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नए भारत में 63 प्रतिशत ग्रेजुएटस बेरोजगार है, कहां गया 2 करोड़़ नौकरी देने का वादा?

नए भारत में 63 प्रतिशत ग्रेजुएटस बेरोजगार है, कहां गया 2 करोड नौकरी देने का वादा?

PM NARENDRA MODI के जन्‍मदिवस पर  ट्विटर पर ट्रेंड हुआ #NationalUnemploymentDay एवं #राष्ट्रीय_बेरोजगार_दिवस

भोपाल। नरेन्‍द्र मोदी शायद दुनियां के पहले ऐसे प्रधानमंत्री होंगे, जिनका जन्‍मदिवस राष्‍ट्रीय बेरोजगार दिवस के रूप में मनाया जा रहा है।

इससे पहले किसी भी प्रधानमंत्री के जन्‍मदिवस को इस तरह नहीं मनाया गया है।

ऐसा होने की वजह भी है। नौकरी नहीं मिलने के कारण देश का युवा गुस्‍से में है। वह लगतार नौकरी की मांग कर रहा है।

लेकिन उसकी मांग को अनसुना किया जा रहा है। मीडिया लगभग नतमस्‍तक हो चुका है।

वह ना तो दंगल में बेरोजगारी पर सवाल करता है, और ना ही पूछता है भारत में।

ऐसे उन छात्रों पर क्‍या गुजरती होगी, जिनके सवाल पूछे ही नहीं जा रहे है।

भारत का मीडिया  सरकार के लिए कवर फायर का काम कर रहा है।

जब भी कडे़ सवाल पूछे जाने का समय आता है, तभी उसे डायवर्ट कर दिया जाता है।

तीन महिने से सुशांत सिंह की आत्‍महत्‍या को लेकर टीवी डिबेट चल रही है, लेकिन भिंड में 28 सुशांत बेरोजगारी और नौकरी से आत्‍महत्‍या करते है, उनके लिए कोई सवाल नहीं है।

इसलिए लोग अब राष्‍ट्रीय मीडिया के बजाय सोशल मीडिया को अपनी आवाज बना रहे है।

17 सितंबर को PM NARENDRA MODI के जन्‍मदिवस पर  ट्विटर पर #NationalUnemploymentDay एवं #राष्ट्रीय_बेरोजगार_दिवस ट्रेंड कर रहा है।

 

तीस लाख से ज्‍यादा बेरोजगार ने  ट्वीट्स कर जताया विरोध

 

आपको जानकर हैरानी होगी कि इस हैशटैग पर तीस लाख से ज्‍यादा लोग ट्वीट्स कर अपना विरोध जता रहे है।

हालांकि भारतीय जनता पार्टी के आईटी सेल के पेड यूजर्स भी मोदी जन्‍मदिवस को ट्रेंड करा रहे है।

भारत के छात्र प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी से पूछ रहे है कि नए भारत में 63 प्रतिशत ग्रेजुएटस बेरोजगार है, कहां गया आपका 2 करोड नौकरी देने का वादा?

 

बेरोजगार छात्र और छात्राओं द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन के पूरे चरणों पर एक नजर

 

30 अगस्‍त को प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने मन की बात की। 1 सितंबर को यूटयूब पर अपलोड किया गया।

जिसे केवल 81 हजार लोगों ने लाइक किया और पांच लाख से अधिक लोगों ने डिसलाइक किया।

लोगों ने कहा भाषण नहीं, रोजगार चाहिये। ये डिसलाइक चर्चा में आ गया। इसके बाद यूटयूब में कमेंटस का ऑप्‍शन हटा दिया। 

 

बेरोजगारों की मांग पर एसएससी को मजबूरी में जारी करना पडी रिजल्‍ट की डेट

 

1 सितंबर को देशभर के छात्रों ने एसएससी, रेलवे और अन्‍य परीक्षाओं के लिए ट्विटर पर बवाल मचा दिया।

 #SpeakUpForSSCRailwayStudents के नाम से ये हैशटैग ट्विटर ट्रेंड हो गया।

ये इतना अधिक ट्वीट हुआ कि टॉप ट्रेंड में तीसरे स्‍थान पर आ गया।

इसका असर ये हुआ कि एसएससी ने जूनियरा इंजीनियर का रिजल्‍ट 21 सितंबर, सीजीएल 2018 का रिजल्‍ट 4 अक्‍टुबर, एमटीएस 2019 का रिजल्‍ट 31 अक्‍टुबर जारी करने की घोषणा की है। ये तारीखें भी संभावित ही है। 

 

5बजे5मिनट पर बजाई थाली और ताली

 

इसके बाद 5 सितंबर को देशभर के लाखों छात्रों ने  #5bje5minute ट्रेंड कराया।

सभी छात्रों ने घरों में शाम पांच बजे पांच मिनट के लिए ताली और थाली बजाई।

इस ताली और थाली से सरकार कांप गई और दो साल से अटकी आरआरबी एनटीपीसी और ग्रुप डी की परीक्षाओं की तिथि जारी कर दी।

 

घरों में दीवाली से पहले दीवाली मनाई बेरोजगार छात्रों

अब 9 सितंबर को #9बजे9मिनट ट्विटर पर ट्रेंड हुआ।

सभी से अपील की गई कि वह रात नौ बजे घरों में दिया जलाए और उसे सोशल मीडिया पर शेयर करे। छात्रों ने इसमें भी बढचढ कर भाग लिया।

छात्रों ने दीवाली पूर्व ही दीवाली मनाई।

 

प्रतिवर्ष 2 करोड नौकरी देने का था वादा

 

वर्ष 2014 के पहले चुनावी रेली में तब प्रधानमंत्री पद के प्रत्‍याशी नरेन्‍द्र मोदी ने देश के छात्रों से प्रतिवर्ष 2 करोड रोजगार देने का वादा किया था।

इस वादे पर करोडों युवाओं ने मोदी जी को वोट दिया। जब भाजपा की सरकार बनी तो रोजगार पर बात ही नहीं की जा रही थी।

जब भी छात्र रोजगार पर बात करना चाहते थे, तो मीडिया के द्वारा उनका ध्‍यान भटकाया जा रहा था। छात्र सरकार की इस चाल को समझ गए है।

 

सरकार के पोर्टल पर 1 करोड बेरोजगारों ने कराया रजिस्‍ट्रेशन

 

भारत सरकार के नेशनल केरियर सर्विस पोर्टल पर 1 करोड से अधिक बेरोजगारों द्वारा रजिस्‍ट्रेशन कराया गया है।

जबकि नौकरी केवल 1.77 लाख ही उपलब्‍ध है।

ऐसे में बेरोजगारी की हालत आप समझ गए होंगे।

वहीं सीएमआई की रिपोर्ट के मुताबिक लॉकडाउन के कारण भारत के 12 करोड से अधिक लोग बेरोजगार हुए है।

 

 

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