dedicated freight corridor-नरेन्द्र मोदी का चीन को करारा जवाब
चीन की कंपनी का 471 करोड़ का ठेका निरस्त
-गलवान घाटी की घटना के बाद भारत का एक्शन
भोपाल। चीन के द्वारा गलवान घाटी में भारत के एक ऑफिसर और 20 जवान को धोखे से मारने के कारण शहीद हुये परिवारों के साथ पूरा भारत गमगीन है। शहीदों की चिताओं को मुखागनि देने के बाद भारत सरकार एक्शन मोड में आ गई।
भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चीन को करारा जवाब देते हुये mtnl और bsnl को अपने चाइनीज उपकरण पर से निर्भरता कम करने और नए टेेंडर करने के निर्देश दिये है।
इसके बाद भारतीय रेलवे ने 471 करोड़ का ठेका निरस्त कर दिया है। यह ठेका वर्ष 2016 में बीजिंग नेशनल रेलवे रिसर्च एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट ऑफ सिग्नल एंड कम्युनिकेशन ग्रुप को दिया गया था।
ठेका निररस्त करने की जानकारी भारतीय रेलवे के चेयरमेन वीके यादव ने दी है। सीआरबी यादव ने बताया कि ठेका पूरा करने की अवधि तीन साल की थी। अगस्त 2019 तक इस ठेके को पूरा हो जाना चाहिये था, लेकिन इसमें केवल 20 प्रतिशत काम ही किया गया।
इसलिये भारत के समर्पित माल गलियारे निगम ने अनुबंध को समाप्त करने का निर्णय लिया। जानकारी के मुताबिक कानपुर में सिग्नलिंग और दूरसंचार का कार्य किया जा रहा था। 471 करोड़ रुपये की योजना विश्वबैंक द्वारा पोषित है।
रेलवे के ऑफिसरों के मुताबिक चीनी कंपनी द्वारा इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग के लॉजिक डिज़ाइन जैसे तकनीकी दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए कंपनी की अनिच्छा देखी गई। साइट पर उनके इंजीनियरों / अधिकृत कर्मियों की कमी प्रोजेक्ट को पूरा करने में बाधा बनी हुई थी।
बताया जाता है कि चीनी कपनी भौतिक कार्य में कोई खास प्रगति प्रगति नहीं कर पाई। क्योंकि उनका स्थानीय एजेंसियों के साथ कोई संबंध नहीं है।
सामग्री की खरीद, जो एक स्वतंत्र गतिविधि है, इसे ईमानदारी से नहीं किया गया है। हर संभावित लेवल पर उनसे बार-बार मिलने के बावजूद प्रगति नहीं होती देखी गई।
खराब प्रगति के मद्देनजर, इस अनुबंध को समाप्त करने के लिए dedicated freight corridor कार्पोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा निर्णय लिया गया है।