधिक है, क्‍योंकि  वैश्विक ग्राहकों को कम संसाधन और न्‍यूनतम लागत में अच्‍छी सुविधाऍं मुहैया करा रहे हैं.  वहीं एक्‍चुरियल प्रोफेशनल्‍स की डिमांड की सरकारी और प्राइवेट इंश्‍योरेंस कंपनियों में ही नही, बल्कि टेरिफ एडवायजरी कमिटी, इंश्‍यारेंस रेग्‍युलेटरी एंड डवलपमेंट ऑथाेरिटी, सोशल सिक्‍योरिटी स्‍कीम, फाइनेंशियल एनालिसिस फर्म में भी है.  इस क्षेत्र में आप फ्रेशर्स को 20 से 30 हजार रूपए तक सैलरी आसानी से मिल सकती है.  वहीं अनुभव व समय के साथ किसी उच्‍च पद पर पहुंचने पर आप 1 लाख रूपए का मासिक वेतनमान भी ले सकते है.  यदि आपने किसी टॉप कॉलेज से एमबीए इन इश्‍योरेंस किया है, तो आप अपनी फर्स्‍ट जॉब में ही बेहतर वेतनमान की अपेक्षा कर सकते है.  अगर आप बीमा इंडस्‍ट्री में किसी अच्‍छी कंपनी में जॉब के अवसर ढूंढना चाहते है, तो आपको इंश्‍योरेंस रेगुलेटरी ऑथोरिटी यान इरडा द्वारा आयोजित होने वाली परीक्षा पास करना अनिवार्य है.

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