लॉक डाउन में 28 बेरोजगारों ने की खुदकुशी, क्या सरकार ये सरकार के लिए शर्म की बात नहीं
रोजगार सेतु योजना कागजों पर ही सफल हुई
भोपाल। मध्यप्रदेश के भिंड जिले से बहुत ही बूरी खबर आई है। यहां कोरोना वायरस के कारण लगे लॉक डाउन में 28 बेरोजगारों ने और कारोबािरियों ने खुदकुशी की है।
खुदकुशी करने वालों को या तो नौकरी नहीं मिल रही थी, या उनका व्यापार चौपट हो गया था। हालांकि इस बात को लेकर राज्य सरकार बिल्कुल चिंतित नहीं दिख रही है।
हैरत की बात तो यह है कि राज्य सरकार ने बेरोजगारों और प्रवासी मजूदूरों के लिए कई योजनाएं चलाने का दावा किया, लेकिन वह योजनाएं धरातल पर नहीं उतर सकी।
इसके अलावा युवाओं को रोजगार के संबंध में केंद्र और राज्य सरकार से उम्मीद के अनुरूप सहयोग नहीं मिल पाया है। इस वजह से युवाओं ने खुदकुशी का रास्ता अपनाया।
इस मामले में मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार पूरी तरह से विफल हुई है।
इधर कांग्रेस के मीडिया विभाग उपाध्यक्ष भूपेन्द्र गुप्ता ने भी मप्र की शिवराज सरकार पर गंभीर आरोप लगाए है।
हैडलाइन के लिए योजनाएं
भूपेन्द्र गुप्ता के अनुसार सरकार समाचार पत्रों और चैनलों में दिन रात रोजगार को लेकर बात करती है। लेकिन वह योजनाएं केवल हैडलाइन के लिए बनाती है।
गुप्ता ने बताया कि बडे उद्वोगों में मात्र 69, मध्यम श्रेणी उधोगों में मात्र छह सौ लोगों को रोजगार मिल पाया है।
जबकि ठेकेदारों के मजदूरों के रूप में 2700 लोग ही काम प्राप्त कर पाए है।
खोखले दावे और उम्मीदें जगाने के कागजी विज्ञापन, अवसाद और हीन भावना का वातावरण बना रहे हैं जिससे लोग आत्महत्या का रास्ता चुन रहे हैं ।
दस प्रतिशत भी रोजगार नहीं दे पाया रोजगार सेतु
भूपेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया की कुल 7लाख 30हजार 331 पंजीकृत मजदूरों में से मध्य प्रदेश सरकार का रोजगार सेतु कुल 35हजार.932 मजदूरों को रोजगार दे पाया है।
पंजीयन की तुलना में दस प्रतिशत भी नहीं। जो रोजगार मिला है, वह भी मनरेगा और ग्राम पंचायत के कार्यों में।
जिसमें मुश्किल से प्रति व्यक्ति 25 दिन का कार्य ही प्राप्त हुआ है । सरकार लाखों को रोजगाद देने का दावा कर रही है।
आंकडे सार्वजनिक करे
भूपेंद्र गुप्ता ने सरकार से मांग की कि भिंड की तरह समूचे मध्यप्रदेश के स्तर पर आत्महत्याओं के कारणों के आंकड़े सार्वजनिक किए जाएं ।
सरकार के पास कागजी योजनाओं के अलावा रोजगार देने के कौन से ठोस विकल्प हैं, इसकी जानकारी सार्वजनिक की जाए।
ऐसी समितियों में जो रोजगार का प्रबंधन करें।
उसमें प्रोफेशनल एवं विपक्षी दलों के नेताओं को शामिल किया जाए। ताकि अफसरशाही के ऊपर नकेल कसी जा सके।
भास्करजॉब्स की अपील
भास्करजॉब्स सभी युवाओं से अपील करता है कि कोराेना वायरस के कारण बूरे हाल में किसी का साथ नहीं छोडे।
आपके पीछे आपका परिवार, दोस्त, रिश्तेदार है। वह आपको बहुत प्यार करते है। समय ठीक होगा। तब तक के लिए धैर्य रखे।
संभव है कि आने वाला समय पूराने समय से भी बेहतर हो। इसलिए उम्मीद रखे।