प्रोफेसर और नॉन टीचिंग के 3500 पदों को प्रति वर्ष 5 फीसदी भरेंगे, अतिथि विद्वान को भी देंगे मौका: उच्च शिक्षा मंत्री
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मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने पत्रिका अखबार को दिये साक्षात्कार में कहा है कि वर्तमान में प्रोफेसर और नॉन टीचिंग स्टॉफ के 3500 पद रिक्त पडे़े हुए है. इन पदों को राज्य लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) के द्वारा भरा जायेगा. प्रति वर्ष पांच फीसदी पद भरने की योजना तैयार की गई है. वहीं अतिथि विद्वान को भी कुछ अंक देकर मौका देने जा रहे है.
एमपीपीएससी के द्वारा भरे जाने वाले पदों में अतिथि विद्वान को अतिरिक्त अंक दिये जायेंगे. डॉ मोहन यादव ने कहा कि कोरोना काल के बाद रोड़मैप तैयार किया गया है. 200 कॉलेजों को सर्वसुविधायुक्त बनाया जाना है. 200 कॉलेजों में सुविधाएं बढ़ती है, तो नब्बे प्रतिशत छात्र कवर हो जायेंगे. अभी 518 कॉलेज है, वहीं कुछ कॉलेज ऐसे भी है जहां तीस साल बाद भी 35 बच्चे ही है. इसको देखते हुए कॉलेजों में बच्चों की घटती संख्या की समीक्षा की जा रही है.
उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि अभी सेमेस्टर प्रणाली पूरी तरह से से सफल रही है, और ना ही वार्षिक परीक्षा का सिस्टम. कोरोना काल में ओपन बुक प्रणाली से परीक्षा कराई गई थी. यह भी एक पद्धति है. यादव के अनुसार परीक्षा प्रणाली पर पुनर्विचार की जरूरत है. इसके लिए एक परीक्षा रिफार्म कमेटी बना दी गई है. नई शिक्षा नीति के अंतर्गत विश्वविदयालय समाप्त हो जायेंगे. कॉलेज ही विश्व विदयालय की तरह होंगे. ऐसा होता है, तो यह बहुत ही क्रांतिकारी बदलाव होगा. इसलिए जरूरी है कि वहीं विवि हो जो रोजगार दे सके.
कॉलेज शिक्षा, परीक्षा, डिग्री और रोजगार खुद स्वतंत्र तरीके से दे सके,तभी शिक्षा सफल हो पायेगी. डॉ. यादव ने कहा कि हम क्यों खेती करना नहीं पढ़ा रहे है, क्या एक ही विवि के भरोसे कृषि शिक्षा रहेगी. खेती की पढ़ाई हर कॉलेज में हो या इसके लिए अतिरिक्त कॉलेज खोले, इस दिशा में काम कर रहे है.
इसी तरह ऐसे कॉलेजों के निर्माण पर काम कर रहे हो, जहां से बच्चे पढ़कर नौकरी के अलावा स्वरोजगार की और भी सोचे. प्रदेश में वेटनरी कॉलेज बहुत कम है. इसमें बहुत स्कोप है. राज्य सरकार अतिरिक्त वेटनरी कॉलेज खोल सकती है.