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करोनो महामारी में भोपाल एम्‍स के नर्सिंग स्‍टॉफ को नौकरी से निकालने का अल्‍टीमेटम

करोनो महामारी में भोपाल एम्‍स के नर्सिंग स्‍टॉफ को नौकरी से निकालने का अल्‍टीमेटम

एनएसयूआई दी उग्र प्रदर्शन की चेतावनी, नर्सिग स्‍टॉफ की लडाई लड रहा एनएसयूआई

भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कोरोना काल में किसी को भी नौकरी से नहीं निकालने की सलाह दी थी। खासतौर पर निजी सेक्‍टर को।

लेकिन प्रधानमंत्री के आदेश को सरकारी क्षेत्र में नहीं माना जा रहा है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है।

भोपाल एम्‍स में कार्यरत 102  102 आउटसोर्सिंग नर्सिंग ऑफिसर ( कोरोना योध्दाओ ) को 23 अगस्‍त तक का अल्‍टीमेटल दिया है।

इसके बाद उनकी सेवाएं समाप्‍त मानी जायेगी। ऐसे में सवाल उठता है कि इस दौर में जब नौकरियां वैसे भी कम है, ये लोग कहां जायेंगे।

ये अपने परिवार का भरण पोषण कैसे करेंगे। क्‍या सरकार को इस तरह के कदम को रोकने का प्रयास नहीं करना चाहिये।

 

भोपाल एम्‍स के नर्सिंग स्‍टॉफ को नौकरी पर रखने का नहीं मिला आश्‍वासन

 

एनएसयूआई मेडिकल विंग के प्रदेश समन्वयक रवि परमार ने कहा कि इस संबंध में कई बार एम्स भोपाल के डायरेक्टर और केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री को जानकारी दी है।

टिविट कर निवेदन किया है कि इन लोगों को नौकरी से नहीं निकाला जाये। हांलाकि इस पर उनका कोई बायान नहीं आया है।

 

भोपाल एम्‍स के नर्सिंग स्‍टॉफ पर माफी मांगने का दबाव

 

रवि परमार ने बताया कि एम्स के डायरेक्टर सरमन सिंह द्वारा 102 करोनो वारियर को नौकरी से निकालने का दबाव बनाया जा रहा है।

केंद्रीय मंत्री को टिविट करने के बाद कर्मचारियों को माफीनामा देने को कहा गया।

हालांकि अभी किसी भी आउटसोर्सिंग नर्सिंग ऑफिसर नहीं माफीनामा लिखकर नहीं दिया है।

 

ईशा प्रोटेक्शनल ने कहा ढूंढ लो नई नौकरी

 

जानकारी के अनुसार कई आउटसोर्सिंग नर्सिंग आफिसर 7 साल से ओर कई 3 साल से कार्य कर रहे हैं।

लेकिन ईशा प्रोटेक्शनल सिक्योरिटी गार्ड प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने 102 नर्सिंग ऑफिसर को  23 अगस्त के बाद नौकरी पर ना आने नोटिस दिया है।

उसके बाद जब स्‍टॉफ ने इसका विरोध किया तो कंपनी माफी मांगने को कह रही है। कंपनी का कहना है कि माफी मागेंगे तो वह डायरेक्‍टर से बात करेंगे।

 

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