जनरल प्रमोशन देने की मांग पर अड़े डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी के छात्र…
ON LINE DESK, BHOPAL
डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी (AKTU) के हजारों छात्र परीक्षा नहीं कराने की मांग को लेकर अपनी आवाज सोशल मीडिया पर उठा रहे है.उनका कहना है कि 50 फीसदी से अधिक सिलेबस पूरा नहीं हुआ है. ऐसे में वह पूरा सिलेबस कैसे कवर कर सकते है? जबकि अगले माह जुलाई में राज्य सरकार ने परीक्षा कराने का फैसला ले लिया है, तो छात्र परीक्षा कैसे पास कर सकेंगे. छात्रों का कहना है कि ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न पहली बार पूछे जा रहे है, उसके लिए कोई सैंपल पेपर बनाए गए है, तो वह कहां देख सकते है?. परीक्षा का क्या पैटर्न होगा? वहीं कुछ बच्चों के माता पिता भी सोशल मीडिया पर ही पूछ रहे है कि कोई छात्र बीटेक फर्स्ट इयर में है, FIRST सेम के पेपर नहीं हुए है, जबकि सेंकड सेम चल रहा है, तो तकनीकी शिक्षा विभाग को क्लीयर करना चाहिये कि फर्स्ट ईयर का छात्र किस सेम में के लिए अपीयर माना जायेगा.इसी तरह कुछ छात्रों का कहना है कि उनके कॉलेज में ऑन लाइन क्लासेस नहीं हुई है, और न ही कोई वर्कशॉप, तो वह बिना नॉलेज के कैसे एग्जाम में भाग ले पायेंगे? छात्रों का कहना है कि परीक्षा कराए जाने के बजाय जनरल प्रमोशन दिया जाना चाहिये. ज्ञात हो कि जुलाई माह में तकनीकी विषयों के छात्रों की परीक्षा ऑन लाइन (AKTU ONLINE EXAM) कराए जाने का प्रोग्राम बना है. प्रोग्राम (PROGRAM) यूनिवर्सिटी को भी भेजा गया है. अधिकांश छात्रों का कहना है कि उनके कॉलेज के द्वारा सिलेबस पूरा पढ़ाया ही नहीं गया, तो वह परीक्षा क्यूं दे…उत्तर प्रदेश के तकनीकी शिक्षा विभाग के सचिव आलोक कुमार के TWITTER HANDLE पर छात्रों के कमेंटस की बाढ़ आ गई है. आलोक कुमार ने टिविट कर बताया है कि तकनीकी शिक्षा के अंतर्गत फोर्थ इयर के एग्जाम को होल्ड किया है. फाइनल इयर के एग्जाम जुलाई के अंतिम सप्ताह में आयोजित कराये जायेंगे. यह परीक्षा ऑन लाइन (ONLINE EXAM) होगी और ऑब्जेक्टिव टाइप (OBJECTIVE TYPE QUESTIONS) प्रश्न पूछे जायेंगे. ऑन लाइन एग्जाम कराने के निर्णय को छात्र तुगलकी फैसला मान रहे है. उनका कहना है कि जब नॉन टेक्निकल को प्रमोट किया जा सकता है, तो तकनीकी छात्राें के एग्जाम क्यूं कराये जा रहे है.छात्रों का कहना है कि वह न तो ऑफ लाइन एग्जाम में सेफ है, और न ही ऑन लाइन एग्जाम में… छात्रों की समस्या ये है कि सब जगह कनेक्टिविटि एक समान नहीं है. एग्माम को सबमिट नहीं कर पाए तो वह फेल हो जायेंगे. छात्रों का कहना है कि उनकी सुनने वाला कोई नहीं है. उनकी परेशानी से किसी को कोई मतलब नहीं दिखता है. जब तकनीकी शिक्षा विभाग परीक्षा ऑन लाइन कराने का मन बना चूका है, तब छात्र कह रहे है कि उनके पास लैपटॉप या पीसी नहीं है. बेहतर क्वालिटि का मोबाइल भी नहीं है, क्या सरकार उनको ये सुविधा उपलब्ध करा सकती है? वहीं कुछ छात्र ऑन लाइन एग्जाम के निर्णय से प्रसन्न है, उनका कहना है कि जल्द से जल्द परीक्षा की गाइड लाइन प्रोवाइड करा देना चाहिये, साथ ही कॉलेज प्रबंधन को निर्देशित किया जाना चाहिये कि वह अपने यहां डेमो सेशंस और मॉक टेस्ट (MOCK TEST) आयोजित कराये. जिससे छात्रों को परीक्षा देने में कोई परेशानी नहीं आये….