सीधी बस हादसा- नौकरी तो दे नहीं सकते, कम से कम घर के पास सेंटर दे दो …
ONLINE DESK, BHOPAL
रेलवे की एनटीपीसी और नर्सिंग के एग्जाम युवाओं की जान पर भारी पड़ गये. देश में बेरोज़गारी की ये हालत है कि एक अदद सरकारी नौकरी के लिये युवा अपनी जान हथेली पर लेकर एग्जाम देने को जाने के लिये तैयार है. खैर इसकी चिंता ना तो परीक्षा लेने वाली एजेंसी को है, और ना ही सरकार को. मध्यप्रदेश के सीधी बस हादसे (seedhi bus accident) में 48 लोगों के शव मिल चुके है. इनमें से अधिकतर युवा थे, जो कहीं ना कहीं परीक्षा देने जा रहे थे. उन घरों में मातम पसरा हुआ है. क्या केंद्र सरकार और राज्य सरकार उनके गृह जिले में परीक्षा देने का मौका नहीं दे सकती थी? लंबे समय से युवा चाहते है कि उनको अपने जिले में परीक्षा केंद्र बनाकर परीक्षा देने का अवसर दिया जाये. लेकिन सरकारें कभी युवाओं लिये सोचती कहां है. सबसे गंभीर बात तो यह है कि सरकार युवाओं को नाैकरी तो दे नहीं पाती है, लेकिन कम से कम उनके जिले में परीक्षा केंद्र तो उपलब्ध करा सकती है. रेलवे की परीक्षा दे रहे युवाओं को पता होगा कि अधिकांश युवाओं उनके गृह जिले से दूर दूसरी जिले में परीक्षा केंद्र आवंटित किया गया था.
जबकि ट्रेन चल नहीं रही है. ऐसे में युवाओं के पास बस से ही जाने का साधन है. एक नौकरी के लिए अपने परिवार को छोड़ दूसरी जिले जाने वाला युवा वापस आयेगा कि नहीं , ये उस परिवार को भी नहीं पता. सोच सकते है कि जिन परिवारों के बच्चे और लोग चले गये है, उनके बाद उन परिवारों का अब क्या होगा. माता पिता ने कितने कष्ट सहकर अपने बच्चों को पढ़ाया होगा, कि वह एक दिन उनके परिवार का नाम रोशन करेगा. उनके परिवार की गरीबी को दूर कर देगा. इन गरीब परिवार के बच्चे जो आभाव में पढ़े है, उनकी जिंदगी का एकमात्र लक्ष्य होता है, सरकारी नौकरी प्राप्त करना. सीधी बस हादसे के पहले किसने सोचा होगा कि ये लोग कहीं दूर अनंत यात्रा पर जा रहे है, जहां से कोई वापस नहीं आता है. मध्यप्रदेश की सरकार को परिवहन विभाग से कमाई का मोह छोड़कर सुधार करना चाहिये….
सीधी बस हादसा (seedhi bus accident) से सबक लेते हुए प्रत्येक जिले में बने परीक्षा केंद्र-
मध्यप्रदेश के युवाओं की इस मांग का समर्थन भास्करजॉब्स भी करता है, जिसमें कहा गया है कि प्रत्येक जिले में समस्त प्रतियोगी परीक्षाओं के परीक्षा केंद्र बनाए जाये. जिससे सीधी बस हादसे जैसी घटना में किसी घर का दीपक नहीं बुझ जाये. प्रदेश का हर युवा इस मांग को सरकार के सामने रख रहा है, अब देखना है सरकार क्या करती है.
मृतक के परिवार को पांच लाख
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीधी बस हादसे (seedhi bus accident) में मृतक लोगों के परिवार को पांच लाख रूपये देने की घोषणा की है. इस राशि से परिजनों का दुख तो कम नहीं होगा, लेकिन दुख से बाहर निकलने में आसानी तो होगी. वैसे कोई भी मुआवजा जान से बढ़कर नहीं हो सकता है. इस दुखद हादसे में केंद्र सरकार को भी 5 लाख रूपये देना चाहिये.
परिवहन मंत्री के ठहाकों पर विपक्ष बौखलाया
मप्र के परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने अपने सहयोगी मंत्री के यहां सहभाेज में शामिल हुए और यहां उनके ठकाके लगाने की पिक्चर क्लिक हुई. जिस पर कांग्रेस के नेताओं ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है. गोविंद सिंह राजपूत पूर्व कांग्रेसी नेता और वर्तमान मे भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया कोटे से मंत्री बने है और उनको मनचाहा विभाग भी मिला है. परिवहन मंत्री को भी घटना स्थल पर जाना चाहिये था और परिवहन व्यवस्था की समीक्षा करना चाहिये था. लेकिन भेज दिया उपायुक्त को…