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सरकारी नौकरी क्यों जरूरी है?  ये तिलिस्मी चाभी है जो एक गरीब घर के बच्‍चे को इलीट क्लास तक पहुंचाती है….

“सरकारी नौकरी क्‍यों” जरूरी है?  ये तिलिस्मी चाभी है जो एक गरीब घर के बच्‍चे को इलीट क्लास तक पहुंचाती है….

-निजीकरण की तमाम बहस के बावजूद सरकारी नौकरी का मोह जाता नही, क्यूं?

-निजीकरण के पैरोकार भी अपने बच्‍चों को सरकारी नौकरी में जाने का ख्‍वाब क्‍यूं देखते है?

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“सरकारी नौकरी क्‍यों” जरूरी है? सरकारी नौकरी के लिए भारत में इतनी दीवानगी क्‍यूं है? क्‍या ये सिर्फ इतना है कि उसे जीवन भर का सुकून मिल जायेगा. नहीं, ये इतना भर नहीं है. ये सदियों से गरीब चाहे वह किसी भी समाज का रहा हो, उसे नए भारत में अपनी पहचान नए सिरे से बनाने का मौका देता है…सरकारी नौकरी को लेकर जो ललक है, उसकी वजह ये है कि सरकारी नौकरी एक तिलिस्मी चाभी है जो एक निम्नवर्गीय व्यक्ति को भी समाज के इलीट क्लास में पहुचने का रास्ता दिखाता है… या यूं कहे कि सदियों से जो दबे कुचले वंचित लोग, जिनके बाप एक अच्‍छा  जीवन तो छोडि़ये, साधारण जीवन जीने लायक सुविधाएं तक नहीं दे पाते है, सरकारी नौकरी उन लोगों की लाइफ स्‍टाइल और जीवन को बेहतर बनाने का मौका देती है…भारत में अब भी कई बड़े व्यवसायी, बड़े  किसान, प्रोपर्टी होल्डर है, जो अपने बेटे को बड़ी विरासत देते हुए कहते है कि बेटा डर मत तुम्हारा भविष्य सिक्योर है… लेकिन उससे भी ज्‍यादा या कहे नब्‍बे प्रतिशत लोगों जीवन की मूलभुत आवश्‍यकता तक अपने बच्‍चों को नहीं देते है. उन्‍होंने अपने जीवन एक साथ कभी हजार रूपया नहीं देखा होता है, सरकारी नौकरी सीधे उसे एक साल में लखपति बनने का गौरव देती है… ये आम आदमी ये जानता है, कि वह अपना अतीत और माता पिता तो नहीं बदल सकता, पर उसकी मेहनत और सरकारी नौकरी उसकी किस्मत बदल सकती है. इसलिए वो हाड़तोड़ मेहनत करता है… 

सरकारी नौकरी क्‍यों जरूरी है?-जिस दौर में युवा महंगी बाइक से घूम रहे होते है, वह बंद कमरों में किताबों में आँखें खराब कर रहा होता है

जिस युवा दौर में, उसके साथी, महंगी बाइक कार में सड़क के चौराहों रेस्टोरेंट में लड़कियों को घुमा रहे होते है, वो  छोटे शहर में 600Rs से 1000Rs के कमरे में रात 2 बजे तक अपनी आँखें खराब कर रहा होता है, मैकडोनाल्ड डोमिनोज़ कौन कहे, सड़क के ढाबे पर खाने के पहले भी दो बार सोचता है कि उसके पिता कैसे ये सब खर्च मैनेज कर रहे होंगे. वो जिंदगी का सबसे बड़ा दाव खेलता है, जो बड़े बड़े दिग्गजों के बस की नही होती. 18 साल से 30 साल की गोल्डन age बन्द कमरों की किताबों पर कुर्बान कर देता है. बिना यह सोचे कि जॉब नही मिली तो वो क्या करेगा. एक अच्‍छी जिंदगी पाने के लिए जीवन के 18 20 साल सिर्फ एक उम्मीद पर झोंक देना मज़ाक नही होता…

सरकारी नौकरी क्‍यों जरूरी है?-लाखों की संख्‍या में फार्म, घपले, रिश्वत, कोर्ट से होते हुए वह लड़ता है सरकारी नौकरी के लिये

ऐसा भी नही होता कि जो गरीब घर के बच्‍चे सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं,  सब सफल हो जाते हो. मुश्किल से दहाई और सैकड़ो की संख्या में सीट होती है, और लाखों की संख्या में फॉर्म होते है. सरकारी नौकरी में घपले, रिश्वत, कोर्ट का रिस्क होता है, फिर भी वो लड़ता है, सिर्फ एक उम्मीद पर, की जॉब मिल जाएगी और लाइफ संवार जाएगी. इसलिए सरकारी नौकरी वालो को दी जाने वाली सैलरी उनके 15 से 20 साल के तप का फल होता है, ऐसे नहीं मिल जाती है सरकारी नौकरी…

वो दोस्‍त जो नजरें चुराकर निकलते थे, वह ही गर्व से बतो है मेरा दोस्‍त आईएएस, पीसीएस बन गया है

सरकारी नौकरी गरीब घर के बच्‍चों को  इलीट क्लास में घुसने का रास्ता देता है, क्योंकि जॉब मिलते ही, वो दोस्त जो नजरें चुरा कर निकल जाते थे, वो गर्व से बताते है कि मेरा दोस्त आईएएस- पीसीएस बन गया. कोई काम होगा तो मैं आसानी से करवा दूंगा…

 जिन्होंने कभी आपके बाप से भी तू कह कर बात की हो, वो आप कहने लगते है, ये होती है सरकारी नौकरी

एक सरकारी नौकरी समाज के उन लोगों को भी उजागर करती है, जो कभी आपके माता पिता से तू कहकर बात करते है, वो अचाकन से आप कहने लगते है…जिन घरों की दहलीज पर घुस नही सकते थे, वहाँ से शादी के रिश्ते आने लगते है. जिन घरों में खाने को ठीक से अनाज नही होता था, वो भी एयरपोर्ट पर 135/- की चाय पिते है. साहब,अमीरों को फर्क नही पड़ता, उनकी लाइफ को बेहतर बनाने के 100 रास्ते वो खुद बना सकते है, या सरकार या जुगाड़ बना कर उनको दे देती है. पर गरीब का क्या वो तो ले देकर सरकारी नौकरी को ही अपनी सबसे बड़ी सीढी समझता है,,

निजीकरण अच्छा हो सकता है, पर क्या वो गरीब को ये सम्मान दे पाएगा,,

क्या निजीकरण के बाद एक गरीब का बच्चा महंगे कॉलेज से mbbs md इंजीनियर अफसर बन पाएगा. क्‍या वह उस समाज से लड़ पायेगा, जिस समाज ने उसे गरीब होन की सजा दी है… अगर नहीं, तो सरकारी संस्‍थानों के निजीकरण को रोकने के लिए बुलंद तरीके से आवाज उठाईये… इसलिए नहीं, क्योंकि आप गरीब है. इसलिए भी क्योंकि आप मिडिल क्लास है, और ये निजीकरण एक ऐसे व्यवस्था बनाता है, जिसमें अमीर और ताकतवर होते जाते है, और बाकी कमजोर..भरोसा न हो तो प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की फीस पता कर लीजियेगा, और अपनी जेब टटोलकर देखिएगा की बच्चे को एडमिशन दिला पाएंगे क्या??? जवाब अपने आप मिल जाएगा कि “सरकारी नौकरी क्‍यों” जरूरी है… इसलिए सरकारी संस्‍थान बचाना जरूरी है…

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