online desk bhopal,
मध्यप्रदेश में घोषित तौर पर 31 लाख से अधिक बेरोजगार है.जो मप्र के रोजगार कार्यालय में पंजीकृत है. ये अघोषित संख्या है, जबकि इससे कम से कम 3 से 4 गुना अधिक लोग बेरोजगार है. प्रदेश में बेरोजगारों की संख्या निरंतर बढ़ रही है. प्रदेश की शिवराज सरकार बेरोजगारों की कोई सुध नहीं ले रही है. जबकि प्रदेश का युवा हर माध्यम से नौकरी की मांग कर रहा है. चुनाव के समय रोजगार देने की बहुत घोषणाएं हो जाती है, लेकिन जब चुनाव खत्म होते है, तब बजट का रोना रोया जाता है. जबकि प्रदेश सरकार विधायक और मंत्रियों के राजशाही खर्चे को वहन करती है. हैरत की बात तो यह है कि प्रदेश में पिछले 15 साल से भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, बाद भी बेरोजगारी कम होने के बजाय बढती जा रही है. ऐसे में सोशल मीडिया पर वायरल एक नए आदेश ने प्रदेश के करोड़ों युवाओं को टेंशन दे दिया है. जिसमें कहा गया है कि जिसके दसवीं और बारहवीं की परीक्षा में अच्छे अंक आये है, उनको सीधे नियुक्ति दी जायेगी. इस तरह मप्र में अंकों के आधार पर मिलेगी सरकारी नौकरी. सरकारी नौकरी के लिए अभ्यर्थियों को कोई परीक्षा नहीं देना होगा. सोशल मीडिया पर सामान्य प्रशासन विभाग का एक आदेश शेयर हो रहा है, जिसमें दावा किया गया है कि मुख्यमंत्री की घोषणा पर अमल करने की बात कहीं गई है. आदेश के मुताबिक मुख्यमंत्री की घोषणा सी 0210 के अनुसार चिन्हित शासकीय सेवाओं के चयन के लिए परीक्षा व्यवस्था समाप्त की जायेगी. कक्षा दसवीं एवं बारहवीं में प्राप्त अंकों की मैरिट के आधार पर शासकीय सेवाओं में चयन की व्यवस्था की जायेगी. सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा मुख्यमंत्री की घोषणा का क्रियान्वयन करने के लिए विभागों से जानकारी मांगी गई है. विभागों से पूछा गया है कि ऐसे कितने पद है, जिसमें विहित शैक्षणिक योग्यता कक्षा दसवीं और बारहवीं है. ऐसे पदों को चिन्हांकित करते हुए, भर्ती प्रक्रिया का लेख करते हुए जानकारी 11 अगस्त तक सामान्य प्रशासन विभाग तक भेजना आवश्यक किया गया है.
अंकों के आधार पर मिलेगी सरकारी नौकरी तो यह पद आयेंगे दायरे में-
क्लर्क कैटेगरी में सहायक ग्रेड-3, कार्यालय सहायक, प्यून, डाटा एंट्री ऑपरेटर, असिस्टेंट ऑडिटर की नियुक्ती सीधे मैरिट के आधार पर हो सकती है. क्लास 3 के पदों पर भर्ती के लिए सीपीसीटी यानी कंप्यूटर दक्षता परीक्षा पास होना भी जरूरी है.
अंकों के आधार पर मिलेगी सरकारी नौकरी के आदेश के विरोध में मप्र के छात्र –
10 वीं और 12 वीं के मार्क्स के आधार पर सीधे सरकारी नौकरी देने का विरोध भी शुरू हो गया है. मप्र के छात्र इसके विरोध में है. कुछ छात्रों का कहना है कि सरकार नौकरी देना ही नहीं चाहती है, इसके लिए इस तरह के आदेश लाये जा रहे हैं. मप्र में पीईबी के द्वारा क्लास 3 और क्लास 4 के लिए परीक्षा आयोजित कराई जाती है. जिसमें मप्र के लाखों बच्चे परीक्षा देते है. सरकारी नौकरी पाने के लिए इस नौकरी पर निर्भर रहते है. ऐसे में मप्र की सरकार अगर मैरिट आधार पर नियुक्ती देती है, तो लाखों युवा बेरोजगार रह जायेंगे…
अंकों के आधार पर मिलेगी सरकारी नौकरी के आदेश पर कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतु पटवारी का शिवराज पर तंज…
मध्यप्रदेश के कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतु पटवारी ने इस आदेश को शेयर करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मप्र को बेरोजगार प्रदेश बना रहे हैं. पटवारी ने शिवराज सिंह चौहान से पूछा है कि प्रदेश में पहले ही ग्रेज्युट लाखों की संख्या में बेरोजगार है. अब दसवीं और बारहवीं के जरिये भी युवाओं को नौकरी नहीं मिलने जा रही है. ऐसे में प्रदेश के युवा भाजपा की सरकार को सबक सिखाने का मन बना चुके है…
और भी पढे…
2.बेरोजगारी के इस भयानक दौर में Dr. Manmohan Singh को बड़ी बेसब्री से याद कर रहा है देश का युवा…
3.बेरोजगारी की समस्या कारण और निवारण ।। बेरोजगारी की समस्या पर निबंध हिंदी
4.नए भारत में 63 प्रतिशत ग्रेजुएटस बेरोजगार है, कहां गया 2 करोड़़ नौकरी देने का वादा?
जॉब्स की लेटेस्ट इंर्फोमेशन के लिए सोशल मीडिया पर फॉलो करे-
Fb page से जुड़े | Click here |
टेलीग्राम पर जुड़े | Click here |
ट्विटर पर फॉलो करे | Click here |
LinkedIn पर कनेक्शन बनाएं | Click here |